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तिकुनियां कांड: लखीमपुर हत्याकांड में SIT की रिपोर्ट आने के बाद राकेश टिकैत ने फिर उठाई यह मांग
(किसान नेता राकेश टिकैत ने फिर उठाई यह मांग)
Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि लखीमपुर हत्याकांड में एसआइटी (SIT) की रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सब सुनियोजित था। गृहराज्य मंत्री का बेटा केस का मुख्यारोपी है। चार्जशीट के बाद टेनी को मंत्रिमंडल में बनाये रखने की कोई गुंजाइश नही बची है, सरकार अजय टेनी को तुरंत बर्खास्त करे।
लखीमपुर हत्याकांड में Sit की रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सब सुनियोजित था। गृहराज्य मंत्री का बेटा केस का मुख्यारोपी है। चार्जशीट के बाद टेनी को मंत्रिमंडल में बनाये रखने की कोई गुंजाइश नही बची है
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 3, 2022
सरकार अजय टेनी को तुरंत बर्खास्त करे#ajaymishrateni @ANI @PTI_News
इससे पहले भी किसानों ने यही मांग की थी कि इस पूरी घटना में सांसद का बेटा मुख्य आरोपी है, उसको बचाने के लिए काम किया जा रहा है। इसी वजह से न तो उसे गिरफ्तार किया जा रहा है ना ही अजय मिश्र टेनी को पद से बर्खास्त किया जा रहा है। अब एसआइटी की रिपोर्ट आने के बाद किसानों की बात को बल मिला है।
क्या था पूरा मामला?
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों ने एक साल से अधिक समय तक धरना देकर प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन के कारण ऐसे-ऐसे कांड हुए जो इतिहास बन गए। इसी में एक लखीमपुर-खीरी का पन्ना भी जुड़ गया। लखीमपुर खीरी में किसान प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाल रहे थे, इसी दौरान एक तेज रफ्तार गाड़ी इनके बीच से निकली जिसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से अधिक बुरी तरह से घायल हुए थे। इस घटना के बाद मौके पर मौजूद किसानों ने उस गाड़ी को आग लगा दी थी और कुछ लोगों को पकड़कर पीटा भी था। इस कांड की पूरे देश में आलोचना हुई थी।
जांच रिपोर्ट से ये हुआ स्पष्ट
तीन कृषि कानून खत्म कराने की मांग कर रहे किसान संगठन इस घटना के बाद से और भी आक्रोशित हो गए थे। किसान नेता राकेश टिकैत ने भी लखीमपुर खीरी का दौरा किया और सांसद अजय मिश्र टेनी को संसद से बर्खास्त करने की मांग की। किसानों के उग्र रुख को देखते हुए सरकार ने इस पूरे मामले की जांच एसआइटी से कराने की मांग की। सरकार ने हरी झंडी भी दे दी। लगभग पांच माह के बाद अब सोमवार को एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट कर दी। ये रिपोर्ट पूरे 5000 पन्ने की है। इस रिपोर्ट में बहुत सारी चीजें स्पष्ट हो गई हैं।