Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

'आप काले कोट में हैं तो इससे आपकी जान ज्यादा कीमती नहीं हो जाती,' मुआवजे की मांग कर रहे वकील पर SC ने लगाया जुर्माना

Janjwar Desk
14 Sep 2021 12:59 PM GMT
आप काले कोट में हैं तो इससे आपकी जान ज्यादा कीमती नहीं हो जाती, मुआवजे की मांग कर रहे वकील पर SC ने लगाया जुर्माना
x

(सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है कि वकील इस तरह की जनहित याचिका दायर करें) 

वकील प्रदीप कुमार यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कोविड संक्रमण से मरने वाले वकीलों के परिवार के सदस्यों को पचास लाख रुपये दने का निर्देश देने की मांग की गई थी....

जनज्वार। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें कोविड 19 (Covid 19) संक्रमण से मरने वाले वकीलों के लिए पचास लाख रुपये के मुआवजे की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले वकील पर भी जुर्माना लगाया। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (Justice D.Y. Chandrachud) ने कहा कि जब समाज के अन्य सदस्यों को समान समस्या का सामना करना पड़ा तो अधिवक्ता (Lawyer) को अपवाद बनाने का कोई कारण नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने वकील को फटकार लगाते हुए कहा, 'आप काले कोट में हैं, तो इससे आपकी जान ज्यादा कीमती नहीं हो जाती। आप वकील हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि कुछ भी दाखिल कर देंगे। इस तरह की पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन को रोकना होगा।'

दरअसल वकील प्रदीप कुमार यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कोविड संक्रमण से मरने वाले वकीलों के परिवार के सदस्यों को पचास लाख रुपये दने का निर्देश देने की मांग की गई थी। वकील का तर्क था कि सरकार महामारी के बीच समाज के अन्य समुदायों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।

याचिका में आग्रह किया गया था कि "परमादेश या किसी अन्य उपयुक्त रिट या आदेश या निर्देश की प्रकृति में परमादेश या रिट जारी करें, प्रतिवादी / परिजनों को 50,00,000 / - रुपये (पचास लाख रुपये) की अनुग्रह राशि का भुगतान करने का निर्देश दें।"

"मृतक अधिवक्ता की मृत्यु चाहे 60 वर्ष के भीतर हो गई हो, चाहे वह कोविड या किसी अन्य तरीके से हो महामारी के मामलों में 19 अधिवक्ताओं को अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाए, क्योंकि अधिवक्ता का अस्तित्व केवल मामलों / संक्षिप्त विवरण पर है और अधिवक्ता के पास आय के अन्य स्रोत नहीं है।"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है कि वकील इस तरह की जनहित याचिका दायर करें और न्यायाधीशों से मुआवजे की मांग करें और वे अनुमति दे देंगे। आप जानते हैं कि बहुत सारे लोग मारे गए हैं। आप यहां अपवाद नहीं हो सकते।

Next Story

विविध