Dehradun News : पूर्व डीजीपी सिद्धू के खिलाफ मुकदमे को शासन से मिली इजाजत, पद का दुरुपयोग कर पेड़ कटवाने का है मामला
Dehradun News : पूर्व डीजीपी सिद्धू के खिलाफ मुकदमे को शासन से मिली इजाजत, पद का दुरुपयोग कर पेड़ कटवाने का है मामला
Dehradun News : पुलिस विभाग के पूर्व मुखिया के खिलाफ मसूरी में सरकारी जमीन पर कब्जे की कोशिश और पेड़ काटने के आरोप में जल्द ही मुकदमा दर्ज हो सकता है। शासन की ओर से प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मंजूरी दे दी गई है। जिसके बाद वन विभाग मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी में जुट गया है।
जिस मामले में प्रदेश की पुलिस के पूर्व मुखिया सिद्धू के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है, वह वर्ष 2012 में मसूरी वन प्रभाग में वीरगिरवाली गांव में सिद्धू द्वारा 1.5 हेक्टेयर जमीन खरीदने से जुड़ा हुआ है। इस जमीन से मार्च 2013 में साल के 25 पेड़ काट लिए गए थे। पेड़ काटे जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग ने इस मामूली जुर्म की जांच कराई तो वन विभाग के होश ही उड़ गए। जिस जमीन से पेड़ काटे थे, वह जमीन ही खुद वन विभाग की निकली। मतलब काटे गए संबंधित पेड़ जिस जमीन पर थे, वह जमीन ही रिजर्व फॉरेस्ट की निकली। तब यह खुलासा हुआ कि सिद्धू ने अवैध तरीके से जमीन खरीदी थी। तब इस मामले में वन विभाग ने सिद्धू के खिलाफ जुर्म काटा था। बाद में जमीन की सिद्धू के नाम की गई रजिस्ट्री भी कैंसिल की गई थी।
इसी मामले में कुछ समय पूर्व ही वन विभाग ने सेवानिवृत्त हो चुके सिद्धू पर रिजर्व फारेस्ट में जमीन कब्जाने और पेड़ कटान के आरोप में आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति शासन से मांगी थी। जिसके बाद वन सचिव विजय कुमार यादव की ओर से बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति दे दी गई है। शासन ने पीसीसीएफ को इस मामले में कार्रवाई के लिए लिखा। इसके बाद उन्होंने डीएफओ मसूरी को पूरे मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीएफओ मसूरी आशुतोष ने बताया कि पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन का पत्र मिल गया है। कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जबकि इस मामले में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू ने कहा कि मेरे खिलाफ वन विभाग जुर्म काटने की कार्रवाई कर चुका है। वन विभाग की वह कार्यवाही भी गलत थी। इस मामले में जिला न्यायालय ने मेरे खिलाफ आईपीसी में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति को खारिज कर दिया है। ऐसे में शासन ने अगर मेरे खिलाफ मुकदमें की अनुमति दी है तो वो गलत है। इसके खिलाफ मैं आगे कानूनी कार्रवाई करूंगा।