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PM Modi Punjab rally : सुरक्षा में चूक या भीड़ की भूख - क्या है प्रधानमंत्री की रैली रदद् होने का असली कारण

Janjwar Desk
6 Jan 2022 6:00 AM GMT
PM Narendra Modi  Punjab rally
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पीएम मोदी की रैली रद्द, सुरक्षा में चूक या भीड़ की भूख। 

PM Modi Punjab rally : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक तक हेलिकॉप्टर से जाना था लेकिन बारिश और खराब विजिबिलिटी की वजह से उन्होंने सड़क के रास्ते जाने का फैसला लिया। और फिर जा हुआ, वो सबके सामने है, लेकिन देश के जागरूक लोग अब भी यह जानना चाहते हैं कि वास्तव में हुआ क्या?

पीएम की सुरक्षा में चूक या भीड़ की भूख पर धीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट

PM Modi Punjab rally : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) बुधवार को पंजाब ( Punjab ) के फिरोजपुर ( Firozpur ) में रैली करने वाले थे, लेकिन रैली स्थल पर जाते वक्त हुसैनीवाला ( Husaniwala ) में सड़क पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले को रोक दिया, जिसके चलते उन्हें करीब 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों की जिद की वजह से पीएम मोदी के काफिले को वापस लौटना पड़ा। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनमें से एक सवाल यह भी है कि पीएम की रैली ( PM Modi Rally ) सुरक्षा में चूक या भीड़ की भूख ( default security or hunger of crowd ) की वजह से रद्द हुई। क्या भीड़ होती तो भी काफिला रुकने के बाद पीएम मोदी कार्यक्रम रद्द कर देते। क्या है इसकी सच्चाई, पढ़िए पूरी स्टोरी।

क्या भीड़ होती तो भी पंजाब रैली रद्द कर देते PM Modi?

बुधवार को पंजाब में पीएम मोदी की रैली को लेकर हुसैनीवाला में जो कुछ हुआ, वैसा नहीं होना चाहिए था। इसको लेकर सभी के अपने-अपने दावे प्रतिदावे हो सकते हैं। पर पीएम नरेंद्र मोदी के राजनैतिक नेतृत्व शैली और रैली रद्द होने के बाद भाजपा के आक्रामक रुख को देखते हुए, अहम सवाल यह भी उठता है कि अगर पीएम मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल पर भीड़ होती तो भी वह रैली रद्द कर देते? उनकी कामकाज और लोकप्रियता हासिल करने को लेकर उनकी जो नेतृत्व शैली अब तक रहा है, उसको देखते हुए तो कोई यही कहेगा कि नहीं, ऐसी स्थिति में पीएम मोदी कोई दूसरा विकल्प निकालते और रैली को संबोधित करने कार्यक्रम स्थल तक जरूर पहुंचते।

अगर, ऐसा है तो फिर पीएम ने रैली रद्द क्यों की? केवल इसलिए न, कि एक तो मौसम खराब और दूसरी बात रैली स्थल पर भीड़ न होना। ऐसे में पीएम व उनकी सियासी टीम के मन में यह सवाल जरूर कौंधा होगा कि इसका लाभ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भाजपा को पंजाब में कमजोर साबित करने के लिए उठाएंगे। इसलिए मुफीद यही था कि रैली रद्द कर दो और फ्लाईओवर पर भीड़ के जमा होने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ दो। भाजपा नेताओं ने भी अपने नेतृत्व की ओर से मिले संकेत को भांपते हुए ठीक वही किया जैसा मैसेज मिला। इस बात में, दम इसलिए भी है कि रैली रद्द करने का फैसला केवल एसपीजी का नहीं हो सकता है।

भीड़ कैसे पहुंची फ्लाईओवर तक?

इस सवाल का जवाब का ढूंढने के लिए मैं, आपको एबीपी न्यूज के एक प्रत्यक्षदर्शी युवक का हवाला देना चाहूंगा। युवक की बातों से साफ संकेत मिलता है कि भीड़ ने सुरक्षा सख्त होते ही भांप लिया कि पीएम का कााफिला यहां से गुजरने वाला है। चूंकि, पीएम मोदी से पंजाब के किसान पहले से नाराज हैं और फ्लाईओवर के नीचे से पहले से वो प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में नाराज और प्रदर्शनकारी किसानों ने इसके दूरगारी प्रभाव का आकलन न करते हुए, यह फैसला ले लिया हो​ कि पीएम को ही क्यों न रोक लिया जाए, इससे अच्छा मौका फिर कभी हाथ नहीं आएगा। इसके बाद भीड़ में शामिल कुछ होने ने दुस्साहस का परिचय देते हुए मोदी के काफिले को रोक लिया।

ये सब पॉलिटिकल स्टंट है, नौकरशाह इतना बड़ा रिस्क नहीं ले सकता

राजनीति और गवर्नेंस मामलों के विश्लेषक राजेश भारती ( Rajesh Bharti ) का कहना है कि भारतीय राजनेताओं और नौकरशाहों का जिस तरह से गठजोड़ का इतिहास है, उसमें अकेले दम पर कितना भी दमदार आईपीएस अधिकारी इतना बड़ा खतरा मोल नहीं ले सकता है। अगर यह साजिश है तो उसके पीछे सियासी बैकअप जरूर रहा होगा। लेकिन वो यह भी बताते हैं कि ये पीएम मोदी का स्टाइल आफ पॉलिटिक्स भी हो सकता है। जैसे-तैसे प्रदर्शनरत मोदी विरोधी भीड़ वहां पहुंच गई और पीएम को रैली रद्द करना पड़ा, जिसे भाजपा ने पॉलिटिकल स्टंट के रूप में कांग्रेस के खिलाफ बखूबी इस्तेमाल किया है। भारती का कहना है कि पीएम की रैली को रद्द करवाने में कांग्रेस को किसी भी नजरिए से लाभ होने की गुंजाइश बनती नहीं है। ऐसे में कांग्रेस प्रायोजित तरीके से भीड़ जमाकर खुद के खिलाफ ऐसा कदम क्यों उठाएगी।

ये है पीएम की रैली रद्द होने का क्रमवार सिलसिला

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) को हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक तक हेलिकॉप्टर से जाना था, लेकिन बारिश और खराब विज़िबिलटी की वजह से सड़क के रास्ते जाने का निर्णय लिया गया। इससे पहले पीएम मोदी ने बठिंडा में मौसम साफ होने का करीब 20 मिनट इंतज़ार भी किया, लेकिन जब मौसम सही नहीं हुआ तो काफिला आगे बढ़ा था।

कहां और कैसे फंसा पीएम का काफिला?

पंजाब के बठिंडा से पीएम मोदी का काफिला राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए निकला, लेकिन मंजिल से लगभग 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री मोदी का काफिला हुसैनीवाला के पास एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो, वहां कुछ प्रदर्शनकारी सड़क को जाम कर चुके थे। इसकी वजह से पीएम मोदी को 15 से 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर ही फंसे रहना पड़ा। इसके बाद पीएम को वहां से वापस लौटना पड़ा, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना है।

गृह मंत्रालय के बयान में क्या है?

बुधवार को गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर हेलीकॉप्टर से जाना था। बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। जब मौसम में सुधार नहीं हुआ तो यह तय हुआ कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगेगा। डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद वह सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो, वहां कुछ प्रदर्शनकारी सड़क को जाम कर चुके थे। 15-20 मिनट तक प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर फंसे रहे। अंत में पीएम की रैली को रद्द कर दिया गया।

इस बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए थी। गृह मंत्रालय ( एमएचए ) ने इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को भी इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।

पंजाब पुलिस ने की सूचना लीक

इस बीच भारतीय किसान यूनियन के सुरजीत सिंह ने मीडिया को बताया है कि पंजाब पुलिस ने कहा था सड़क मार्ग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं। दूसरी तरफ पीएम की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए पंजाब सरकार ने तीन सदस्यीय समिति बनाई। समिति को तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

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