कट्टरपंथी तालिबान भारत से चाहता है खुलकर याराना, लेकिन मोदी सरकार न इकरार कर रही न इंकार
(photo : Al Zazeera and social media)
जनज्वार। तालिबान के टॉप-3 में से एक नेता कहे जाने वाले शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने भारत के साथ सांस्कृतिक और सियासी रिश्ते जारी रखने की अपील की है। स्तानीकजई ने कहा है कि उनका समूह भारत के साथ अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते को पहले की तरह बरकरार रखना चाहता है। यह पहला मौका है जब तालिबान के शीर्ष नेतृत्व के किसी सदस्य ने इस मुद्दे पर खुलकर राय जाहिर की है।
स्तानिकजई ने तालिबान के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शनिवार को अपलोड किए गए 46 मिनट के पश्तो भाषा में जारी किए गए अपने एक वीडियो में अफगानिस्तान में जंग के खात्मे और अफगानिस्तान में शरिया आधारित इस्लामिक शासन को लेकर तालिबान का प्लान विस्तार से बताया।
हालांकि कट्टरपंथी तालिबान के इस याराने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, सरकार ने ने तो इकरार किया है न इंकार। शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकज़ई अस्सी के दशक में देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी से ट्रेनिंग ले चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान के दोहा कार्यालय के उप प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकज़ई की ओर से जारी किए गए इस वीडियो मैसेज को संगठन के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर शनिवार को शेयर किया गया। वीडियो अफ़ग़ानिस्तान के मिल्ली टेलीविज़न चैनल पर भी प्रसारित हुआ है।
बता दें कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद भारत को लेकर तालिबान के किसी सीनियर लीडर की ओर से ये पहला स्पष्ट बयान है जिसमें कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्तो में बात करते हुए स्तानिकजई ने क्षेत्र के अहम देशों भारत, पाकिस्तान, चीन और रूस से संबंधों के बारे में तालिबान का नजरिया बताया। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान का कब्जा कायम होने और अशरफ गनी सरकार गिरने के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तानी मीडिया चैनलों पर भारत के साथ संबंध को लेकर संगठन का नजरिया बताया था।
हालांकि, स्तानिकजई पहले वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने अन्य दूसरे देशों के साथ रिश्तों को लेकर बयान दिया है। स्तानिकजई ने कहा, इस महाद्वीप के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण है। हम भारत के साथ सांस्कृतिक, आर्थिक और व्यापारिक रिश्ता पहले की तरह रखना चाहते हैं।
तालिबानी नेता ने कहा कि पाकिस्तान के जरिए भारत के साथ व्यापार हमारे लिए बहुत अहम है। भारत के साथ वायुमार्ग से भी व्यापार बना रहेगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि भारत के साथ व्यापार दोतरफा होगा या नहीं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के व्यापारियों को अपना सामान अपने देश के रास्ते भेजने दिया है, लेकिन भारत का सामान इसी रास्ते अफगानिस्तान नहीं जाने देता है।
बता दें कि स्तानिकजई ने तालिबान पर कब्जे के बाद भारतीय पक्ष से संपर्क साधा था और नई दिल्ली से अपील की थी कि काबुल में राजनयिक मौजूदगी बनाए रखें। तालिबान के टॉप 2-3 नेताओं में गिने जाते हैं।
तालिबान नेता ने कहा, "हम भारत के साथ अपने राजनीतिक, आर्थिक और व्यापारिक रिश्ते को अहमियत देते हैं और हम चाहते हैं कि यह जारी रहे। इस मामले में हम भारत के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं।"
तुर्केमेनिस्तान के साथ अफगानिस्तान के रिश्ते पर बोलते हुए उन्होंने तुर्केमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान और भारत गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार बनने के बाद इस पर काम किया जाएगा। स्तानिकजई ने चीन, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान और रूस के साथ संबंधों पर भी अपनी बात कही। उन्होंने लाखों अफगान शरणार्थियों को शरण देने के लिए पाकिस्तान को शुक्रिया कहा और कहा कि उनका देश पाकिस्तान के साथ भाईचारे वाला रिश्ता चाहता है।