Dehradun News: पूर्व कैबिनेट मंत्री टम्टा का निधन, ग्राम प्रधान बने थे तो गुड़ की भेली बांटकर मनाई थी समर्थकों ने खुशी
Dehradun News: उत्तराखंड सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे रामप्रसाद टम्टा का लंबी बीमारी के बाद शनिवार की शाम निधन हो गया। 75 वर्षीय टम्टा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बागेश्वर से इलाज के लिए उन्हें डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय लाया गया था। एसटीएच में हालत में सुधार होने के बाद वह डिस्चार्ज कर दिए गए। बाद में उन्हें हार्ट अटैक पड़ा था और किडनी भी फेल हो चुकी थी। इसके बाद निजी अस्पताल रेफर किया गया था। जहां उनका निधन हुआ है।
गांधीवादी नेता रामप्रसाद टम्टा मूल रूप से चौगांवछीना खर्कटम्टा निवासी थे। छह मई की रात को तबीयत ज्यादा खराब होने पर परिजन उन्हें बागेश्वर के जिला अस्पताल ले गए थे। ईसीजी के बाद उन्हें डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी ले आए जहां हालत में सुधार होने के बाद डॉक्टरों ने उनको रेफर कर दिया था जहां हार्ट अटैक पड़ने और किडनी फेल होने के बाद निजी अस्पताल में भेजा गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
पूर्व समाज कल्याण मंत्री राम प्रसाद टम्टा अपनी किशोरावस्था में ही साल 1968 में यूथ कांग्रेस से जुड़ गए थे। 1971 में 18 साल की उम्र होने पर संगठन में गए। इसी उम्र में टम्टा ने महज 12 रुपये खर्च कर ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने के बाद उनके समर्थकों ने गुड़ की भेली बांट कर खुशी मनाई थी। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बागेश्वर से 1993 में पहली बार विधायक बने।
राज्य गठन के बाद 2002 में इसी सीट से दोबारा विधायक बने तो उत्तराखंड की पहली निर्वाचित नारायणदत्त तिवारी सरकार में वह समाज कल्याण मंत्री बने। मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के साथ 2007 तक मंत्री बने रहे।
2012 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही टम्टा की सक्रिय राजनीति में पहलकदमी कम होनी शुरू हो गई थी। रामप्रसाद टम्टा के निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास, समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है।