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राष्ट्रीय

'किसानों के सिर फोड़वा' SDM आयुष सिन्हा को BJP सरकार ने पंचकुला का बनाया ADC, जस्टिस एसएन अग्रवाल जांच आयोग भंग

Janjwar Desk
7 Jan 2022 5:57 PM GMT
करनाल लाठीचार्ज: जस्टिस अग्रवाल जांच आयोग रिपोर्ट आने से पहले ही भंग, लाठीचार्ज आरोपी SDM आयुष सिन्हा का तबादला
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जस्टिस अग्रवाल जांच आयोग रिपोर्ट आने से पहले ही हुई भंग
SN Aggarwal Commission : जस्टिस अग्रवाल पिछले 10 दिनों से सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उनके द्वारा सरकार को रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही आयोग को भंग करने की अधिसूचना जारी कर दी गई...

SN Aggarwal Commission : हरियाणा सरकार ने करनाल के बसताड़ा टोल (Karnal Bastara Lathi Charge) के पास हुए लाठीचार्ज मामले की जांच के लिए गठित जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग को भंग कर दिया है। एक सदस्यीय आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसएन अग्रवाल (Justice SN Aggarwal) पिछले 10 दिनों से सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनके द्वारा सरकार को रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही आयोग को भंग करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। आयोग भंग होने के साथ ही जस्टिस एसएन अग्रवाल (SN Aggarwal Ayog Report) द्वारा की गई जांच और तैयार की गई रिपोर्ट का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है। साथ ही, करना लाठीचार्ज में तत्काल एसडीएम और आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा की भूमिका की भी जांच आयोग को करनी थी। मगर, आयोग की रिपोर्ट लिए बिना ही सरकार ने इसे भंग कर दिया।

हरियाणा के होम सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा ने जस्टिस एसएन अग्रवाल जांच आयोग को भंग करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। जरूरी बात यह है कि जस्टिस अग्रवाल 10 दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं। वे सरकार को रिपोर्ट सौंपना चाहते हैं, लेकिन सरकार (Haryana Government) ने अभी तक उनसे रिपोर्ट नहीं ली है। माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है।

बता दें कि किसान संगठनों के आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान जब किसानों पर बसताड़ा टोल (Bastara Toll Lathicharge) के पास लाठीचार्ज हुआ था और तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा (SDM Ayush Sinha) पर लाठीचार्ज के आदेश देने के आरोप लगे थे, तब किसानों के विरोध के बाद सरकार ने एसएन अग्रवाल आयोग (SN Aggarwal Inquiry Commission) का गठन किया था। आयोग बनने की अधिसूचना 25 सितंबर को जारी हुई थी, जबकि आयोग ने अक्टूबर में अपना कामकाज शुरू कर दिया था। इस दौरान 100 से अधिक लोगों की गवाहियां हुई और डेढ़ सौ पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गई। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद किसान संगठनों का आंदोलन खत्म हो गया। तब से ही उम्मीद की जा रही थी कि जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग को भंग किया जा सकता है।

एसडीएम आयुष सिन्हा का हुआ तबादला

आयोग के जस्टिस एसएन अग्रवाल ने अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा था, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana CM Manohar Lal Khattar) की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यस्ताओं की वजह से वह उन्हें अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप पाए। इसी बीच आयोगी को भंग कर दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ, रिपोर्ट मिलने से पहले ही आईएएस और एसडीएम आयुष सिन्हा को पंचकूला एडीसी कम-सिटिजन रिसोर्स इन्फॉर्मेशन ऑफिसर के तौर पर लगा दिया है। गुरुवार 6 जनवरी को आयुष सिन्हा का तबादला किया गया। सिन्हा का करनाल लाठीचार्ज के दिन सिर फोड़ देने और लाठीचार्ज के बयान का वीडियो सामने आने के बाद किसानों का आंदोलन तेज हो गया था।

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