Begin typing your search above and press return to search.
शिक्षा

दिल्ली के कांट्रेक्ट टीचर आज करेंगे उपराज्यपाल आवास का घेराव

Prema Negi
7 March 2019 6:44 AM GMT
दिल्ली के कांट्रेक्ट टीचर आज करेंगे उपराज्यपाल आवास का घेराव
x

मनीष सिसोदिया ने कहा 22 हजार गेस्ट टीचरों को उनकी काबलियत के आधार पर नियुक्त किया गया है। दिल्ली सरकार का टीचरों को रखना, हटाना सर्विसेस का मामला है। बीजेपी की दादागिरी है कि चुनी हुई सरकार गेस्ट टीचर को पक्का नहीं कर सकती....

सुशील मानव की रिपोर्ट

1 मार्च से लगातार अनशनरत गेस्ट टीचरों के आंदोलन के बाद कल 6 मार्च को छठवें दिन दिल्ली सरकार ने विधानसभा में एक बिल पास किया। दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि केजरीवाल कैबिनेट ने एक कानून पास किया है, जिसके तहत कुछ प्रावधान किए गए हैं।

गेस्ट टीचर जिनको मेरिट के आधार पर लिया गया था, किसी भी समय में और जो आज की तारीख में सरकार के साथ काम कर रहे हैं, उन सभी गेस्ट टीचर पर ये पोलिसी लागू होगी।

दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कानून पास किया है कि गेस्ट टीचर रेगुलर टीचर की आयु तक बिना हटे काम करेंगे, जब तक की उनकी उम्र रेगुलर टीचर के बराबर नहीं हो जाती। दिल्ली में यह आयु 60 साल है। अतः वो 60 साल तक काम करते रहेंगे और उन्हें हटाया नहीं जाएगा। जो कंडक्ट और कोड रेगुलर टीचर के लिए है, वही गेस्ट टीचर पर लागू होगी।

गेंद को उपराज्यपाल के पाले में डालते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा ये पोलिसी हमने कोई हवा में नहीं पास की है। हरियाणा में भाजपा की खट्टर सरकार ने भी यही पॉलिसी अपने गेस्टटीचर के लिए पास कर रखी है। हमने भी उसी के आधार पर पास की है। अब ये पोलिसी लेकर हम उपराज्यपाल के पास जा रहे हैं।

मनीष सिसोदिया ने कहा दिल्ली में शिक्षकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। शिक्षको की नियुक्ति, उन्हें रखना या हटाना, उनकी योग्यता निर्धारित करना ये सब केंद्र सरकार के अधीन आ गया है। यह सब सर्विसेस की गलत व्याख्या करके किया गया है, जबकि राज्य सरकार स्कूल बनाए, उन्हें चलाए टीचरों की पेमेंट करे, ये सब राज्य सरकार को काम दे दिया गया है।

ये झगड़ा दो साल से चल रहा है। हमने गेस्ट टीचरों को स्थायी करने के लिए केंद्र सरकार से कहा। इसके लिए सुझाव भी दिया कि गेस्ट टीचरों को उनके अनुभव के आधार पर ग्रेस मार्क्स देकर उनकी परीक्षा ले लेते हैं। इस पर भी केंद्र सरकार नहीं तैयार हुई। हमने उन्हें स्थायी करने का बिल भी पास किया, पर वो नहीं माने। इस बीच माननीय हाईकोर्ट ने कहा कि हम गेस्ट टीचरों से काम क्यों चला रहे हो। अगर केंद्र सरकार ने हमारी बात मानी होती तो ये मामला कोर्ट तक नहीं जाता। कोर्ट का कंसर्न सिर्फ इतना है कि आप गेस्ट टीचर से क्यों काम चला रहे हो?

सिसोदिया ने कहा कि 22 हजार गेस्ट टीचरों को उनकी काबलियत के आधार पर नियुक्त किया गया है। दिल्ली सरकार का टीचरों को रखना, हटाना सर्विसेस का मामला है। बीजेपी की दादागिरी है कि चुनी हुई सरकार गेस्ट टीचर को पक्का नहीं कर सकती है। ये काम केंद्र कर सकता है। दिल्ली विधानसभा में गेस्ट टीचरों को पक्का करने का बिल पास किया, लेकिन केंद्र नहीं माना। गेस्ट टीचरों के सिर पर तलवार लटक रही है।

गौरतलब है कि इस समय दिल्ली में कुल शिक्षकों के 58 हजार पद हैं, जिसमें से 22 हजार गेस्ट टीचर हैं।

कल 6 मार्च को दिल्ली सरकार की ओर से गेस्ट टीचरों को स्थायी टीचरों तक काम से न हटाने का बिल पास करके उपराज्यपाल अनिल बैंजल के पास भेजे जाने के बाद दिल्ली गेस्ट टीचर एसोसिएशन ने आज 7 मार्च से उपराज्यपाल के आवास का घेराव करने ऐलान किया है।

Next Story