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Lakhimpur Kheri Case में अजय मिश्रा, केशव मौर्य को SIT जांच में आरोपी के रूप में शामिल करने की मांग, SC में जनहित याचिका दायर

Janjwar Desk
23 Dec 2021 8:57 AM GMT
Lakhimpur Kheri Case में अजय मिश्रा, केशव मौर्य को SIT जांच में आरोपी के रूप में शामिल करने की मांग, SC में जनहित याचिका दायर
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(लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई)

Lakhimpur Kheri Case : याचिकाकर्ता ने यह कहकर मामले में गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा को आरोपी के रूप में शामिल करने की मांग की है कि उन्होंने पीड़ितों को यह कहकर धमकी दी थी...........

Lakhimpur Kheri Case : लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teny) और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) की संलिप्तता की एसआईटी (SIT) जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है। यह जनहित याचिका बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) ने दाखिल की है।

खबरों के मुताबिक अधिवक्ता प्रदीप कुमार यादव द्वारा तैयार और संजीव मल्होत्रा एओआर द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की जांच में टेनी और मौर्य को शामिल करने का निर्देश देने की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने यह कहकर मामले में गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा को आरोपी के रूप में शामिल करने की मांग की है कि उन्होंने पीड़ितों को यह कहकर धमकी दी थी- आप भी किसान हैं। यहां आंदोलन क्यों नहीं फैला ? ये दस-पंद्रह लोग हैं। अगर मैं कार से नीचे उतरा तो उन्हें बचने का कोई रास्ता नहीं मिलेगा। इस प्रकार अगर कृषि कानून खराब थे तो आंदोलन पूरे देश में फैल जाना चाहिए था। यह क्यों नहीं फैला? यह क्यों नहीं फैला? मैं ऐसे लोगों को सुधर जाने के लिए कह रहा हूं। अन्यथा हम आपको सही कर देंगे। केवल दो मिनट का समय लगेगा..।

इसके अलावा आपीसी की धारा 149 (गैर कानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी है) का संदर्भ देते हुए याचिका में कहा गया है, मिश्रा को हिंसा में किसानों और पत्रकारों को मारने में शामिल पाया गया है, इसलिए एसआईटी को मामले में मिश्रा को शामिल करना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि टेनी ने अपने बेटे को उसकी योजना पर अमल के लिए भेजा था जिसमें वह सफल हुआ इसलिए जिस अपराध के लिए उसका बेटा और अन्य आरोपी व्यक्ति न्यायिक हिरासत में हैं, उसे भी उस अपराध में पकड़ा जाना चाहिए।

हाल ही में लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल ने लखीमपुर स्थानीय अदालत के समक्ष कहा था कि घटना के दौरान मौजूद लोगों को मारने की साजिश रची गई थी। इसके अलावा, एसआईटी ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा सहित आरोपियों के खिलाफ आरोपों को संशोधित करने के लिए अदालत के समक्ष प्रार्थना की है।

एसआईटी ने आवेदन में कहा गया है, अबतक की गई जांच और एकत्र की गई सामग्री से ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त कृत्य आरोपी द्वारा किया गया एक लापरवाहीपूर्ण कार्य नहीं था बल्कि यह जानबूझकर व पूर्व नियोजित योजना के अनुसार की गई हत्या है।

केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की एसयूवी कथित तौर पर काफिले का हिस्सा थी। इसके बाद पुलिस ने आशीष मिश्रा और कई अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हिंसा के संबंध में एफआईआर दर्ज की थी।

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