President Election 2022 : द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया, जानें भारतीय राजनीति में उनकी अहमियत
President Election 2022 : भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व वाली एनडीए ( NDA ) की ओर से द्रौपदी मुर्मू ( Draupdi Murmu ) ने राष्ट्रपति पद ( President Post ) के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल ( Nomination filled ) किया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य लोग मौजूद थे।
राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के दौरान ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल ( BJD ) के प्रतिनिधि के रूप में राज्य सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे। बीजद ने मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री मोदी मुर्मू के नामांकन पत्र में पहले प्रस्तावक रहे। भाजपा अध्यक्ष नड्डा सहित पार्टी के अन्य शीर्ष नेता भी प्रस्तावकों में शामिल हुए।
बता दें कि इसके पहले प्रतिभा पाटिल को भारत की पहली महिला राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त हुआ था। एक बार फिर महिला देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के एक कदम दूर हैं। इस बार खास बात यह है कि मुर्मू आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं। अगर वो राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।
भाजपा से की थी सियासी सफर की शुरुआत
द्रौपदी मुर्मू ( Draupdi Murmu ) ने अपने सियासी सफर की शुरुआत ओडिशा ( Odisha ) से भाजपा के साथ की थी। भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज की। भाजपा ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया। इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 कर वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं। साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया।
ओडिशा से पहली महिला राज्यपाल
इसके बाद उन्होंने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता। बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं। वह ओडिशा से पहली महिला गवर्नर भी बनीं।
शिक्षक के रूप में की करियर की शुरआत
द्रौपदी मुर्मू ( Draupdi Murmu ) ने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया। उनकी शादी श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। बाद में उनके दोनों बेटों का निधन हो गया और पति भी छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा।
राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू की अहमियत
President Election 2022 : दरअसल, इस बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी के बीच किसी एक व्यक्ति पर सहमति नहीं बन पाई। विपक्षी पार्टियों ने अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया। विपक्ष के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रहे यशवंत सिन्हा हैं। अपने दम पर राष्ट्रपति प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा के पास 13000 वोट कम हैं। ऐसे में भाजपा के पास तीन विकल्प थे। पहला किसी मुस्लिम उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया जाए, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति पद के लिए प्रमोट किया जाए या फिर अब तक आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति न बनने की कमी को दूर किया जाए। तीनों विकल्पों में से क्षेत्रीय दलों को साधने के लिए भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू ( Draupdi Murmu ) को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया। इसका सीधा असर भी हुआ। बीजेडी, वाईएसआरसीपी ने उनके समर्थन की घोषणा की। बाद में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू की तरफ से समर्थन देने की घोषणा की। टीएसआर व अन्य क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। यही वजह है कि मुर्मू का चुनाव जीतना तय है।