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राष्ट्रीय

PM Modi Security Lapses : SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी जांच, केंद्र व पंजाब सरकार की कमेटी रद्द

Janjwar Desk
10 Jan 2022 1:46 PM IST
PM Modi Security Lapses
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पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी जांच

PM Modi Security Lapses : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक के मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई वाली कमेटी करेगी। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के डीजी (DG) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के पंजाब यूनिट के एडिशनल डीजी (DG) शामिल होंगे...

PM Modi Security Lapses : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। बता दें कि आज इस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट कमेटी गठित करने के लिए राजी हो गई है। इसके साथ ही केंद्र व पंजाब सरकार को अपनी-अपनी जांच रोकने का आदेश दे दिया गया है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच को गंभीरता से लिया गया है| पंजाब सरकार ने भी माना है कि सुरक्षा में चूक हुई है, लेकिन हम यह तय कर रहे हैं कि जांच का दायरा क्या होगा।

जांच के लिए बनी कमेटी

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक के मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई वाली कमेटी करेगी। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के डीजी (DG) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के पंजाब यूनिट के एडिशनल डीजी (DG) शामिल होंगे। बता दें कि यह आदेश सोमवार को चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि पीएम के दौरे पर ब्लू बुक के हिसाब से सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया गया था। राज्य में डीजीपी (DGP) की देखरेख में रूट पर सुरक्षा इंतजाम किए जाने थे लेकिन इसमें चूक हुई है। इस मामले में पंजाब के अफसरों को नोटिस जारी किया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

पंजाब सरकार ने की निष्पक्ष जांच की मांग

बता दें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और एक कमेटी उसकी देखरेख में गठित करने की मांग की थी। बता दें कि केंद्र सरकार का कहना था कि उसकी ओर से एक कमेटी पहले से बनाई गई है। साथ ही केंद्र की तरफ से कहा गया कि केंद्र कमेटी की जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौपेंगा और समीक्षा करके उसी रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई तय करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर राजी नहीं हुआ।

राज्य व केंद्र सरकार ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि राज्य ने 7 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है| जिसमें उनसे पूछा गया है कि पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। उधर' केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस पूरे मामले में डीजी (DG) और खुफिया अधिकारी जिम्मेदार हैं, क्योंकि उनकी ओर से रोड ब्लॉक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि केंद्र की ओर से इस मामले में पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

पीएम दौरे की हुई थी रिहर्सल

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी का दौरा अचानक नहीं हुआ था| इसके लिए 4 जनवरी को रिहर्सल भी हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के उच्च अधिकारियों को पीएम मोदी के दौरे के बारे में पूरी जानकारी थी| यह भी पता था कि मौसम खराब हुआ तो पीएम मोदी सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं। इसके साथ ही तुषार मेहता ने बताया कि पीएम मोदी के दौरे में डीजीपी व चीफ सेक्रेटरी या फिर उनका प्रतिनिधि पीएम के साथ चलता है। यह सिर्फ प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं है। पीएम के सुरक्षा समन्वय का हिस्सा है। जानकारी के अभाव में पीएम मोदी का काफिया रोड ब्लॉक के पास पहुंच गया था। बता दें कि केंद्र ने कैबिनेट सेक्रेटरी, आईबी निदेशक व एसपीजी के आईजी की कमेटी बनाई है।

केंद्र की कमेटी पर पंजाब सरकार ने जताई आपत्ति

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की ओर से कहा गया कि मामले की कार्यवाही उनके द्वारा बनाई गई कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर की जाए। केंद्र का कहना है कि केंद्र जांच पूरी करके सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंप देगा, उसकी समीक्षा करके कार्रवाई की जा सकती है। इस पर पंजाब सरकार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि केंद्र की ओर से बनाई गई समिति में एनएसजी के अधिकारी हैं। अन्य केंद्रीय अधिकारी हैं, इसलिए पंजाब सरकार को केंद्र द्वारा बनाई गई कमेटी पर विश्वास नहीं है।

पिछली सुनवाई में सुरक्षित रखवाए गए थे रिकॉर्ड

बता दें कि इस मामले की पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम दौरे का रिकॉर्ड कब्जे में लेकर सुरक्षित रखने को कहा था। इसके लिए उन्हें एनआईए के आईजी संतोष रस्तोगी और चंडीगढ़ पुलिस की मदद भी दी गई थी। बता दें कि यह मामला 5 जनवरी का है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में चुनावी रैली को संबोधित करने फिरोजपुर जा रहे थे। तब रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने जाम लगा दिया| जिससे एक फ्लाईओवर पर उनके काफिले को तकरीबन 20 से 15 मिनट तक के लिए रुकना पड़ा था| जिसके बाद वह वापस भटिंडा लौट आए और इसे पीएम की सुरक्षा में चूक बताया गया।

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