Shaheen Bagh Demolition Drive : शाहीन बाग में अतिक्रमण पर बिना चले वापस लौटा बुलडोजर, SC ने पूछा - जब मामला कोर्ट में, तब कार्रवाई क्यों?
Shaheen Bagh Demolition Drive : शाहीन बाग में अतिक्रमण पर बिना चले वापस लौटा बुलडोजर, SC ने पूछा - जब मामला कोर्ट में, तब कार्रवाई क्यों?
Shaheen Bagh Demolition : दिल्ली (Delhi) के शाहीन बाग (Shaheen Bagh Demolition) के दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर (Bulldozer) लेकर पहुंचा था लेकिन बुलडोजर के सामने वहां की जनता ने बैठ कर प्रदर्शन किया, जिसके कारण अतिक्रमण को हटाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया। दिल्ली में एमसीडी अवैध अतिक्रमण को हटाने का अभियान चला रही है और ये अभियान 13 मई तक चलेगा। विरोध कर रहीं महिलाओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। AAP विधायक अमानतुल्लाह खान भी प्रदर्शन में पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट ने किया सवाल
वहीं बुलडोजर कार्रवाई (Shaheen Bagh Demolition) का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहुंच गया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 2 बजे सुनवाई शुरू हो चुकी है। सुप्रीम दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि 'जब अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का मामला पहले से कोर्ट में है, तो फिर शाहीन बाग में बुलडोजर (Shaheen Bagh Demolition) क्यों पहुंचा। नगर निकाय के बुलडोजर इलाके से चले जाने के बाद शाहीन बाग में अतिक्रमण विरोधी अभियान थम गया। डीसीपी (दक्षिण-पूर्व) ईशा पांडे ने कहा है कि 'उन्होंने अपना अभियान पूरा कर लिया है और चले गए हैं।'
अमानतुल्लाह खान ने लगाया माहौल बिगड़ने का आरोप
बात दें कि प्रदर्शन में शामिल होने ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कहा कि। एमसीडी यहां पर माहौल बिगाड़ने आई है और शाहीन बाग में कोई अतिक्रमण नहीं है।' शाहीन बाग में सुरक्षा को देखते हुए सीआरपीएफ को भी तैनात किया गया है। वहीं कुछ जगहों पर शटरिंग को लोगों ने खुद ही हटा दिया और फिर बुलडोजर उस जगह से वापस लौट आया। शाहीन बाग में बुलडोजर के सामने प्रदर्शन करने पर कांग्रेस के परवेज आलम को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने कहा, 'एमसीडी दुनिया का सबसे भ्रष्ट निगम है। आज मेयर को अपने निकम्मेपन पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू—ब—रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।
सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)