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उत्तर प्रदेश

Yogi 2.0 Mega Budget Updates : योगी ने अल्पसंख्यक कल्याण के नाम पर बजाया झुनझुना, मदरसा आधुनिकीकरण कोष में की 7 लाख की बढ़ोतरी

Janjwar Desk
27 May 2022 4:55 PM IST
UP  News : दिनेश खटीक ने फोड़ा लेटर बम तो अखिलेश योगी पर कसा तंज, कहा - कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है
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UP News : दिनेश खटीक ने फोड़ा लेटर बम तो अखिलेश योगी पर कसा तंज, कहा - कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है

Yogi 2.0 Mega Budget Updates : अगर योगी के बजट की तुलना अखिलेश सरकार द्वारा साल 2016-17 में पेश बजट से करें तो ताजा बजट अल्पसंख्यकों के लिए एक धोखा है। छह साल पहले अखिलेश यादव की सरकार ने मुस्लिम कल्याण के लिए 3000 करोड़ से ज्यादे का बजट आवंटन किया था। छह साल बाद अल्पसंख्यकों के लिए योगी का बजट घटकर 1783 करोड़ का रह गया है।

Yogi 2.0 Mega Budget Updates : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 26 मई को पेश कर दिया। यूपी विधानसभा में पेश बजट ( Yogi 2.0 Mega Budget ) अब तक का सबसे बड़ा बजट है। दूसरी तरफ यह अल्पसंख्यकों ( Minority Welfare ) के लिए निराश करने वाला बजट है। बजट में महिलाओं, किसानों, युवाओं और बुजुर्गों आदि को ध्यान में रखकर कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। ठीक उसी तरह अल्पसंख्यक समुदाय के मदरसों को आधुनिक ( Madarsa modernization ) बनाने की बातें भी की गई हैं, लेकिन वो केवल छलावा ( Eyewash ) ही साबित होगा।

अखिलेश की तुलना में योगी का बजट धोखा क्यों?

ऐसा इसलिए कि अल्पसंख्यकों के कल्याण ( Minority Welfare ) के लिहाज से अगर योगी के बजट ( Yogi 2.0 Mega Budget ) की तुलना अखिलेश सरकार (Akhilesh yadav Government Budget ) द्वारा साल 2016-17 में पेश बजट से करें तो ताजा बजट उनके लिए एक धोखा है। छह साल पहले अखिलेश यादव की सरकार ने मुस्लिम कल्याण के लिए 3000 करोड़ से ज्यादे का बजट आवंटन किया था। छह साल साल बाद अल्पसंख्यकों के लिए योगी का बजट घटकर 1783 करोड़ का रह गया है। इस बीच अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़कर करीब पांच करोड़ तक पहुंच गई है। 2011 की जनगणना के हिसाब से ही मुलसमानों की आबादी बात करें तो योगी का बजट आवंटन हर मुसलमान के लिए लगभग पांच रुपए प्रतिवर्ष बैठता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि योगी सरकार में मुसलमानों का कितना भला हो रहा है।

चालू वित्तीय वर्ष के लिए योगी सरकार ने बजट में अल्पसंख्यकों के लिए बजट आवंटन केवल 1783 करोड़ रुपए किया है। अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 600 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राजस्व पक्ष में छात्रवृत्ति के लिए 195 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना के लिए 479 करोड़ 07 लाख की व्यवस्था की गई है। पिछले साल मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत 479 करोड़ रुपए का बजट आवंटन हुआ था। अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, शिक्षा और पेयजल की योजनाओं के विकास के लिए संचालित मल्टी सेक्टस डिस्ट्रिक्स प्लान के विभिन्न घटकों के तहत कुल 508 करोड़ 18 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

ये है अल्पसंख्यक कल्याण की हकीकत

अखिलेश यादव शासन के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग तब सुर्खियों में आया था जब समाजवादी पार्टी सरकार ने 2011-12 में परिव्यय को मायावती के 1,143 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2012-13 में 2,074 करोड़ रुपए से 2016-17 तक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट में 167 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 3,055 करोड़ रुपए कर दिया था।

अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज पर सबसे ज्यादा जोर

योगी के बजट में सबसे ज्यादा फोकस अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज पर है। 2025 में प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन करने के लिए अलग से 100 करोड़ रुपए का बजट आवंटन हुआ है। 39,181 करोड़ की नई योजनाएं बनाई गई हैं। 19,500 करोड़ रुपए जल जीवन मिशन के लिए तय किया गया है जो एक साल पहले की तुलना में 4500 करोड़ रुपए ज्यादा है। बुजुर्गों और महिलाओं की सहायता राशि दोगुनी करने से यह बढ़कर 7053.56 करोड़ हो गयाहै। पहले ये राशि 3600 करोड़ रुपए थी। निराश्रित महिलाओं के पेंशन के लिए 4032 करोड़, 72.5 करोड़ महिला सामथ्र्य योजना, 1200 करोड़ मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए आवंटित किया गया है।

इस अल्पसंख्यक कल्याण मद में 113 करोड़ की कटौती

Yogi 2.0 Mega Budget Updates : बता दें कि यूपी का 2022-23 का कुल बजट 6,15,518 करोड़ रुपए है। पिछले वर्ष की तुलना में 65, 248 करोड़ ज्यादा है। यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस बार अल्पसंख्यक कल्याण के लिए सरकार ने 1783 करोड रुपए दिए हैं। यह योगी के एक साल पहले के बजट से 113 करोड़ रुपए कम है। योगी सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण के ​लिए 2021-22 के बजट में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1896 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। इनमें 479 करोड़ रुपए मदरसा आधुनिकीकरण योजना के लिए निर्धारित था। इस बार मदरसा आधुनिकीकरण योजना के लिए 479.07 करोड़ मदरसा निर्धारित किया गया है।

2022 में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 24.34 करोड़ होने का अनुमान है। इनमें से लगभग 5 करोड़ से ज्यादा से आबादी मुस्लिमों की है। 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 19,98,12,341 थी। 15,93,12,654 करोड़ हिंदू और 3, 84, 83,967 मुस्लिम थे। साल 2001 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 80.61 फीसदी हिंदू थे और 18.50 फीसदी मुसलमान थे। 2011 में हिंदुओं की आबादी घटकर 79.73% और मुस्लिमों की आबादी बढ़कर 19.26% हो गई।


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