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Varun Gandhi News : 'मुफ्तखोरी को खत्म करने के प्रस्ताव पर वरुण गांधी बोले - शुरूआत सांसदों की पेंशन और सुविधाओं से हो

Janjwar Desk
3 Aug 2022 7:17 AM GMT
Varun Gandhi News : मुफ्तखोरी को खत्म करने के प्रस्ताव पर वरुण गांधी बोले - शुरूआत सांसदों की पेंशन और सुविधाओं से हो
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Varun Gandhi News : 'मुफ्तखोरी को खत्म करने के प्रस्ताव पर वरुण गांधी बोले - शुरूआत सांसदों की पेंशन और सुविधाओं से हो

Varun Gandhi News : वरुण गांधी ने लिखा है कि बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने सदन में मुफ्त खोरी की संस्कृति को खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है पर जनता को मिलने वाली राहत पर उंगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबान में जरूर झांक लेना चाहिए...०/

Varun Gandhi News : भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद वरुण गांधी ने आज फिर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 'देश में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार देने की प्रथा पर अंकुश लगाने' के लिए शून्यकाल नोटिस दिया था।

सांसदों को मिलने वाली पेंशन और सुविधाएं हों खत्म

इसी खबर को आधार बनाकर वरुण गांधी ने लिखा है कि बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने सदन में 'मुफ्त खोरी की संस्कृति को खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है, पर जनता को मिलने वाली राहत पर उंगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबान में जरूर झांक लेना चाहिए। क्यों ना चर्चा की शुरुआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सुविधाएं खत्म करने से हो।

घरेलू गैस कीमतों को लेकर सरकार को घेरा

इससे पहले वरुण गांधी ने घरेलू गैस कीमतों को लेकर सरकार को घेरा था। वरुण गांधी ने लिखा था कि पिछले 5 सालों में 4.13 करोड़ लोग एलपीजी की सिंगल रिफिल का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 करोड़ लोगों ने इसे केवल एक बार रिफिल किया है। घरेलू गैस की बढ़ती कीमतें और नगण्य सब्सिडी के साथ गरीबों के उज्वला के चूल्हे बुझ रहे हैं। 'स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन' देने के वादे क्या ऐसे पूरे होंगे।

बेरोजगारी पर भी सरकार पर हुए थे हमलावर

बता दें कि इससे पहले बेरोजगारी को लेकर भी कुछ दिन पहले वरुण गांधी ने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि संसद में सरकार द्वारा किए गए आंकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं। विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ों युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया, जिसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका है। जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है।

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