Mountaineer Santosh Yadav : संघ पर लगता रहा है महिला विरोधी होने का ठप्पा, क्या इसलिए संतोष यादव को बना रहा मुख्य अतिथि?

Mountaineer Santosh Yadav : संघ पर लगता रहा है महिला विरोधी होने का ठप्पा, क्या इसलिए संतोष यादव को बना रहा मुख्य अतिथि?
Mountaineer Santosh Yadav: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नागपुर में होने वाले वार्षिक दशहरा समारोह में सुप्रसिद्ध पर्वतारोही संतोष यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। आरएसएस के संयुक्त प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि वह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित की जाने वाली पहली महिला मुख्य अतिथि होंगी। इस कार्यक्रम में संगठन प्रमुख मोहन भागवत विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे और आगे का एजेंडा तय किया जाएगा।
54 वर्षीय यादव दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली महिला हैं। उन्होंने मई 1992 और मई 1993 में एवरेस्ट पर चढ़ कर इतिहास रच दिया था। आरएसएस हर साल विजयदशमी उत्सव पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रख्यात हस्तियों को इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करता है। इससे पहले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी मुख्य अतिथि रहे चुके हैं।
संघ ने अपने इतिहास के 92 सालों में पहली बार किसी महिला को कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। 5 अक्टूबर को दशहरे के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। अपने 100 साल पूरे करने जा रहा आरएसएस इन दिनों महिला अधिकारों को लेकर सक्रिय है। नागपुर महानगर के संघचालक राजेश लोया ने कहा कि संघ ने पर्वतारोही और पद्मश्री विजेता संतोष यादव को आमंत्रित किया है। इस आयोजन में मुख्य वक्त के तौर पर सर संघ चालक मोहन भागवत मौजूद रहेंगे।
संतोष यादव को आमंत्रण देने को संघ के रवैये में बदलाव के तौर पर भी देखा जा रहा है। मौजूदा सरसंघचालक मोहन भागवत अकसर महिला अधिकारों की वकालत करते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि महिलाएं भले ही पुरुषों के मुकाबले जैविक रूप से अलग हैं, लेकिन कार्यक्षमता और कुशलता में वे उनके समान ही हैं। यही नहीं उन्होंने एक भाषण में कहा था कि महिलाओं को हम एक तरफ जगतजननी कहते हैं और दूसरी तरफ घरों में उनसे गुलामों जैसा बर्ताव किया जाता है। एक आयोजन में मोहन भागवत ने कहा था कि महिलाओं के सशक्तीकरण की शुरुआत घर से ही होनी चाहिए और उन्हें समाज में सही स्थान मिलना चाहिए।











