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Dr. Archana Sharma Suicide case: डॉ. अर्चना आत्महत्या केस में BJP नेता पर उकसाने और अस्पताल प्रशासन को ब्लैकमेल करने का आरोप, मृतक प्रसूता के पति ने भी कही बड़ी बात

Janjwar Desk
31 March 2022 7:51 PM IST
Dr. Archana Sharma Suicide case: डॉ. अर्चना आत्महत्या केस में BJP नेता पर उकसाने और अस्पताल प्रशासन को ब्लैकमेल करने का आरोप, मृतक प्रसूता के पति ने भी कही बड़ी बात
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Dr. Archana Sharma Suicide case: डॉ. अर्चना आत्महत्या केस में BJP नेता पर उकसाने और अस्पताल प्रशासन को ब्लैकमेल करने का आरोप, मृतक प्रसूता के पति ने भी कही बड़ी बात

Dr. Archana Sharma Suicide case: डॉक्टर अर्चना शर्मा आत्महत्या केस में भाजपा नेता की भूमिका इसलिए भी कठघरे में है, क्योंकि बच्चा जनमने के दौरान ज्यादा रक्तस्राव के कारण जान गंवाने वाली प्रसूता आशा बैरवा के पति लालूराम ने भी कहा है कि उसने डॉक्टर के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दी, हां कुछ लोगों ने उससे एक कागज पर साइन जरूर करवाये थे...

Dr. Archana Sharma Suicide case: दौसा की डॉक्टर अर्चना शर्मा आत्महत्या केस में आज 31 मार्च को पुलिस ने भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल को हिरासत में लिया है। आत्महत्या करने वाली डॉक्टर अर्चना शर्मा के पति डॉ. सुनीत उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि जितेंद्र गोठवाल ने मंगलवार 29 मार्च की रात जनता को मेरी पत्नी अर्चना के खिलाफ भड़काकर आंदोलन खड़ा किया था। साथ ही उनका यह भी आरोप है कि भाजपा नेता और अन्य ने अस्पताल प्रशासन को भी ब्लैकमेल करने की कोशिश की। गौरतलब है कि दौसा अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद जितेंद्र गोठवाल समेत कई अन्य भाजपा नेताओं ने अस्पताल के बाहर धरना दिया था, जिसके बाद प्रसूता का इलाज कर रही डॉक्टर अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी।

वहीं गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस सत्तासीन है और मैंने प्रियंका गांधी को यहां का अपराध दिखाने के लिए रेल टिकट भेजा था, जिसकी सजा मुझे दी जा रही है। अपनी सफाई में गोठवाल ने मीडिया के सामने बयान दिया कि उनके खिलाफ साजिशन उनके पहुंचने से पहले ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया था। लालसोट में बैरवा समाज से आने वाली मृतक प्रसूता की डिलीवरी के समय मृत्यु हुई थी और उसके परिजन और ग्रामीण निष्पक्ष जांच के लिए धरने पर बैठे थे, जिसमें उन्होंने भी उपस्थिति दर्ज कराने की बात कही। साथ ही यह भी ​कहा कि यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जो किसी भी जननेता का उत्तरदायित्व है। डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड को उन्होंने जल्दबाजी में उठाया गया गंभीर कदम बताते हुए दुखद और दुर्भाग्यजनक बताया।

गौरतलब है कि प्रसूता की मौत के बाद आत्महत्या करने वाली डॉ. अर्चना शर्मा के पति सुनीत ने आरोप लगाया था कि सोमवार 28 मार्च को आशा बैरवा की डिलीवरी हुई थी और ज्यादा खून बह जाने के बाद प्रसूता की हालत बहुत नाजुक थी, बहुत कोशिश के बाद भी हम उसे बचा नहीं सके। परिजनों ने भी यह सब देखा था और हमसे कहा था कि आपने प्रसूता को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन हमारी ही किस्मत खराब थी। इसके बाद प्रसूता के शव को घर भेजने की तैयारी चल रही थी कि इसी बीच मुआवजा दिलाने के नाम पर वहां भाजपा के ही हरकेश मटलाना और जितेंद्र गोठवाल आ गए, जिन्होंने न सिर्फ इस केस में मेरी पत्नी के खिलाफ जनता को भड़काया, बल्कि अस्पताल प्रशासन को भी ब्लैकमेल करने की कोशिश की। इसी के बाद मेरी पत्नी ने एक सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली।

डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड मामले में पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है प्रसूता आशा बैरवा की मौत मामले में पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ही दरकिनार कर दिया और डॉक्टर के खिलाफ ही हत्या का केस दर्ज कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस की भूमिका इसलिए भी संदिग्ध है, क्योंकि प्रसूता आशा बैरवा के पति लालूराम का कहना है कि उसने न तो रिपोर्ट लिखी और न ही पढ़ी।

दौसा डॉक्टर अर्चना शर्मा के सुसाइड के बाद उनके पति की शिकायत पर भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल को आज 31 मार्च की सुबह जयपुर से गिरफ्तार किया गया और उन्हें लालसोट में स्थानीय कोर्ट में पेश किया। वहीं से उन्हें शाम 4 बजे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

डॉ अर्चना शर्मा के पति डॉ. सुनीत का आरोप है कि भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल के अलावा डॉ किरोड़ीलाल के समर्थक स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता एसटी मोर्चा के हरकेश मटलाना, भाजपा कार्यकर्ता शिवशंकर जोशी आदि धरने में शामिल हुए थे और इन लोगों ने ही पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया कि हॉस्पिटल के संचालक दंपती के खिलाफ 302 यानी हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।

इस मामले में भाजपा नेता इसलिए भी कठघरे में हैं क्योंकि बच्चा जन्मने के दौरान ज्यादा रक्तस्राव के कारण जान गंवाने वाली प्रसूता आशा बैरवा के पति लालूराम ने साफ साफ कहा ​है कि उसने डॉक्टर के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दी थी, हां कुछ लोगों ने उससे एक कागज पर साइन जरूर करवाये थे। उस कागज में क्या लिखा था ये उसने नहीं पढ़ा और न ही मुकदमे की कॉपी ही उसे दी गयी।

ये था मामला

दौसा जिले में स्थित लालसोट शहर के कोथून रोड पर संचालित आनंद हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उनके अस्पताल में डिलीवरी के दौरान आशा बैरवा नाम की महिला की मौत हो गई थी, जिसके बाद अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन के बाद महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी और उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला। सुसाइड नोट में लिखा था, मैंने कोई गलती नहीं की और मैंने किसी को नहीं मारा। मैं मेरे बच्चों और पति से बहुत प्यार करती हूं। किसी भी डॉक्टर को प्रताड़ित करना बंद करो।

अब तक डॉ. अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में दौसा एसपी अनिल बेनीवाल को हटा दिया गया है और सीओ शंकर मीणा को एपीओ और थाना प्रभारी अंकेश चौधरी को भी निलंबित किया गया है। अस मामले की जांच संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव कर रहे हैं। वहीं प्रसूता की मौत के बाद डॉक्टर दंपती पर दर्ज की गयी 302 की धारा भी हटा दी गई है।

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