बसपा विधायक राजभर ने अपनी निधि के रुपयों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, कहा आत्ममुग्ध सरकार के अफसर फोन तक नहीं उठाते
BSP विधायक का आरोप है कि उनकी विधायक निधि से दिए गए रूपयों का क्या इस्तेमाल हुआ है, पूछने पर कोई फोन नहीं उठाता
जनज्वार, लखनऊ। यूपी के आंबेडकर नगर के अकबरपुर सदर से बसपा विधायक और पूर्व मंत्री राम अचल राजभर ने कोरोना महामारी को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। राजभर ने कहा कि पिछले वर्ष आई कोरोना की पहली लहर के दौरान विधायक निधि से हुई खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
विधायक राजभर का आरोप है कि उन्होंने अपनी निधि से करोना से जंग लड़ने के लिए पैसा दिया था, लेकिन उस पैसे का कुछ अता पता नहीं चला। व्यवस्था जस की तस है। उन्होंने जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने तथा सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की व्यवस्था करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
बसपा विधायक राम अचल राजभर ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा कि उन्होंने वर्ष 2007-08 में जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट तीन छोटे जनरेटर के साथ लगाया था। इसी तरह वर्ष 2014 में फिर बड़ा जनरेटर लगाया था, किंतु स्वास्थ विभाग की लापरवाही से बिना चले ही प्लांट बैठ गया। जबकि प्लांट चलाने के लिए ऑक्सीजन जनरेटर टेक्नीशियन की नियुक्ति भी की गई थी।
उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया है। कहा कि दोनों तरफ से घोर लापरवाही बरती जा रही है। साल भर से इस बीमारी का प्रकोप चल रहा है, लेकिन व्यवस्था ठीक करने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक निधि से क्या खरीद की गई इसका कुछ भी अता पता नहीं है? क्योंकि इस समय मरीजों को लगातार ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है।
विधायक ने कहा कि इस महामारी में जनप्रतिनिधि अपने स्तर से भी प्रयासरत है, लेकिन जिले के उच्चाधिकारी सदर विधायक से बात करना तक भी मुनासिब नहीं समझते हैं। आत्ममुग्धता से ग्रसित प्रशासन के उच्चाधिकारी आदेश के बाद भी विधायक का फोन भी नहीं उठाते हैं। राम अचल राजभर ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट ठीक कराकर जिम्मेदारों को दंडित किया जाए।
इसके अलावा मांग रखी कि सीएचसी और पीएचसी में टीकाकरण की व्यवस्था की जाए, जिला अस्पताल में आपातकालीन बेड की संख्या बढ़ाई जाए, जिला प्रशासन अपनी योजना बैठकों में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करे तथा जिले के गांव में सफाई व्यवस्था को अनिवार्य रूप से करने के लिए ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों को मानिटरिंग में लगाया जाए।