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Gangster Anil Dujana: 62 संगीन आरोपों वाला खूंखार गैंग्स्टर अनिल दुजाना अरेस्ट, इनाम सहित जानिए पूरी क्राईम कुंडली
(बुलेटप्रूफ जैकेट और लाल घेरे में खूंखार अनिल दुजाना)
Gangster Anil Dujana: महज 36 साल की उम्र में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे खूंखार गैंगस्टर बनकर उभरे अनिल दुजाना (Anil Dujana) को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आज गुरुवार 07 जनवरी को गिरफ्तार किया है। दुजाना के साथ गैंग के दो मेंबर भी हत्थे चढ़े हैं। अनिल दुजाना पर 62 गंभीर मुकदमें दर्ज हैं। क्राइम ब्रांच का दावा है कि दुजाना मंडावली में एक बिजनेसमैन की हत्या के इरादे से घूम रहा था। दुजाना की गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस ने 75 हजार रुपये का इनाम रखा था।
इस खूंखार गैंग्स्टर पर 18 मर्डर सहित रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 संगीन मुकदमें दर्ज हैं। साथ ही कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। वह गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से हमले का आरोपी है। दुजाना 2012 से जेल में था और जनवरी 2021 में बेल पर बाहर आया। उसपर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। पुराने केसों में में पेश नहीं होने से अदालत से गैरजमानती वॉरंट जारी कर रखा था।
कौन है अनिल दुजाना?
ग्रेटर नोएडा के बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से मशहूर था। सत्तर और अस्सी के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में खौफ हुआ करता था। उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे डाली थी। इसी दुजाना गांव में रहता है अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना। पुलिस रिकॉर्ड में 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में इसके खिलाफ हरबीर पहलवान की हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।
गैंगवार की शुरूआत
पश्चिमी यूपी में गैंगवॉर का आगाज महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर की अदावत से शुरू हुई थी। इसके बाद सुंदर भाटी और नरेश भाटी के बीच गैगवॉर होने लगी। दोनों सतबीर के गुर्गे थे। सुंदर ने जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके नरेश भाटी की 2004 में हत्या कर दी थी। नरेश भाटी के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने की ठानी, जिसमें दुजाना को भी शामिल किया गया। साहिबाबाद स्थित भोपुरा में नवंबर 2011 को सुंदर भाटी के साले की शादी थी। रणदीप, दुजाना और कसाना ने एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें तीन लोग मारे गए। लेकिन किस्मत का धनी सुंदर भाटी बचकर निकल भागा था।
भाई की हत्या ने बनाया और भी खूंखार
अनिल दुजाना तिहरे हत्याकांड में जनवरी 2012 में पकड़ा गया। वह जेल में ही बैठकर अपना गैंग संचालित लगा। रणदीप भाटी और अमित कसाना इस काम में उसकी मदद करते थे। वह जेल से ही मर्डर और रंगदारी की साजिशों को अंजाम देने लगा। सुंदर भाटी गैंग ने जनवरी 2014 दुजाना के घर पर हमला कर दिया। ताबड़तोड़ फायरिंग में उसके भाई जय भगवान की मौत हो गई। अनिल के पिता ने सुंदर भाटी समेत आठ को नामजद कराया।
दुजाना गैंग ने इसका बदला लेने के लिए सुंदर के गुर्गे राहुल का मर्डर कर दिया। दुजाना के गुर्गों ने जनवरी 2019 को दिल्ली के नंद नगरी के कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। वह 9 साल बाद जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आया। 16 अक्टूबर 2021 में सिकंदराबाद के एक कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी। खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद हत्याकांड में गवाह उनकी पत्नी को भी धमकाया। वह दोनों केसों में वॉन्टेड चल रहा था। सुंदर भाटी को अनिल दुजाना का दुश्मन नंबर एक कहा जाता है।
2002 में अपराध की दुनिया में रखा था कदम
कक्षा 9 तक पढ़े अनिल दुजाना ने साल 2002 में अपराध की दुनिया में उस समय कदम रखा था जब उसने अपने साथियों के साथ पहलवान हरबीर की हत्या की थी। इसके बाद उसने दिल्ली और यूपी में हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती आदि की 61 से अधिक वारदातें कीं। दुजाना गैंग का लीडर है। उसके गैंग में 15-20 सक्रिय सदस्य हैं। वह जनवरी 2021 में जेल से बाहर आया था। पेशी पर न जाने की वजह से यूपी की कई अदालतों ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर रखा था। अनिल दुजाना गिरोह के ही एक सक्रिय सदस्य सचिन गुज्जर के खिलाफ भी हत्या, रॉबरी व रंगदारी के दस से ज्यादा मामले दर्ज हैं। जो दिसंबर, 2019 में जमानत पर जेल से बाहर आया था।
अदालत पेशी पर की थी शादी
गैंगस्टर अनिल दुजाना ने फरवरी 2019 को सूरजपुर कोर्ट में बागपत की पूजा से सगाई की थी। वह फरवरी 2021 को जमानत पर बाहर आया और पूजा से शादी कर ली। यूपी पुलिस की जांच में आया था कि दुजाना की पत्नी पूजा के पिता लीलू का बागपत में राजकुमार से चालीस बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। राजकुमार ने अपनी दो बेटियों की शादी गाजियाबाद के कुख्यात बदमाश हरेंद्र खड़खड़ी और उसके भाई से कर दी थी। पूजा के पिता ने अपनी बेटी के लिए खड़खड़ी से बड़े बदमाश अनिल दुजाना को ढूंढ लिया।
इस तरह जोड़ा अनिल से दुजाना
कहा जाता है कि अपराध की दुनिया में नाम उपर आने के बाद अनिल को अपने नाम के आगे सरनेम नागर ठीक नहीं लगता था। लोगों की माने तो उसका मानना था कि इस नाम में दहशत नहीं बनती, जिसके बाद उसने अपने नाम के आगे गांव का नाम यानी दुजाना जोड़ लिया। अनिल नागर से अनिल दुजाना बने इस गैंग्स्टर ने नाम बदलने के बाद जुर्म की दुनियां में इस कदर सिक्का जमाया कि पिर वापस मुड़कर नहीं देखा। आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लगाकर, उत्तराखंड, हरियाणा और आसपास के राज्यों में दुजाना की दहशत है। वह बीते साल के दिसंबर में यूपी की महाराजपुर जेल से छूटा था।
दोनों हाथों से गोलियां चलाने में माहिर
कुख्यात अनिल दुजाना के बारे में बताया जाता है कि उसे दोनों हाथों से एक साथ गोलियां चलाने में महारत हासिल है। जेल से बाहर वह बिना एके-47 के कहीं नहीं जाता। वह हर समय स्वचालित हथियारों के साए में रहता है। जेल के अंदर से पेशी पर जाने पर वह हमेशा बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर जाता है। उसने जेल से पेशी पर आने जाने के दौरान जान का खतरा बताकर अदालत से विशेष सुरक्षा प्रबंध करने की गुहार लगाई थी, जिसके बाद उसे बुलेटप्रूफ जैकेट पहनाकर पुलिस कस्टडी में पेशी पर भेजा जाता है।