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राष्ट्रीय

Dengue : भाजपा सांसद सुब्रत पाठक के इत्र व्यवसाई भाई की डेंगू से मौत, कन्नौज से कानपुर तक डेंगू के डंक से हाहाकार

Janjwar Desk
7 Nov 2021 3:12 AM GMT
kannauj news
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(सुब्रत पाठक के इत्र व्यवसाई भाई प्रसून पाठक की डेंगू से मौत)

भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने सोशल मीडिया पर बड़े भाई के निधन की खबर को साझा करते हुए बताया है कि उनके बड़े भाई प्रसून पाठक का इलाज राजधानी लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा था...

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में चौतरफा पांव पसार चुका डेंगू लगातार लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। भाजपा सांसद सुब्रत पाठक के भाई की डेंगू के चलते उपचार के दौरान मौत हो गई है। कानपुर से कन्नौज तक हाहकार मचा हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग महज खानापूरी करने में व्यस्त है। यहां तक की विभाग जांच की झंझट से छुटकारा पाने के लिए चकेरी में मच्छरों की घेरेबंदी कर रहा है।

शनिवार 6 अक्टूबर को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराए गए भाजपा सांसद के भाई की उपचार के दौरान मौत हो गई है। भाजपा सांसद ने सोशल मीडिया पर भाई का निधन होने की खबर को साझा किया करते हुए बताया है कि उनके बड़े भाई का इलाज राजधानी के मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा था। लोगों ने भाजपा सांसद के भाई को अंतिम विदाई दी है।

कन्नौज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक के बड़े भाई प्रसून पाठक का डेंगू के चलते निधन हो गया है। भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने सोशल मीडिया पर बड़े भाई के निधन की खबर को साझा करते हुए बताया है कि उनके बड़े भाई प्रसून पाठक का इलाज राजधानी लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा था। वह पिछले दिनों डेंगू बुखार की चपेट में आकर बीमार हो गए थे।

इत्र कारोबारी के रूप में क्षेत्र भर में विख्यात प्रसून पाठक भाजपा सांसद सुब्रत पाठक के ताऊ राकेश पाठक के बेटे थे। इत्र कारोबारी के निधन पर लोगों ने दिवंगत को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी है। भारी गमगीन माहौल के बीच मेहंदी घाट पर इत्र कारोबारी प्रसून पाठक का अंतिम संस्कार किया गया है। कन्नौज के मोहल्ला पठकाना के रहने वाले प्रसून पाठक बहुत ही सरल स्वभाव के थे।

वहीं कानपुर में जीका के 13 नए संक्रमित और पाए गये हैं। यहां अब कुल मरीजों की संख्या 79 हो गई है। नए संक्रमितों में तीन महिलाएं व 6 बच्चे भी शामिल हैं। संक्रमित मरीजों को अभी होम आइसोलेशन में रखा गया है। मच्छरों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की भी भारी लापरवाही देखी जा रही है।

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