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President Election 2022 : नीतीश चाहते हुए भी नहीं बिगाड़ पाएंगे खेल, NDA प्रत्याशी द्रौपदी मूर्मू की जीत तय

Janjwar Desk
22 Jun 2022 10:26 AM IST
Presidential Election 2022: बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू को बनाया राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, जानिए कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
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Presidential Election 2022: बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू को बनाया राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, जानिए कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?

President Election 2022 : नीतीश कुमार ने अभी तक भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान नहीं किया है। इस मसले पर उन्होंने सस्पेंस बना रखा है, लेकिन मूर्मू की जीत का खेल उनके इस सस्पेंस से नहीं बिगड़ेगा और एनडीए प्रत्याशी की जीत तय है।

President Election 2022 : भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) की ओर से राष्ट्रपति पद ( President Post ) के लिए द्रोपदी मूर्मू ( Daupdi Murmu ) का नाम सामने आने के बाद से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर चुनाव को लेकर सरगर्मी और तेज हो गई है। राष्ट्रपति पद के लिए मूर्मू का नाम आगे आते ही ओडिशा की सीएम ने नवीन पटनायक ( Navin Patnaik ) ने ट्विटकर समर्थन की घोषणा कर दी है। तमिलनाडु में विपक्षी दल एआईएडीएमके ( AIADMK ) ने समर्थन के संकेत दे दिए हैं। ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नजर अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) की फैसले पर है। ऐसा इसलिए कि जेडीयू ( JDU ) एनडीए ( NDA ) का प्रमुख घटक दल है, लेकिन नीतीश कुमार ने अभी तक भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान नहीं किया है। उन्होंने इस मसले पर सस्पेंस बना रखा है, लेकिन मूर्मू की जीत को उनके इस सस्पेंस से खेल नहीं बिगड़ेगा और एनडीए प्रत्याशी की जीत तय है।

ये है वोट का समीकरण

ऐसा इसलिए कि भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 48 प्रतिशत वोट (10.86 लाख वोटों में 5.26 लाख) हैं। भाजपा के पास केवल 13 हजार वोट कम हैं। अब उन्हें बीजद ( जिसके पास 31,000 से अधिक वोट हैं), वाईएसआरसीपी (43,000 से अधिक वोट होने का अनुमान है) और एआईएडीएमके (15,000 के करीब वोट) मिलने के संकेत पहले ही मिल चुके हैं। फिर सत्तारूढ़ भाजपा की अगुआई वाले NDA के पास कुल 10.79 लाख वोटों के आधे से थोड़ा कम यानी 5,26,420 है। इस कमी को वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल ( BJD ) के समर्थन से पूरा हो जाएगा। हाल ही में वाईएसआर और ओडिशा के सीएम ने दिल्ली आकर मोदी ( PM Modi ) से मुलाकात की थी। दोनों ने 2017 में रामनाथ कोविंद को अपना सपोर्ट दिया था। ऐसे में इनमें से किसी एक का समर्थन भी एनडीए को निर्णायक स्थिति में पहुंचा देगा। अगर जेडीयू ( JDU ) ने मूर्मू के पक्ष में वोट नहीं भी किया तो भाजपा की जीत तय है। भाजपा को उम्मीद है कि तेलंगाना में सत्ताधारी पार्टी टीएसआर का वोट भी उसी के पक्ष में जाएगा।

इन दलों ने स्पष्ट रूप से पहले से ही भाजपा समर्थित उम्मीदवार के लिए अपना वोट देने का वादा किया है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि हमारे उम्मीदवार के चुनाव हारने का कोई सवाल ही नहीं है लेकिन बीजेपी नीतीश कुमार के कदम को लेकर चिंतित होगी क्योंकि पिछले 2 चुनावों में उन्होंने उस दल द्वारा समर्थित उम्मीदवार को समर्थन दिया, जिसके विरोध में वो सरकार में थे। जेडीयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोगी मंत्री श्रवण कुमार ने कुछ दिन पहले सार्वजनिक रूप से बयान दिया था कि नीतीश कुमार भारत के राष्ट्रपति के लिए एक अच्छे उम्मीदवार हो सकते हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में जीत का आंकड़ा

राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा के सदस्य मतदान करते हैं। राज्यसभा में 233, लोकसभा में 543 और सभी राज्यों की विधानसभा में 4033 सीटें हैं तो कुल मिलाकर इनकी संख्या 4809 हुई। विधायक और सांसद के वोटों की वैल्यू अलग-अलग होती है। राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए मतदाताओं के वोट की कुल वैल्यू 10,86,431 है। इस तरह राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए आधे से एक वोट ज्यादा की जरूरत होगी, जिसके लिहाज से कम से कम 5,43,216 वोट चाहिए होंगे। राज्यसभा और लोकसभा की कुछ सीटें खाली हैं। इस लिहाज से किसी भी प्रत्याशी को जीत के लिए 5.40 लाख वोट की जरूरत है।

नीतीश नहीं कर पाएंगे खेल

बिहार में विधायकों की संख्या 243 है। जबकि सांसदों की संख्या कुल 56 है। इनमें लोकसभा के 40 और राज्यसभा के 16 सदस्य हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिहार के पास राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा तीनों मिला कर कुल 81 हजार 239 मूल्य के वोट हैं। राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के एक विधायक के मत का मूल्य 173 है। इस तरह विधायकों के कुल मत का वैल्यू 42 हजार 39 है। इस लिहाज से नीतीश कुमार विरोध में भी मतदान करेंगे तो बीजेडी के समर्थन की वजह से एनडीए की जत तय है। यानि जेडीयू के समर्थन देने या न देने से एनडीए की जीत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

President Election 2022 : बता दें कि देश में राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। 21 जुलाई को देश को नया राष्ट्रपति मिल जायेगा। लगभग ये तय माना जा रहा है कि राष्ट्रपति एनडीए द्वारा समर्थित उम्मीदवार ही चुना जायेगा। वर्तमान में उसके पास लगभग 48 फीसदी वोट हैं। जबकि बाकी के वोट बीजेपी वाईएसआर कांग्रेस, एआईएडीएमके और बीजेडी के समर्थन से जुटा लेगी। इसके बावजूद भाजपा नंबर बनाने में इसलिए जुटी है कि अगर नीतीश कुमार की ओर से मूर्मू का समर्थन न करने की स्थिति में एनडीए की जीत तय हो जाए।

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