Smriti Irani News : स्मृति ईरानी ने मैरिटल रेप पर किया पुरुषों का बचाव, संसद में बोलीं- हर शादीशुदा पुरुष को नहीं कहा जा सकता रेपिस्ट
अखिलेश यादव के ट्विट पर भड़कीं स्मृति ईरानी।
Smriti Irani News : संसद में बीते बुधवार को विपक्ष की और से मैरिटल रेप का मुद्दा उठाया गया था। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सरकार के पक्ष में बयान दिया है| उन्होंने कहा है कि बच्चों और महिलाओं को प्राथमिकता देना ठीक है, लेकिन सभी शादीशुदा पुरुष को रेपिस्ट बताया जाना गलत है।
पुरुषों का किया बचाव
संसद में बीते बुधवार पेश बजट पर हुई चर्चा के दौरान CPI के बिनॉय विश्वम ने 'वैवाहिक जीवन में यौन हिंसा' का सवाल उठाया था। तब इस पर स्मृति ईरानी ने जवाब देते हुए कहा कि वैवाहिक हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता, लेकिन इसकी आड़ में सम्मानित सदन में देश के हर विवाह को हिंसक मानकर उसकी निंदा करना और देश के सभी पुरुषों को बलात्कारी मानना उचित नहीं है। इसके साथ ही स्मृति ईरानी ने कहा कि हमारे देश में बच्चों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन हम सभी पुरुषों को गलत नहीं कह सकते। उन्होंने कहा क्या कभी केंद्र ने घरेलू हिंसा की धारा 3 और IPC की धारा 375 पर बलात्कार पर ध्यान दिया था।
घरेलू हिंसा की धारा 3
घरेलू हिंसा की धारा 3 के तहत किसी भी महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित करना, जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाना, महिला के साथ मार-पीट करना, यह सभी अपराध आते हैं। साथ ही महिला के साथ यह सभी अपराध करने पर जुर्माने के साथ आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
IPC धारा 375 के तहत सजा
बता दें कि जब कोई पुरुष किसी महिला के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध, उसकी सहमति के बिना, उसे डरा धमका कर, दिमागी रूप से कमजोर, पागल या नशा की हुई महिला को धोखा देकर शारीरिक संबंध बनाता है तो इसे बलात्कार कहा जाता है। इस जुर्म में दोषी पर धारा 375 के तहत कार्रवाई होती है। बता दें कि इसमें कम से कम सात साल और अधिकतम आजीवन कारावास हो सकता है।
हेल्पलाइन से 66 लाख महिलाओं की हुई है मदद
इसके साथ ही मैरिटल रेप के मुद्दे पर स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं की मदद के लिए 30 से ज्यादा हेल्पलाइन काम कर रही हैं। अब तक इन हेल्पलाइन्स से 66 लाख से ज्यादा महिलाओं की मदद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में 703 'वन स्टॉप सेंटर' भी महिलाओं को मदद देने का काम कर रहे हैं। इनके जरिए भी 5 लाख महिलाओं को मदद दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप का मुद्दा विचाराधीन है, इसलिए इस पर ज्यादा बातचीत नहीं की जा सकती है।