Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

विवादों में घिरने के बाद योगी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई ने दिया इस्तीफा

Janjwar Desk
26 May 2021 2:05 PM IST
विवादों में घिरने के बाद योगी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई ने दिया इस्तीफा
x

(डा.अरुण पर आरोप है कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी के भी नौकरी में रहते और उन्‍हें करीब 70 हजार रुपए मासिक से ज्‍यादा वेतन मिलते हुए गलत ढंग से ईडब्‍लूएस सर्टिफिकेट हासिल किया)

सिद्धार्थनगर में योगी के बेसिक शिक्षा मंत्री करने जा रहे प्रेस कांफ्रेंस, इस पूरे विवाद पर पहली बार सार्वजनिक तौर पर खोलेंगे मुंह...

जनज्वार डेस्क। सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में उत्‍तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के भाई की नियुक्ति को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है। वहीं इस बीच खबर है कि मंत्री के भाई ने असिस्टेन्ट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। विवि के कुलपति प्रो.सुरेन्‍द्र दुबे ने उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार कर लिया है। सिद्धार्थनगर विश्वविद्यालय में मंत्री के भाई की नियुक्ति ईओडब्ल्यू कोटे से हुई थी।

लगातार मीडिया में उछलती छवि और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बाद अरुण द्विवेदी ने इस्तीफा सौंपा। इस बात की पुष्टि सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुरेंद्र दुबे ने कर दी है। उन्होंने कहा कि अरुण द्विवेदी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे​ दिया है।

सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियु​क्त हुए अरुण कुमार द्विवेदी के इस्तीफे के बाद पहले सूचना थी कि योगी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी खुद सिद्धार्थनगर में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे, मगर बाद में उनके भाई ने प्रेस कांफ्रेंस की और भावुक होकर कहा कि उनकी नियुक्ति का आधार उनकी योग्यता थी, न कि भाई का वरदहस्त।

यह भी पढ़ें : बेसिक शिक्षा मंत्री बोले, पूरे UP में चुनाव के बाद कोरोना से सिर्फ 3 शिक्षक मरे, लेकिन उन्हीं के ​जिले में 18 शिक्षकों की मौत

बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई डा.अरुण पर आरोप है कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी के भी नौकरी में रहते हुए और उन्‍हें करीब 70 हजार रुपए मासिक से ज्‍यादा वेतन मिलते हुए गलत ढंग से ईडब्‍लूएस सर्टिफिकेट हासिल किया था। डा. अरुण भी पूर्व में वनस्थली विश्वविद्यालय में नौकरी करते थे।

संबंधित खबर : मंत्री जी के भाई की पूरी कहानी निकली फिल्मी, नौकरी के लिए हुए थे गरीब मिलते ही हो गये अमीर

अरुण द्विवेदी की ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) में नियुक्ति के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। विपक्षी दल इसे गरमाने में जुटे थे तो आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बकायदा इस पर आंदोलन शुरू कर दिया था। इस बीच राजभवन ने भी सिद्धार्थ विवि के कुलपति से पूरे मामले में जवाब-तलब किया था।

अरुण द्विवेदी ने सिद्धार्थ विवि के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर 21 मई को ज्वाइन किया था। इसके तुरंत बाद से ही विवाद शुरू हो गया था।

यह भी पढ़ें : मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई को गरीबी कोटे से प्रोफेसर बनाने का कुलपति को मिला इनाम, राज्यपाल ने बढ़ाया कार्यकाल!

उनपर आरोप लगा कि मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत ढंग से अपने भाई की नियुक्ति विवि में करा दी। राजभवन से जवाब-तलब किए जाने के बाद विवि में हड़कंप मच गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े अफसर जवाब तैयार करने में जुटे थे।

इस बारे में कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे का कहना है कि राजभवन से मंत्री के भाई की नियुक्ति के मामले में जो भी जानकारी मांगी गई थी, उसे भेज दिया गया है।

Next Story

विविध