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राष्ट्रीय

UP Election 2022 : मायावती ने SC से की अपील, कहा अयोध्या में नेताओं और अफसरों के जमीन खरीदने के मामले की उच्च स्तरीय जांच हो

Janjwar Desk
23 Dec 2021 11:02 AM GMT
UP Politic : अखिलेश से नाराज आजम खान पर मायावती भी मेहरबान, मायावती के ट्वीट से सियासी अटकलों का बाजार गरम
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UP Politic : अखिलेश से नाराज आजम खान पर मायावती भी मेहरबान, मायावती के ट्वीट से सियासी अटकलों का बाजार गरम 

UP Election 2022 : बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने अयोध्या में नेताओं और अफसरों द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन औने-पौने दामों में खरीदे जाने के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है...

UP Election 2022 : बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने अयोध्या में नेताओं और अफसरों द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन औने-पौने दामों में खरीदे जाने के आरोपों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से इसमें हस्तक्षेप का आग्रह किया है। बता दें कि अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के निकट की जमीनें कथित रूप से बीजेपी के विधायकों, महापौर, और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पौने दाम में खरीदे जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद राज्य सरकार ने राजस्व विभाग को मामले की गहराई से जांच करने के आदेश दिए हैं।

उच्चस्तरीय जांच की मांग

बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार 23 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा है कि 'यह मामला गंभीर है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। हमारी पार्टी चाहेगी कि उच्चतम न्यायालय इसमें दखल दे।' साथ ही मायावती ने कहा है कि 'अगर जमीन की खरीद-फरोख्त में कुछ गड़बड़ हुई है तो राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और केंद्र सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करके राज्य सरकार को निर्देश देना चाहिए कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो जमीन की खरीद-फरोख्त को रद्द किया जाए।'

पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का मामला गंभीर

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बसपा सुप्रीमो ने मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने संबंधी विधेयक को संसद में पारित किए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा है कि 'हमारी पार्टी का मत है कि यह बहुत महत्वपूर्ण मामला है और इसको जल्दबाजी में संसद से पारित कराना ठीक नहीं है। संसद में पारित कराने से पहले केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती थी कि वह लोकसभा और राज्यसभा में इस पर खुली बहस कराती. हमारी पार्टी इससे सहमत नहीं है. यह मामला अति गंभीर है।'

फोन टैपिंग का आरोप हो सकता है सच

मायावती से विपक्षी पार्टियों के नेताओं के फोन टैप कराए जाने से संबंधित आरोपों के बारे में पूछा गया था तो इस पर मायावती ने कहा कि 'जब केंद्र में कांग्रेस होती है तो वह भी यही काम करती है. जब बीजेपी सत्ता में है तो वह भी यही काम कर रही है। इसमें कहां तक सच्चाई है यह तो मैं नहीं कह सकती हूं लेकिन जब यह आम चर्चा है कि फोन टैप हो रहे हैं तो हो सकता है कि इसमें सच्चाई हो।'

जिला अध्यक्षों की बैठक

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में अपनी पार्टी की तैयारियों का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने गुरुवार को बसपा के उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों के प्रभारियों तथा 75 जिलों के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में जिलेवार और उसके अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव संबंधी पार्टी की तैयारियों को लेकर सभी जरूरी पहलुओं पर गहन समीक्षा की जाएगी। विपक्षी दलों के नेता जगह-जगह रैलियां कर रहे हैं, ऐसे में वह खुद कब मैदान में उतरेगी। इस सवाल पर मायावती ने जवाब दिया कि 'जो लोग मैदान में इधर-उधर घूम रहे हैं उन्हें बहुत घबराहट है। जब वक्त आएगा तब आपको बता दिया जाएगा कि मैं कब निकल रही हूं।'

जनता भाजपा के बहकावे में नहीं आएगी

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मायावती ने कहा कि अब जनता भाजपा और सपा के बहकावे में आने वाली नहीं है। खासतौर से भाजपा ने जिस तरह से ताबड़तोड़ शिलान्यास और अधबने कामों के उद्घाटन किए हैं उससे उनकी बौखलाहट साफ नजर आ रही है। बसपा ने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा है कि सब को अलर्ट किया जाए कि भाजपा और सपा इस चुनाव को पूरी तरह से हिंदू-मुस्लिम रंग देने के चक्कर में हैं। जनता को इससे सावधान करना है।

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