UKSSSC paper leak SCAM: पेपरलीक कांड में किन हाईप्रोफाइल लोगों को बचा रही STF, जांच पर क्यों नहीं आपको भरोसा- हाईकोर्ट ने कांग्रेस MLA भुवन कापड़ी से किया सवाल
UKSSSC Scam: विधायक कापड़ी से हाई कोर्ट का सवाल, एसटीएफ पर भरोसा क्यों नहीं है? सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर की थी याचिका
UKSSSC paper leak SCAM: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने का बहुचर्चित मामले में रोचक मोड़ आ गया है। उच्च न्यायालय में इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग के लिए विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष भुवनचंद्र कापड़ी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने याचिकाकर्ता से उन नामों पर छाया धुंधलका साफ करने को कहा है, जिन्हें उनके मुताबिक कथित तौर पर प्रदेश की एसटीएफ बचा सकती है। न्यायालय के इस रुख से राज्य में हुए इस परीक्षा घोटाले में शामिल कई बड़े नेताओं के साथ ही बड़े अधिकारियों के भी फंदे में फंसने की उम्मीद जताई जा रही है। न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिका दायर करने के मकसद को लेकर सवालिया निशान लगाते हुए याचिकाकर्ता को संशोधन के साथ याचिका पेश करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। इसके बाद याचिका पर अगली सुनवाई 12 सितंबर को तय की गई है।
मालूम हो कि उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस की ओर से प्रतिपक्ष के उपनेता भुवन कापड़ी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि इस परीक्षा घोटाले में कई बड़े लोग शामिल हैं, लेकिन एसटीएफ सिर्फ छोटे लोगों को ही पकड़ रही है जिससे भ्रष्टाचार के तालाब की बड़ी मछलियों के बचने की पूरी संभावना है। घोटाले के दो राज्यों में फैले होने के तर्क के साथ इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हुए याचिका में कहा गया था कि दो राज्यों में फैले घोटाले की एक राज्य की सीमित अधिकारों वाली एसटीएफ से इसकी निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है। कापड़ी के मुताबिक इस मामले में जो बड़े लोग जांच के दायरे में हैं, उनकी जांच एसटीएफ नहीं कर सकती है। कापड़ी ने याचिका में साफ तौर पर इल्जाम लगाते हुए यह कहा था विभाग के मंत्री, अधिकारी और बड़े नेताओं को एसटीएफ बचा रही है।
इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कापड़ी की इस दलील पर हाईकोर्ट ने पूछा था कि एसटीएफ किन लोगों को बचा रही है? न्यायालय ने ऐसे कोई ऐसे नाम हैं तो वह भी न्यायालय को बताने को कहा है। वैसे इस याचिका का सरकार की ओर से पेश वकील ने याचिका को मेंटेनेबल नहीं बताते हुए इसे राजनैतिक कारणों से दाखिल याचिका बताया था। लेकिन याचिकाकर्ता कापड़ी ने याचिका में संशोधन के लिए कुछ समय मांगा तो न्यायालय ने याचिका संशोधन के लिए एक हफ्ते का समय देते हुए अगली सुनवाई 12 सितंबर को तय की है।
इस मामले की ओर से जनज्वार ने याचिकाकर्ता भुवनचंद्र कापड़ी से दूरभाष पर बात की तो उन्होंने बताया कि उनकी ओर से भर्ती परीक्षा घोटाले की सीबीआई की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। याचिका के कुछ बिंदुओं पर न्यायालय ने और अधिक जानकारी स्पष्ट करने के लिए कहा है। जिस पर वह अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका को दुरुस्त करवा रहें हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या याचिका के संशोधन ने में इस घोटाले में शामिल संभावित बड़े नेताओं और अधिकारियों के नामों को भी खोला जाएगा के जवाब में उनका कहना था कि मामले के हर पहलू पर उनके अधिवक्ताओं द्वारा गहन अध्ययन किया जा रहा है। कानूनी जानकारों से राय के बाद ही सारी स्थिति स्पष्ट की जाएगी।