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झारखंड

साक्षी महाराज झारखंड के गिरिडीह में 14 दिन के लिए किए गए क्वारंटीन, हेमंत सरकार व जिलाधिकारी पर बिफरे

Janjwar Desk
29 Aug 2020 2:27 PM GMT
BJP MP Sakshi Maharaj
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भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने एआईएमआईएम ओवैसी को खुली चुनौती दी। 

साक्षी महाराज पर झारखंड में लाॅकडाउन नियम के उल्लंघन का आरोप लगा है, जबकि उनका कहना है कि वे अपनी मां से मिलने कुछ घंटे के लिए आए थे और वापस लौट रहे थे, तभी उन्हें जबरन रोक दिया गया...

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज शनिवार को झारखंड के गिरिडीह में क्वारंटीन (Sakshi Maharaj quarantine)Sakshi Maharaj angry quarantineकर दिए गए। गिरिडीह जिला प्रशासन ने उन्हें कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लाॅकडाउन नियम तोड़ने का मामले को लेकर क्वारंटीन किया है। झारखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर यह नियम है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य प्रांत से राज्य में आएगा तो उसे 14 दिनों तक होम क्वारंटीन में रहना होगा।

साक्षी महाराज के अनुसार, गिरिडीह में उनका एक आश्रम है, जहां उनकी मां रहती हैं। साक्षी महाराज अपनी मां से मिलने ही गिरिडीह पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उनकी 97 वर्षीया मां बीमार हैं और क्या एक बेटा अपनी मां से नहीं मिल सकता है। उन्होंने झारखंड की झामुमो-कांग्रेस सरकार व गिरिडीह जिला प्रशासन पर अपना गुस्सा निकाला। साक्षी महाराज ने कहा कि झारखंड में हमारी भी सरकार रही है, लेकिन अभी यह ठीक नहीं हो रहा है।

साक्षी महाराज ने कहा कि क्वारंटीन उसे किया जाता है जो 24 घंटे से अधिक वक्त रहे, मैं आया और कुछ घंटे में मिल कर वापस जा रहा था और मुझे इस तरह रोक दिया गया। जिला प्रशासन ने उन्हें पीरटांड़ थाना क्षेत्र में रोका और फिर शहर के शांति भवन आश्रम में क्वारंटीन कर दिया। उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया गया है।

नाराज साक्षी महाराज ने उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव से हस्तक्षेप के लिए बात की। उन्होंने कहा कि वे सांसद हैं, सीनियर सांसद हैं और छह बार से लगातार जीत रहे हैं। यहां के जिलाधिकारी उन्हें संसद सत्र में शामिल होने से नहीं रोक सकते। साक्षी महाराज ने गिरिडीह के डीसी राहुल सिन्हा का नाम लेते हुए कहा कि वह आइएएस हैं और आइएएस ही रहेंगे।

हालांकि कहा जा रहा है कि साक्षी महाराज शुक्रवार को ही गिरिडीह आए थे और शांति भवन आश्रम में ठहरे थे। वे अक्सर यहां आते रहते हैं। फिर शनिवार को दोपहर वे गिरिडीह से धनबाद जा रहे थे, इसी दौरान साढे 12 बजे उन्हें पीरटांड़ में रोका गया। एसडीओ ने प्रेरण दीक्षित ने उन्हें सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप 14 दिन तक शांति भवन आश्रम में ही रहने को कहा।

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