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सिंगरौली में राखड़ बांध टूटने पर प्रशासन की रिलायंस को चेतावनी, दोबारा हुआ ऐसा तो जिम्मेदारी आपकी

Janjwar Team
14 April 2020 6:56 PM IST
सिंगरौली में राखड़ बांध टूटने पर प्रशासन की रिलायंस को चेतावनी, दोबारा हुआ ऐसा तो जिम्मेदारी आपकी
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जिला कलेक्टर की ओर से जारी किए गए नोटिस में साफ कहा गया है कि एश डाइक के सुधार के लिए जो निर्देश कंपनी को दिए गए थे कंपनी ने उनका पालन नहीं किया...

जनज्वार: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के कलेक्टर ने 10 अप्रैल को एक एश-डेम टूट जाने के मामले में सासन पावर लिमिटेड को नोटिस जारी किया है. बता दें सासन पावर लिमिटेड रिलायंस पावर की एक कंपनी है.

नोटिस में साफ कहा गया है कि सासन पावर को एश डाइक का मापदंडो के मुताबिक सुधार करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया जिसके कारण 10 अप्रैल को सासन पावर लिमिटेड का एश डाइक टूट जाने से जन-धन की हानि हुई. राख के बहाव में 6 लोग बह गए जिनमें से 2 की मृत्यु हो गई जबकि 4 लोग अभी भी लापता है.'

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नोटिस में कहा गया है कि क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा यह बात संज्ञान में लाई गई है कि टूट चुके ऐश डाइक के अतिरक्त भी सासन के एक से अधिक डाइक स्थित है जिनमें दरारे पाई गई हैं तथा इन ऐश डाइक के टूटने की भी आशंका है.

नोटिस में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि सासन पावर लिमिटेड निर्धारित मापदंडों के मुताबिक कार्रवाई करे और प्रशासन को सूचित करें. नोटिस में कंपनी को सख्त चेतावनी दी गई है कि अगर दोबारा ऐसी घटना घटती है तो जिम्मेदारी आपकी होगी.

बता दें शुक्रवार 10 अप्रैल को मध्यप्रदेश के सिंगरौली ज़िले में एक कोयला बिजलीघर का एश-डेम टूट गया और 6 लोग इसके बहाव में लापता हो गए। आसपास के सैकड़ों एकड़ के इलाके में कोयला बिजलीघर की यह ज़हरीली राख फैल गई।

जब बिजली बनाने के लिये कोल पावर प्लांट में कोयला जलाया जाता है, तो फ्लाइएश (गारा) निकलती है। इसके निस्तारण के लिये समुचित प्लांट को समुचित प्रबंध करने चाहिये लेकिन अक्सर कंपनियां नियमों की अनदेखी करती हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है मानकों को ताक पर रखकर इस बांध का निर्माण कराया गया था। इसके जर्जर होने की सूचना कंपनी प्रबंधन को पहले से ही थी, बावजूद इसे ठीक नहीं कराया गया, जिसका खामियाजा कई लोगों ने अपनी जान देकर चुकाया। इसके अलावा लोगों की संपत्तियों को भी इससे भारी नुकसान पहुंचा है। गरीबों का सबकुछ तबाह हो गया है, आखिर कौन करेगा इसकी भरपाई। पहले से ही कोरोना का कहर कम था कि एक कहर और टूट पड़ा।

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