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उत्तर प्रदेश

Controversy over Taj Mahal after Gyanvapi : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर, 20 से ज्यादा कमरे खोलने की मांग

Janjwar Desk
8 May 2022 9:39 AM GMT
Controversy over Taj Mahal after Gyanvapi : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर, 20 से ज्यादा कमरे खोलने की मांग
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Controversy over Taj Mahal after Gyanvapi : याचिकाकर्ता ने अदालत से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को ताजमहल के सभी 22 दरवाजों को खोलने का निर्देश देने की मांग की है। इसके लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने भी कहा गया है।

Controversy over Taj Mahal after Gyanvapi : बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद के बीच ताजमहल ( Controversy over Taj Mahal ) को भी विवादों में घसीटने की मुहिम शुरू हो गई है। एक युवक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर कर ताजमहल के अंदर हिंदू मूर्तियों का पता लगाने के लिए बंद दरवाजे खोलने की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने अदालत से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को ताजमहल के सभी 22 दरवाजों को खोलने का निर्देश देने की मांग की है। इसके लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने भी कहा गया है। ताकि ताजमहल ( Controversy over Taj Mahal ) के इतिहास से संबंधित कथित विवाद को समाप्त करना संभव हो सके।

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच में याचिकाकर्ता डॉ रजनीश सिंह ने याचिका दायर की है, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का दावा किया है। डॉ. सिंह ने सरकार को एक तथ्य खोज समिति गठित करने और मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताजमहल ( Controversy over Taj Mahal ) के अंदर छिपी मूर्तियों और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक साक्ष्यों की तलाश करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

विवाद समाधान करने के लिए ऐसा करना जरूरी

अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में तर्क दिया गया कि कई हिंदू समूह दावा कर रहे हैं कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है जिसे तेजो महालय ( Controversy over Taj Mahal )के नाम से जाना जाता था। यह कई इतिहासकारों द्वारा भी समर्थित है। याचिका में कहा गया है कि इन दावों से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ रहे हैं और इसलिए विवाद को खत्म करने की जरूरत है।

सही तथ्य सामने लाना जरूरी

डॉ. रजनीश सिंह ने कहा कि ताजमहल की चार मंजिला इमारत के ऊपरी और निचले हिस्से में 22 कमरे हैं जो स्थायी रूप से बंद हैं। पीएन ओक और कई हिंदू उपासकों जैसे इतिहासकारों का मानना है कि उन कमरों में शिव का मंदिर है। चूंकि ताजमहल प्राचीन स्मारक है और स्मारक के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए सरकारी कोष से खर्च किए जाते हैं इसलिए इन स्मारकों के बारे में सही और पूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों को जनता के सामने प्रकट किया जाना चाहिए।

शाहजहां ने पत्नी के लिए बदला स्मारक का नाम

Controversy over Taj Mahal after Gyanvapi : बता दें कि ताजमहल ( Taj Mahal ) का नाम शाहजहां की पत्नी मुमताज महल ( Mum Taj mahal ) के नाम पर रखा गया था। कई किताबों में शाहजहां की पत्नी का नाम मुमताज-उल-ज़मानी नहीं मुमताज महल के रूप में वर्णित किया गया था। यह भी तथ्य है कि एक मकबरे का निर्माण पूरा होने में 22 साल लगे थे जो वास्तविकता से परे है। यह पूरी तरह से बेतुका है।

याचिका में इस बात का भी जिक्र है कि इतिहास की कई किताबों में यह है कि 1212 ईस्वी में राजा परमर्दी देव ने तेजो महालय मंदिर महल ( वर्तमान में ताजमहल ) का निर्माण किया था। मंदिर बाद में जयपुर के तत्कालीन महाराजा राजा मान सिंह को विरासत में मिला था। उसके बाद संपत्ति राजा जय सिंह द्वारा आयोजित और प्रबंधित की गई थी लेकिन शाहजहां ने 1632 में द्वारा कब्जा कर लिया और अपनी पत्नी के लिए स्मारक में बदल दिया।


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