Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Junglon Ki Encyclopedia : बदन पर सिर्फ सूती कपड़ा और नंगे पांव पद्मश्री सम्मान लेने पहुंची तुलसी गौड़ा, पीएम मोदी और शाह के साथ फोटो वायरल

Janjwar Desk
9 Nov 2021 5:40 AM GMT
Junglon Ki Encyclopedia : बदन पर सिर्फ सूती कपड़ा और नंगे पांव पद्मश्री सम्मान लेने पहुंची तुलसी गौड़ा, पीएम मोदी और शाह के साथ फोटो वायरल
x

पद्म श्री सम्मान से सम्मानित तुलसी गौड़ा की तस्वीर पीएम मोदी और अमित शाह के साथ सोशल मीडिया पर वायरल।

Junglon Ki Encyclopedia : कर्नाटक की पर्यावरणविद् तुलसी गौड़ा को 30,000 से अधिक पौधे लगाने और पिछले छह दशकों से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में शामिल रहने के लिये पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

Junglon Ki Encyclopedia : कर्नाटक की पर्यावरणविद् तुलसी गौड़ा ( Tulsi Gowda ) को 30,000 से अधिक पौधे लगाने और पिछले छह दशकों से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों में शामिल रहने के लिये पद्मश्री से सम्मानित किया गया। जब वह सम्मान लेने के लिए पहुंची तो उनके बदन पर पारंपरिक धोती थी और पैरों के नीचे चप्पल तक नहीं थी, पीएम मोदी ( PM Modi ) और अमित शाह ( Amit shah ) से उनका सामना हुआ तो दोनों दिग्गज नेताओं ने उनकी उपलब्धि का सम्मान करते हुए उन्हें नमस्कार किया। इस तस्वीर को वहां मौजूद प्रेसकर्मियों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। अब यह सोशल मीडिया ( Social Media ) पर चर्चा का विषय बनी हुई है।

Also read : Kangana Ranaut ने फिर मचाई खलबली, कहा - पैसे से ज्यादा दुश्मन बनाए, ये अवॉर्ड बहुत से लोगों... का मुंह बंद करा देगा

कर्नाटक में हलक्की जनजाति से नाता रखने वाली तुलसी गौड़ा का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। स्थिति इतनी चिंताजनक थी कि उन्होंने कभी औपचारिक शिक्षा तक ग्रहण नहीं की। प्रकृति के प्रति प्रेम के चलते वह अपना ज्यादातर समय जंगलों में बितातीं। धीरे-धीरे यह जंगल भी उन्हें पहचानने लगाष पौधों और जड़ी-बुटियों के ज्ञान के कारण आज दुनिया उन्हें 'जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया' के रूप में जानता है।

जीवन के सात से ज्यादा दशक देखने के बाद तुलसी गौड़ा पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए पौधों का पोषण करना और युवा पीढ़ी के साथ अपने ज्ञान को साझा करना जारी रखती हैं। तुलसी गौड़ा एक अस्थायी स्वयंसेवक के रूप में वन विभाग में भी शामिल हुईं, बाद में उन्हें विभाग में स्थायी नौकरी की पेशकश की गई। पद्मश्री तुलसी गौड़ा की सादगी भरी तस्वीर जब सोशल मीडिया पर सामने आई तो लोग मंत्र मुग्ध हो गए। उनकी मेहनत और समर्पण की चर्चाएं होने लगीं।

Alsi Read : Chhath Puja 2021 : खरना के दिन खाई जाती है गुड़ से बनी खीर और पूरी, जानिए इसके फायदे

नरेंद्र कुमार चावला (@NarenderChawla1) नाम के यूजर ने तस्वीर के साथ लिखा कि धर्म और संस्कृति का जीता जागता उदाहरण, मोदी है तो मुमकिन है । धर्म और संस्कृति से ही देश को विश्व गुरु बनाया जा सकता हैं। भारत नाम के (@rakesh_bstpyp) यूजर लिखते हैं भारत की आत्मा पुरस्कार ले रही है, यह वो देश है जहां सोने की लंका वाले ब्राह्मणवंशी रावण को जलाया जाता है, और जंगली बनवासी धोती लपेटे राम को पूजा जाता है। भारत मे चित्र को नही चरित्र को पूजा जाता है, र्नाटक की पर्यावरणविद तुलसी गौडा पद्म श्री से सम्मानित की गईं।

वहीं अजय दुबे (@AjayDindian) ने लिखा कि ऐसे किरदारों को जब पदम् पुरस्कार मिलते है तो खुद पुरस्कार का सम्मान उनकी क्रेडिबिलिटी बढ़ती है। सामान्य दृष्टि में पैर में चप्पल नही तन ढकने भर कपड़े नही पर उपलब्धि ऐसी देश के 2 सबसे ताकतवर आदमी समाने हाथ जोड़े बैठे है। पत्रकार अभिनव पांडे (@Abhinav_Pan) ने एक अन्य तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा हाड़ मांस का जर्जर सा शरीर, शरीर पर पारंपरिक धोती, हाथ में पद्म श्री और चेहरे पर गजब की खुद्दारी !! कर्नाटक से 77 बरस की तुलसी गौड़ा हैं। 30 हजार से ज्यादा पेड़ लगा चुकी हैं। खेत की पगडंडी से चलकर राष्ट्रपति भवन की लाल कालीन पर इन नंगे कदमों का पहुंचना,वाकई सुखद है।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध