Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

करनाल में लाठीचार्ज के बाद किसान सुशील काजल की मौत, ढासा बॉर्डर पर किसानों ने रद्द किए कार्यक्रम

Janjwar Desk
29 Aug 2021 11:40 AM GMT
करनाल में लाठीचार्ज के बाद किसान सुशील काजल की मौत, ढासा बॉर्डर पर किसानों ने रद्द किए कार्यक्रम
x

किसानों ने ढासा बॉर्डर पर सुशील काजल के निधन पर श्रद्धांजलि दी। उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

किसानों का आरोप है कि पुलिस की बर्बर कार्रवाई के कारण ही किसान की मौत हुई है, उनका कहना है कि वह आखिरी सांस तक किसान आंदोलन को जारी रखेंगे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि घटना से साबित होता है कि देश में सरकारी तालिबानों का कब्जा हो चुका है....

जनज्वार। हरियाणा के करनाल में शनिवार 28 अगस्त को भाजपा नेताओं की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया। इस दौरान दर्जनों किसान बुरी तरह घायल हुए। वहीं अब खबर है कि कथित तौर पर लाठीचार्ज के बाद एक किसान सुशील काजल की मौत हो गई है। हालांकि मृतक के परिजनों ने अभी तक इस मामले पर कुछ नहीं कहा है।

सुशील काजल की मौत पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ट्वीट कर कहा कि भाई सुशील काजल डेढ़ एकड़ के किसान थे। वह नौ महीने से आंदोलन में अपनी हिस्सेदारी दे रहे थे। कल 28 अगस्त कोकरनाल टोल प्लाजा पर जो पुलिस ने लाठियां चलाईं। उनको बहुत चोट आयी थीं। रात को हार्ट फेल के कारण शरीर त्यागकर भगवान को प्यारे हो गए। हम उनके बलिदान के आभारी रहेंगे।

जानकारी के मुताबिक मृतक किसान सुशील काजल (50 वर्षीय) करनाल जिले रायपुर जाटान गांव के रहने वाले थे। वह कई महीनों से किसान आंदोलन के साथ जुटे हुए थे। पुलिस ने शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर करनाल में बसतारा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज किया था। इसमें करीब तीन दर्ज किसान घायल हो गए थे। बताया जा रहा है कि सुशील काजल की मौत लाठीचार्ज के बाद रात को हार्ट अटैक से हुई है।

किसानों ने ढासा बॉर्डर पर सुशील काजल के निधन पर श्रद्धांजलि दी। उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। किसान की मौत के बाद ढासा बॉर्डर पर बैठे किसानों ने अपने सभी प्रोग्राम रद्द करते हुए माइक को भी बंद कर दिया।

किसानों का आरोप है कि पुलिस की बर्बर कार्रवाई के कारण ही किसान की मौत हुई है। उनका कहना है कि वह आखिरी सांस तक किसान आंदोलन को जारी रखेंगे। वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि घटना से साबित होता है कि देश में सरकारी तालिबानों का कब्जा हो चुका है। सुशील के एक बेटा व एक बेटी है। दोनों की शादी हो चुकी है। सुशील के परिवार में उसके तीन और भी भाई है।

Next Story

विविध