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Seoni Simaria Mob Lynching: मध्य प्रदेश में जिन दो आदिवासियों की गौ हत्या के नाम पर हुई लिंचिंग, उनके लिए मेधा पाटकर ने उठाई आवाज
Seoni Simaria Mob Lynching: मध्य प्रदेश में जिन दो आदिवासियों की गौ हत्या के नाम पर हुई लिंचिंग, उनके लिए मेधा पाटकर ने उठाई आवाज
Seoni Simaria Mob Lynching: 3 मई 2022 की रात सिवनी जिले के कुरई पुलिस थाना के बादलपार पुलिस चौकी अन्तर्गत सिमरिया गांव में गाय काटने के शक में बजरंग दल और श्री राम सेना की उग्र भीङ ने आदिवासियों पर हमला कर दिया। बीच- बचाव करने आई घर की महिलाओ के साथ अभद्रता की गई।इस घटना में बजरंग दल और श्री राम सेना के लगभग 20 से अधिक कार्यकर्ताओ ने शेर सिंह चौहान के नेतृत्व में यह अंजाम दिया।अत्यधिक मारपीट करने से धानसा इनवाती और संपत बट्टी की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गया और एक अन्य नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती है।
ज्ञात हो कि आदिवासी समुदाय सबसे बङा पशुपालक समाज है।ये अपने पशु को परिवार का हिस्सा मानते हैं।महाकौशल के आदिवासी समाज में गाय मांस खाने की कोई परम्परा नहीं रही है।अगर कोई शक था तो इसकी जानकारी कुरई थाना प्रभारी को देना था और उनके साथ जाकर पकङवाना था। खुद कानून व्यवस्था हाथ में लेना यह जंगल राज का प्रतिक है।हम इसकी घोर भर्त्सना करते हैं। आदिवासियों का प्रकृति धर्म रहा है।इसके प्रणेता बिरसा मुंडा थे। जहां शासन बिरसा मुंडा की जयंती करोङों रूपया खर्च कर मनाती है,उसी प्रदेश में आदिवासीयों की संस्कृति पर हमला कैसे ?
संविधान की पांचवी अनुसूचि के तहत आदिवासियों की सुरक्षा और पेसा के तहत जनतांत्रिक अधिकार कुचला जा रहा है। जीने के अधिकारों को भी नकारात्मक सोच से दरकिनार किया जा रहा है।
आदिवासियों पर अत्याचार की यह पहली घटना नहीं है।साल सितंबर 2021 में बिस्टान(खरगौन) और ओंकारेशवर (खंडवा) के बिसन भील और किशन निहाल की पुलिस हिरासत में मौत हो गया।न्यायिक जाँच में पुलिसकर्मी दोषी पाया गया।अगस्त 2021 में नीमच में गरीब आदिवासी मजदूर कन्हैयालाल भील को सङक पर घसीटा गया और पीट-पीटकर कर मार डाला गया।इसी प्रकार मई 2021 में नेमावर के कोरकु आदिवासी परिवार की हत्या की गई।
केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय की 2020 - 21 की सलाना रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासियों पर अपराध और अत्याचार देश में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश की हिस्सेदारी 23 फीसदी है।एक आंकङे के अनुसार 2017 से 2020 के बीच मध्यप्रदेश में आदिवासियों के खिलाफ अपराध - अत्याचार के 8480 मामले दर्ज हुए हैं। उपरोक्त घटनाओं के संदर्भ में जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय मध्यप्रदेश सरकार से मांग करता है कि आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांध प्रचार और हिंसा को रोका जाए। जिससे आदिवासी संस्कृति एवं परम्पराओं की रक्षा की जाए। इस हत्याकांड प्रकरण को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय दिलाया जाए।जिले में कानून व्यवस्था को संभालने वाले अक्षम अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही किया जाए।