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Fatehpur News: पिछड़ी जाति की महिला ने अनुसूचित बन हथिया लिया था प्रधान का पद, हुआ खुलासा तो खत्म हुई ग्रामप्रधानी
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में प्रधानी के नशे में चूर महिला जाति बदलकर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से प्रधानी का चुनाव लड़ प्रधान तो बन गयी लेकिन शायद वह ये भूल बैठी कि कानूनी शिकंजा कसते ही प्रधानी छिन सकती है। आय, जाति, निवास जैसे प्रमाण-पत्र आनलाइन बनने के बावजूद महिला के जाति बदलकर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र जारी कराकर चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा ले विजयी हो गई थी। मामले में उपजिलाधिकारी बिन्दकी ने आदेश जारी कर महिला की प्रधानी शून्य कर दी है।
सामान्य निर्वाचन, 2021 पंचायत निकाय के चुनाव में विकास खण्ड अमौली के ग्राम बम्थरा के प्रधानी इलेक्शन में इसी गांव की रहने वाली ममता देवी पत्नी छोटेलाल अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला है। साल 2021 में बम्थरा ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति महिला की सीट थी, लेकिन ममता देवी ने अपनी पिछड़ी जाति तमोली/चौरसिया छिपाकर अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी करा चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया, जिसमें महिला ने जीत हासिल की और ग्राम पंचायत की प्रधान बन बैठी। मामले की जानकारी होने पर इसी गांव की अनीता देवी ने उपजिलाधिकारी, बिन्दकी की अदालत में वाद योजित कर ममता देवी की जाति पिछड़ा वर्ग होने का दावा किया।
उपजिलाधिकारी द्वारा गठित कमेटी की जांच में पाया गया कि ममता देवी अनुसूचित जाति की महिला नहीं है बल्कि वह पिछड़ा वर्ग की महिला है और अनुसूचित जाति का लाभ लेकर चुनाव लड़ा है। गठित जांच कमेटी ने ममता देवी के अनुसूचित जाति के लगाये गये जाति प्रमाण-पत्र को न मानते हुये उसके प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया और जांच से यह साबित हुआ कि ममता देवी अनुसूचित जाति की महिला नहीं है बल्कि पिछड़ी जाति की महिला है। महिला द्वारा फर्जी अभिलेखों के आधार पर ग्राम प्रधान पद पर अनुसूचित जाति का आरक्षित सीट में लड़ा गया चुनाव अवैध है। उपजिलाधिकारी, बिन्दकी ने अपने आदेश में वाद का निपटारा करते हुये चुनाव को अवैध घोषित करते हुये प्रधानी का पद रिक्त घोषित किया है और प्रधान पद के परिणाम को शून्य कर दिया है साथ ही मामले की जानकारी जिलाधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारी और पंचायत एवं नगरीय निकाय को दी है। पूरे प्रकरण में महिला द्वारा जाति बदलकर प्रमाण-पत्र जारी कराने में हल्का लेखपाल की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है।
मामले में याचिकाकर्ती अनीता देवी ने वाद संख्या 453072021 अनीता देवी बनाम ममता देवी आदि उपजिलाधिकारी, बिन्दकी की अदालत में वादि योजित कर ममता देवी की प्रधानी को चैलेंज किया था। मामले में उच्च स्तरीय जांच के बाद हक़ीक़त का खुलासा होने पर मुकदमें में आदेश पारित किया है। प्रधानी चुनाव में अनीता देवी समेत छह अन्य प्रत्याशियों ने ग्राम प्रधान पद के लिये नामांकन किया था और ग्राम पंचायत बम्थरा क्षेत्र पंचायत अमौली की सीट अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित थी। ममता देवी ने लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास न करके गलत हथकण्डे अपनाकर अपनी जाति छिपाकर अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र बनवा लिया और इसी प्रमाण-पत्र के जरिये ग्राम प्रधान पद का चुनाव लड़ा और सफल रही। याचिकाकर्ती ने फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर विजेता प्रत्याशी ममता देवी का चुनाव निरस्त किये जाने का अनुरोध एसडीएम से वाद योजित कर किया था। प्रकरण में जिलाधिकारी की विस्तृत जांच आख्या दिनांकी 16-02-2022 के आधार पर मामले में आदेश पारित किया गया है।