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RSS Jhunjhunu meet : उदयपुर-अमरावती की घटना का मुस्लिम समाज करे विरोध, फिल्मेकर रखें इस बात का ख्याल

Janjwar Desk
10 July 2022 1:49 PM IST
आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत ने क्यों कहा - वर्ण-जाति व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए
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आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत ने क्यों कहा - वर्ण-जाति व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए

RSS Jhunjhunu meet : मुस्लिम समाज के लोग उदयपुर और अमरावती की घटना का आगे आकर करें निंदा।

RSS Jhunjhunu meet : कोरोना महामारी के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) की राजस्थान ( Rajasthan News ) के झुंझुनू में पहली पब्लिक मीटिंग हुईं। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रभारियों की तीन दिवसीय बैठक में उदयपुर ( Udaipur ) , अमरावती ( Amrawati ) और फिल्म काली ( Kaali Maa ) पर भी गंभीर मंत्रणा हुई। चिंतन शिविर में इस्लामी कट्टरपंथ पर सबसे ज्यादा जोर रहा। इस बैठक में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ( RSS Chief Mohan Bhagwat ) , महासचिव दत्तात्रेय होसबोले, पब्लिसिटी इंचार्ज सुनील आंबेकर जैसे नेताओं ने हिस्सा लिया।

आरएसएस ( RSS ) ने अपनी झुंझुनू बैठक में देश में बढ़ते कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए संघ की भूमिका पर भी चर्चा हुई। इस बैठक ( RSS Jhunjhunu meet ) में हिस्सा लेने वाले संघ के एक वरिष्ठ प्रचारक ने कहा कि इस तरह की बैठकों के दौरान सभी सामयिक मुद्दों पर चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि उदयपुर और अमरावती की घटनाओं पर चर्चा स्वभाविक रूप से हुई। उक्त घटनाओं को लेकर संघ के कार्यकर्ताओं में रोष है। संघ को इस गुस्से को दूर करना होगा और इसे जिम्मेदारी से व्यक्त करना होगा। आगामी समय में धार्मिक कट्टरपंथ पर संघ की यही भूमिका होगी।

फिल्ममेकर रखें जनभावनाओं का ख्याल

आरएसएस ( RSS ) के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि काली फिल्म पोस्टर के विवाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करते समय, सार्वजनिक भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।

उदयपुर ( Udaipur murder Case ) की घटना पर सुनील आंबेकर ने कहा कि उदयपुर में नृशंस हत्या पूरी तरह से निंदनीय है। घटना की जितनी भी आलोचना की जाए, वह काफी नहीं होगी। हमारे देश में लोकतंत्र है। अगर कोई किसी की बात पसंद नहीं करता है, तो उसका जवाब देने का एक लोकतांत्रिक तरीका है। सभ्य समाज ऐसी घटनाओं की हमेशा आलोचना करेगा। मुस्लिम समुदाय के लोग सिर तन से जुदा वाली घटना की घोर निंदा करें। कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने ऐसा किया है लेकिन मुस्लिम समुदाय को भी आगे आने की जरूरत है। इस तरह की बातों का कड़ा विरोध करना चाहिए। ऐसी घटनाएं न समाज के हित में हैं न देश के हित में।

आरएएस प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कहा कि महामारी के बाद आरएसएस का ध्यान अपने नियमित काम को पूरे जोश के साथ फिर से शुरू करने पर है। वर्तमान में आरएसएस की 56,824 शाखाएं हैं। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता पर आरएसएस का काम सामाजिक भागीदारी के साथ अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है।

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