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असम में अपने लोगों को पुलिस अफ़सर बनाने के लिए आरएसएस ने कराया पेपर लीक

Janjwar Desk
27 Sep 2020 9:40 AM GMT
असम में अपने लोगों को पुलिस अफ़सर बनाने के लिए आरएसएस ने कराया पेपर लीक
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डेका ने दावा किया कि असम पुलिस के कई बड़े लोग पेपर लीक करने वालों में शामिल हैं।

असम में पुलिस भर्ती प्रश्न पत्र लीक घोटाले पर बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी का एक वरिष्ठ नेता असम पुलिस भर्ती पेपर लीक घोटाले में शामिल है और आरएसएस इसके पीछे है। कांग्रेस ने दावा किया कि आरएसएस अपने कैडरों को असम पुलिस बल में शामिल करने की योजना बना रहा है।

कांग्रेस ने इस मामले में उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा जांच की मांग की, जबकि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने विरोध प्रदर्शन किया और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के पुतले जलाए। असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "पुलिस बल में अपने कार्यकर्ताओं को रखने की आरएसएस की योजना थी। इसीलिए बीजेपी नेता इस प्रक्रिया में शामिल थे।"

सत्य हिंदी.कॉम के अनुसार असम के वरिष्ठ बीजेपी नेता दिबन डेका, जिनका नाम इस घोटाले में सामने आया है ने कहा है कि वह "राज्य छोड़कर" भाग गए हैं क्योंकि उन्हें असम के "कई बड़े और भ्रष्ट अधिकारियों" के हाथों मारे जाने का डर है और पुलिस उनके ख़िलाफ़ सांठगांठ में शामिल है। बीजेपी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले डेका उन लोगों में शामिल हैं, जिनसे असम पुलिस की सीआईडी और गुवाहाटी पुलिस की अपराध शाखा ने पूछताछ की है।

क्राइम ब्रांच और सीआईडी ने राज्य की राजधानी और आसपास के कई होटलों में एक पूर्व डीआईजी पीके दत्ता और उनके परिवार के स्वामित्व वाले कई होटलों में छापे मारे हैं।पुलिस उप-निरीक्षक के पद के लिए प्रश्नपत्र लीक होने का यह मामला है और इसमें राज्य सरकार की एक महिला कर्मचारी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और विशेष कार्य बल के एक जवान सहित पांच अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। मैं पिछले 24 सालों से बीजेपी में हूं और कभी भी पार्टी और सरकार को किसी समस्या में नहीं डालूंगा। मुझे 20 सितंबर को सुबह 11:28 बजे वॉट्स एप पर प्रश्नपत्र मिला और मैंने तुरंत प्रदीप कुमार सर को गौतम मेच के माध्यम से सूचित किया।" यह परीक्षा 20 सितंबर को दोपहर 12 बजे शुरू होने वाली थी।

डेका ने दावा किया कि असम पुलिस के कई बड़े लोग पेपर लीक करने वालों में शामिल हैं। उनमें से एक अधिकारी का नाम असम गण परिषद सरकार के समय उल्फ़ा सदस्यों के परिवार वालों की गुप्त हत्याओं से भी जुड़ा था। लेकिन डेका ने यह नहीं बताया कि वह अधिकारी कौन था। असम पुलिस के सभी अराजपत्रित पदों की भर्ती के लिए गठित राज्य स्तरीय पुलिस भर्ती बोर्ड (एसएलपीआरबी) के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने 20 सितंबर को कहा था कि उन्हें सुबह करीब 11:50 बजे अपने वॉट्सएप अकाउंट पर लीक प्रश्नपत्र मिला।

असम पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के 597 पदों के लिए लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र 20 सितंबर को लीक हो गया था और अधिकारियों ने उस दिन राज्य भर में शुरू होने के बाद परीक्षा को रद्द कर दिया था। असम के सभी जिलों में फैले 154 केंद्रों में लिखित परीक्षा के लिए लगभग 66,000 उम्मीदवार उपस्थित हुए थे।

इस बीच, बोर्ड के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने इस आरोप का खंडन किया है कि उनकी पत्नी ने परीक्षा के प्रश्न पत्र निर्धारित किए थे। उन्होंने कहा, "परीक्षा का संचालन बोर्ड द्वारा ही किया गया था। हमने केल्ट्रोन (केरल स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) को शारीरिक परीक्षण और कंप्यूटर ज्ञान परीक्षण आउटसोर्स किया था, लेकिन उसने अभी तक दायित्व नहीं संभाला था।"

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