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Taj Mahal Controversy Updates : धर्मदंड के साथ ताजमहल में एंट्री की इजाजत न देने पर जगतगुरु परमहंस ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, लगाए ये आरोप
Taj Mahal Controversy Updates : धर्मदंड के साथ ताजमहल में एंट्री की इजाजत न देने पर जगतगुरु परमहंस ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, लगाए ये आरोप
Taj Mahal Controversy Updates : ताजमहल में धर्मदंड लेकर जगतगुरु परमहंस आचार्य धर्मेंद्र गोस्वामी ( Jagat guru paramhans dharmendra Goswami ) को प्रवेश करने से रोकना ऐतिहासिक घटना में साबित हो सकता है। करीब 15 दिन पहले आगरा के ताजमहल ( Taj Mahal ) में भगवा वस्त्र और धर्मदंड लेकर प्रवेश करने से जगत गुरू परमहंस आचार्य धर्मेंद्र गोस्वामी को रोक दिया गया था। उस समय तो धर्मेंद्र गोस्वामी अपमान का घूंट पीकर चुपचाप लौट गए लेकिन इस मुद्दे पर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट ( Allahabad High court ) का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि ताजमहल प्रशासन ने उनका अपमान किया। इतना ही नहीं, यह संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी है। इस आधार पर जगत गुरु स्वामी हाईकोर्ट से न्याय की मांग की है।
जगत गुरू परमहंस आचार्य धर्मेंद्र गोस्वामी ने प्रवेश न देने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ ताजमहल में प्रवेश की अनुमति दी जाने की मांग की गई है। याचिका के जरिए ताजमहल में धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ प्रवेश न देने और उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित न करने को चुनौती दी गई है।
बता दें कि जगद्गुरु परमहंस को 26 अप्रैल 2022 को धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ ताजमहल में प्रवेश करने से प्रशासन ने रोका था। विवाद बढ़ने के बाद उन्हें एएसआई आरके पटेल की ओर से ताजमहल में प्रवेश करने का निमंत्रण भेजा गया। इस निमंत्रण पर जब वह ताजमहल गए तो धर्मदंड को बाहर रखने की बात कही गई। कहा गया कि धर्मदंड के साथ ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परमहंस द्वारा बार-बार आग्रह करने पर भी उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें हाउस अरेस्ट कर वापस अयोध्या भेज दिया गया।
याचिका में कहा गया है कि इसके बाद चार मई 2022 को हिंदू युवा वाहिनी के एक नेता को धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ प्रवेश की अनुमति दी गई थी। परमहंस ने इसके बाद सक्षम अधिकारी के सामने धर्मदंड और भगवा वस्त्र के साथ प्रवेश की अनुमति के लिए प्रत्यावेदन दिया था, जिसका निस्तारण नहीं किया गया।
मौलिक अधिकारों का दमन
Taj Mahal Controversy Updates : याचिकाकर्ता जगत गुरु परमहंस धर्मेंद्र गोस्वामी के अधिवक्ता का कहना है कि ताजमहल प्रशासन ने ऐसा कर संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16, और 19 का सीधा उल्लंघन है। सिर्फ धार्मिक वस्त्र और उसकी वेशभूषा के आधार पर किसी को कहीं आने जाने से रोका नही जा सकता है। विशेषकर जब तक प्रवेश करने वाली जगह पर खास ड्रेस कोड का प्रावधान न किया गया हो। याचिका में तर्क दिया गया है कि ताजमहल में प्रवेश के लिए ऐसा कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है। धर्मदंड और भगवा वस्त्र पर ताजमहल में प्रवेश न देना हिंदू धर्म का अपमान है।
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