Ramnagar News: यूपी के लड़के को बाइक से उठा ले गया था बाघ, युवक का केवल हाथ हुआ बरामद, गुस्साए ग्रामीणों ने किया नेशनल हाइवे पर जाम
Ramnagar News: यूपी के लड़के को बाइक से उठा ले गया था बाघ, युवक का केवल हाथ हुआ बरामद, गुस्साए ग्रामीणों ने किया नेशनल हाइवे पर जाम
सलीम मलिक की ग्राउंड रिपोर्ट
Ramnagar Ground Report : कल 16 जुलाई की रात को बाइक सवार युवक को बाघ द्वारा अपना शिकार बनाए जाने की घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने आज रविवार 17 जुलाई की सुबह घटना के विरोध में नेशनल हाइवे पर चक्का जाम कर दिया। इस जाम में अल्मोड़ा से वापस लौट रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी फंसे रहे। हरीश रावत ने मुख्यमंत्री सहित कई अधिकारियों से बात कर हमलावर बाघ को पकड़कर ग्रामीणों को बाघ के आतंक से निजात दिलाए जाने की मांग की।
दूसरी ओर वन-विभाग की कई टीमों द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान बाघ के शिकार बने युवक का एक हाथ ही बरामद किया जा सका है। बाघ का शिकार बने युवक के परिजन भी हसनपुर (अमरोहा) से रामनगर पहुंच चुके हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद निवासी अफसारूल नाम के युवक को अल्मोड़ा-नैनीताल जिले की सीमा पर पर स्थित मोहान इंटर कॉलेज के पास एक बाघ नेशनल हाइवे पर ही उनकी बाइक पर हमला करके जंगल में उस समय उठा ले गया था जब वह अपने अनस नामक दोस्त के साथ नैनीताल, अल्मोड़ा घूमने के बाद बाइक से इस क्षेत्र से गुजर रहा था।
निकट कालागढ़ टाइगर रिजर्व की मंदाल रेंज व रामनगर वन प्रभाग की कोसी रेंज के बीच गुजरने वाले इस नेशनल हाइवे से गुजरती इन युवकों की बाइक पर हमला करने के बाद बाघ बाइक के पीछे बैठे अफसारुल को खींचकर कोसी रेंज के घने जंगल में ले गया था, जबकि हादसे से हक्का-बक्का अनस मौके पर चीखता-चिल्लाता ही रह गया था। चलती बाइक से बाघ द्वारा युवक को उठाकर जंगल में ले जाए जाने की घटना की जानकारी मिलने पर रात में ही बाघ द्वारा ले जाए गए युवक की तलाश में सर्च अभियान छाया गया था, जिसमें अंधेरे की वजह से कोई सफलता नहीं मिली थी। अलबत्ता हाईवे से 50 मीटर की दूरी पर अफसारुल का खून से सना बैग और मोबाइल बरामद कर लिया गया था।
रविवार 17 जुलाई की सुबह घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने हमलावर बाघ को पकड़ने की मांग करते हुए नेशनल हाइवे 309 पर चक्का जाम लगा दिया। बाघ के हमले के बाद अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित ग्रामीणों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और रामनगर वन प्रभाग पर लापरवाही का भी आरोप लगाया। क्षेत्र में लगातार बाघों के बढ़ते हमले को लेकर ग्रामीणों में दहशत पसरी हुई है।
हाईवे पर लगे इस जाम की वजह से कुमाउं-गढ़वाल का रामनगर से यातायात ठप्प हो गया। तमाम यात्रियों के साथ ही पर्यटक भी इस जाम में फंसे रहे। इसी जाम में अल्मोड़ा से रामनगर की ओर वापस लौट रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी जाम में फंस गए। ग्रामीणों की मांग को जानकर रावत भी अपने वाहन से निकलकर ग्रामीणों के साथ ही सड़क पर बैठ गए।
हरीश रावत से ग्रामीणों ने बाघ के लगातार बढ़ते हमले और विभाग द्वारा कोई भी सुरक्षा व्यवस्था न करने की शिकायत भी की। रावत ने इस दौरान फ़ोन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और जिलाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता कर हमलावर बाघ को जल्द से जल्द पकड़ने की अपील भी की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से आदमखोर बाघों से ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने को भी कहा। करीब दो घण्टे के बाद में अधिकारियों के समझाने के बाद ग्रामीणों ने जाम हटा दिया। उसके बाद हाइवे पर यातायात सुचारू हो गया।
दूसरी ओर वन-विभाग की टीम द्वारा बाघ का शिकार बने युवक की तलाश में चलाए गए अभियान के दौरान टीम को घटनास्थल से करीब एक किमी. की दूरी पर कोसी रेंज के जंगल में युवक का एक हाथ बरामद हुआ है।
बाघ द्वारा बाइक सवारों को टारगेट करने के नए ट्रेंड से सकते में हैं विशेषज्ञ
उत्तराखंड में मानव- वन्यजीव संघर्ष नया नहीं है। जंगलों के लगातार सिकुड़ने और जंगलों से सटे इलाकों में मानवीय गतिविधियां बढ़ने की वजह से हाल के दिनों में इस संघर्ष में बढ़ोतरी हुई है। आम तौर पर बाघ और गुलदार जैसे वन्यजीव आमने-सामने से हमला करने की बजाय पीछे से हमला करना ज्यादा सुरक्षित समझते हैं, लेकिन बाइक सवारों पर इनका यह हमला आम तौर पर नहीं होता था। मगर बाघ और गुलदार के हालिया कुछ हमलों में यह बात सामने आई है कि बाघ और गुलदार अब बाइक सवारों पर भी झपट्टा मारने लगे हैं।
16 जून को कॉर्बेट नेशनल पार्क के धनगढ़ी गेट के पास जंगल में बाघ ने एक बाइक सवार मजदूर खलील अहमद नाम के मजदूर को मार दिया था। इसके बाद एक हफ्ते में ही बाइक सवार एक वनकर्मी को भी घायल कर दिया था। बीते सप्ताह ही चम्पावत जिले के टनकपुर में भी एक गुलदार ने दो बाइक सवारों पर हमला किया था। इसी कड़ी में बीती रात बाघ का यह हमला भी हुआ है, जिसमें एक युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
इस मामले में जाने-माने वन्यजीव विशेषज्ञ एजी अंसारी ने बाघों और गुलदरों द्वारा बाइक पर हमला किए जाने को नया ट्रेंड बताते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाएं पहले कभी प्रकाश में नहीं आई। बहुत पहले दुधवा नेशनल पार्क में एक बाइक सवार पर हमले की घटना हुई थी, लेकिन उसे उस समय अपवाद मानकर उस केस में कोई स्टडी नहीं की गई थी। अब जिस प्रकार उत्तराखंड में इस प्रकार बाइक पर हमलों की एक लंबी सीरीज बनती जा रही है तो इस विषय पर शोध की जरूरत आ पड़ी है कि आखिर बाघों या गुलदारों के चरित्र में यह परिवर्तन कैसे आया कि वह बाइक पर झपटने लगे हैं।
एजी अंसारी आगे कहते हैं, यह इन वन्यजीवों का नया ट्रेंड है, जिस पर विशेषज्ञों को स्टडी की जरूरत है। इस मामले में यह भी स्टडी का विषय है कि यह बदलाव क्या केवल उत्तराखंड के ही वन्यजीवों में देखने को मिल रहा है या इससे मिलती-जुलती घटनाएं और स्थानों पर भी हो रही हैं।
एक अन्य वनाधिकारी जो पूर्व में रामनगर में भी तैनात रह चुके हैं, के मुताबिक इस प्रकार की घटनाएं जंगल में जंगल की क्षमताओं से अधिक वन्यजीव होने के कारण हो सकती हैं। आबादी वाले क्षेत्र में वन्यजीव जंगल की तरह हमलावर होने में असहजता महसूस कर रहे हो सकते हैं। इसीलिए वह अपनी प्रवृत्ति को बदल रहे हो सकते हैं।
एक नजर कॉर्बेट लैंडस्केप में बाघ के हमले में अब तक मारे गए लोगों पर
राज्य गठन के बाद वर्ष 2000 से लेकर 2019 तक वन्यजीवों के हमले में 31 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें 17 लोग ऐसे थे, जिन्हें बाघ ने हमला कर मार डाला था। बाकी अन्य वन्य जीवों के हमले का शिकार बने हैं।
19 जनवरी 2006 को ढेला में बाघ ने गोदी देवी को अपना शिकार बनाया था, तो इसके तीन साल बाद बाद बिजरानी में 4 फरवरी 2009 में ढिकुली की रहने वाली भगवती नैनवाल को बाघ ने मारा डाला था। 12 नवंबर 2010 को बाघ ने सुंदरखाल निवासी नंदी देवी, 29 दिसंबर 2010 को सुंदरखाल निवासी देवकी देवी, 9 जनवरी 2011 को गर्जिया निवासी शांति देवी, 14 जनवरी 2014 में कालागढ़ में हरनंदी देवी, 9 फरवरी 2014 में कालागढ़ में रामचरण सिंह, 5 अक्टूबर 2015 को ढेला में देवकी देवी, 3 नवंबर 2018 को ढिकाला में बिजनौर निवासी मजदूर पंकज को बाघ ने अपना शिकार बनाया।
22 जुलाई 2012 में बीट वाचर दीवान राम को सर्पदुली में बाघ ने मारा, 20 अक्टूबर 2013 में कालागढ़ में बीट वाचर राजेश कुमार शर्मा को बाघ ने मारा, 25 मार्च 2014 को सर्पदुली में बाघ नेे कृपाल राम को मारा, 22 मार्च 2016 को सर्पदुली में गश्त केे दौरान बाघ ने बीट वाचर कृष्णपाल सिंह को बाघ ने मारा, 8 अप्रैल 2016 को सर्पदुली में बीट वाचर हरी राम को बाघ ने मारा, 15 जुलाई 201 में पलेन रेंज में बीट वाचर सोहन सिंह, 13 अगस्त 2019 में ढिकाला में बीट वाचर बिशन राम को बाघ ने मारा व 11 फरवरी 2021 में बिजरानी रेंज में कमला देवी को बाघ ने हमलाकर मौत के घाट उतारा। फरवरी 2022 में धनगढ़ी के पास बाघ ने एक भिखारी को हाईवे से उठाया, मारा। 15 जून 2022 को धनगढ़ी गेट से जंगल में सर्पदुली रेंज में बाघ ने मजदूर खलील अहमद को हमला कर मार दिया था।