Purvanchal Expressway : क्या अखिलेश यादव के किए काम पर मोदी ने सिर्फ फीता काटा है, तथ्यों के साथ पढ़िए पूरा सच
अखिलेश यादव बोले - पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सीएम और पीएम ने केवल तमाशा किया।
Purvanchal Expressway : विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के विकास का प्रतीक बना पूर्वांचल एक्सप्रेस पर सपा और भाजपा के बीच सियासी होड़ चरम पर है। दोनों तरफ से इसका क्रेडिट लेने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है। कल पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया तो आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) भी वहां हेलीकॉप्टर से पहुंचे और योगी सरकार की उन नाकामियों को गिनाया, जो एक्सप्रेस-वे होना चाहित, उसे अभी तक विकसित नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि पूर्व सीएम ने वर्तमान सीएम और पीएम के कार्यक्रम को 'तमाशा' करार देते हुए कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ( Purvanchal Expressway ) सपा सरकार की दिमागी उपज यानि 'ब्रेन चाइल्ड' ( Brainchind ) है और चुनाव जीतकर हम इस एक्सप्रेस-वे उस सांचे में ढालेंगे, जिसकी परिकल्पना हमारी सरकार ने छह साल पहले की थी।
सपा सरकार की दिमागी उपज
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बीजेपी पर हमला बोलते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भारी संख्या में जमा लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवा ब्रिगेड को हार का डर अभी से सताने लगा है। पीएम मोदी ने जिस तरह से और जिस स्थिति में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन किया वो एक तमाशा हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की परिकल्पना सपा सरकार ने की थी। सपा सरकार के दौर में ही सबसे पहले एयर स्ट्रिप पर सेना का फाइटर प्लेन उतरा था। सुलतानपुर में भाजपा ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ( Purvanchal Expressway ) के नाम पर जो किया है हमारे कामों की कॉपी भर है।
2016 में रखी गई थी आधारशिला
पूर्वांचल एक्सप्रेस सपा सरकार की पैदाइश है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जमीन का चिन्हींकरण हमारी सरकार ने किया था। अब बीजेपी सैद्धांतिक तौर पर इसे अपनाने का काम किया है। सपा और बीजेपी के अंतर केवल इतना ही है कि हमने पूरे एक्सप्रेसवे को 22 माह में तैयार कर दिया था। योगी सरकार के पूरे पांच साल में अधूरे पूर्वांचल एक्स्रप्रेस—वे का उद्घाटन किया गया है। मैं, कहता हूं जो काम पूरा नहीं हुआ उसे उद्घाटन कैसे हो सकता है। हकीकत यह है कि सीएम और पीएम पूर्वांचल एक्सप्रेस—वे का क्रेडिट लेना चाहते हैंं, लेकिन भाजपा वाले प्रदेश के लोगों को इस मसले पर बरगला नहीं सकते। प्रदेश के लोगों में योगी सरकार के खिलाफ भारी असंतोष है। स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र का बुरा हाल है। रोजगार, कारोबार और व्यापार सब चौपट हो गया।
अभी पूरी नहीं हुई है पूर्वांचल एक्सप्रेस
यह परियोजना अभी भी निर्माणाधीन है और इसे पूरा सपा सरकार कराएगी। उसके बाद आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के बाद यह भारत में सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे मार्ग यूपी के कई केंद्रीय जिलों को जोड़ेगा और उन्हें सीधे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भी जोड़ेगा।
एक नजर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
1. 340.82 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे UPEIDA द्वारा प्रबंधित एक परियोजना है। यह एक एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है जिसमें छह लेन हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे रोड का मार्ग संरेखण है जो लखनऊ जिले के चांद सराय गांव और गाजीपुर जिले के हैदरिया गांव को जोड़ता है।
2. मई 2015 - उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव ने लखनऊ-आजमगढ़-बलिया एक्सप्रेसवे परियोजना या समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की घोषणा की थी।
3. अक्टूबर 2015 - प्रस्तावित तीन में से एक संरेखण को अंतिम रूप दिया गया और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट ( डीपीआर ) तैयार करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया।
4. नवंबर 2015 - इस परियोजना का नाम बदलकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे कर दिया गया।
5. फरवरी 2016 - परियोजना के लिए सपा सरकार द्वारा कुल 1500 करोड़ रुपए की राशि आवंटित किए गए।
6. दिसंबर 2016 - उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी।
7. मई 2017 - योगी आदित्यनाथ यूपी के नए सीएम बने और आवश्यक भूमि का 80% अधिग्रहण करने का आदेश दिया।
8. जुलाई 2018 - आजमगढ़ में पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी। अक्टूबर 2018 पैकेज 2 से 8 के लिए 10 अक्टूबर को निर्माण शुरू हुआ। जून 2019 में कुल निर्माण का 10% और अक्टूबर 2019 - निर्माण का 20% पूरा हुआ।
9. अप्रैल 2020 - COVID-19 के कारण एक महीने की रोक के बाद निर्माण फिर से शुरू हुआ। अगस्त 2020 - निर्माण का 52% पूरा हो गया है। जुलाई 2021 तक कुल 934 संरचनाओं में से 930 और काम का 95% पूरा हो गया है। सितंबर 2021 में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अक्टूबर 2021 में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जाएगा। 20 सितंबर तक 97% काम पूरा हो गया था।
10. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ सभी छह लेन एक्सप्रेसवे हैं जो उत्तर प्रदेश के सड़क नेटवर्क को बदलने के लिए बनाए जा रहे हैं। तब राज्य देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क वाला एकमात्र राज्य बन जाएगा। एक बार इन एक्सप्रेसवे के पूरा हो जाने के बाद राज्य में एक्सप्रेसवे 1788 किलोमीटर हो जाएंगे जो देश का सबसे बड़ा नेटवर्क होगा।
11. इस परियोजना की अनुमानित लागत 22,496 करोड़ रुपए है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे मार्ग राज्य के कई केंद्रीय जिलों को पूर्वी जिलों से जोड़ेगा। यह इन जिलों की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क को भी संरेखित करेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे रोड पर 22 फ्लाईओवर और सात पुल होंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे एक हवाई पट्टी भी दिखाता है जो उड़ानों की आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति देगा।
12. 340.8 किलोमीटर लंबी यह हाईवे परियोजना चांद सराय गांव से लखनऊ-सुल्तानपुर रोड से शुरू होकर अमेठी, अयोध्या, मऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर से होते हुए गाजीपुर के हैदरिया गांव में खत्म होगी। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे हाईवे का प्राथमिक लाभ यह है कि यह गाजीपुर से लखनऊ तक यात्रा के समय को 12 घंटे से घटाकर छह घंटे कर देगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद गाजीपुर से दिल्ली तक कार से 10 घंटे ही लगेंगे।