Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

पहली बारिश में ही गड़ी लाशों से बह गई बालू, कानपुर के तीन घाटों पर दिखने लगी शवों की भरमार

Janjwar Desk
14 May 2021 3:33 AM GMT
पहली बारिश में ही गड़ी लाशों से बह गई बालू, कानपुर के तीन घाटों पर दिखने लगी शवों की भरमार
x

photo - janjwar

गंगाघाट के गांव रौतापुर, मिश्रा कालोनी तथा बालू घाट के श्मशान घाट पर गंगा किनारे 500 सौ से जादा शव रेती में गाड़े गए हैं। कम गहराई में गड़े होने की वजह से आवारा कुत्ते बड़ी संख्या में शवों को खा गए या अस्त-व्यस्त कर गए...

जनज्वार, कानपुर। कोरोना महामारी अब तक कितनो को निगल गई ये नदियों और घाटों में देखने को मिल रहा है। दाह संस्कार के लिए लकड़ियां कम पड़ गईं, घाटों में जगह नहीं मिल रही और तो घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। इस सब से आजिज आए लोगों ने गंगा की रेती में शवों को गाड़ना तथा नदी में बहाना शुरू कर दिया।

हजारों की तादाद में रेती में गाड़े गए शवों को कुत्ते नोंच रहे हैं। शव नदी में तैरते देखे जा रहे हैं। एक दिन पहले हुई बारिश में रेती बहने से चारों तरफ शव ही शव नजर आने लगे। ऐसे में जब गंगा का जलस्तर बढ़ेगा तो शव नदी में तैरकर एक जगह से दूसरी जगह जाएंगे। जिससे बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ेगा।

उन्नाव के बारासगवर घाट पर गंगा किनारे और बीच टीले में गाड़े गए कई शवें से रेत हट गई। जिसके बाद प्रशासन ने खुले शवों पर रेत डलवाई। सैंकड़ों की तादाद में गाड़े गए शव का टीला फतेहपुर जिले की सीमा में आता है।

शुक्लागंज का हाल भी ऐसा ही है। गंगाघाट के गांव रौतापुर, मिश्रा कालोनी तथा बालू घाट के श्मशान घाट पर गंगा किनारे 500 सौ से जादा शव रेती में गाड़े गए हैं। कम गहराई में गड़े होने की वजह से आवारा कुत्ते बड़ी संख्या में शवों को खा गए या अस्त-व्यस्त कर गए।

शिवराजपुर के खेरेश्वर घाट पर भी सैंकड़ो की तादाद में शव गड़े हुए हैं। लगभग तीन सौ मीटर के दायरे में जिधर भी निगाह दौड़ाईये शव ही शव गड़े दिख रहे हैं। एक दिन पहले हुई बारिश में रेती बही तो चारों तरफ शव नजर आने लगे।

यूपी के स्वास्थ मंत्री जय प्रताप सिंह ने राज्य व केंद्र सरकार के लिए अधिकृत चैनल एएनआई से कहा कि दफन शवों का अंतिम संस्कार करवाया जाएगा। लेकिन कब करवाया जाएगा यह ना चैनल ने पूछा और ना ही मंत्री जी ने बताया ही।

Next Story

विविध