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एनआरआई लड़के ने पहले धोखा देकर की शादी, फिर एथेंस में बैठे-बैठे गुड़गांव कोर्ट से धोखाधड़ी कर ले लिया तलाक

Prema Negi
27 April 2019 1:11 PM GMT
एनआरआई लड़के ने पहले धोखा देकर की शादी, फिर एथेंस में बैठे-बैठे गुड़गांव कोर्ट से धोखाधड़ी कर ले लिया तलाक
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अंशु की मां निर्मला कहती हैं, ग्रीस अम्बेसी में हमने एक अप्लीकेशन ईमेल की थी तो वहां से जवाब आया कि उन लोगों ने छानबीन के लिए अमरेंद्र भूषण को बुलाया था। उसने वहां की एम्बेसी में एक अप्लीकेशन के साथ एक कॉपी जमा की कि मुझे तो डिवोर्स मिल गया है। हमने जब वो डिवोर्स कॉपी मंगवाई तो देखा कि उसने उसमें गलत एड्रेस डालकर हमें धोखाधड़ी से एक्स पार्टी घोषित किया हुआ है...

सुशील मानव की रिपोर्ट

हर मां-बाप अपनी बिटिया के लिए एक अच्छे वर की चाहत रखते हैं, जो खाता-कमाता घर का हो, अच्छी नौकरी हो। बेटी के लिए अच्छे वर की चाहत में ही निर्मला पांडेय ने एक मैगजीन में इश्तहार दिया था। इस इश्तहार पर एक एनआरआई के पिता चंद्रकांत किशोर द्विवेदी की नज़र पड़ी, तो लड़की पक्ष को कॉल करके संपर्क साधा।

चंद्रप्रकाश द्विवेदी सरकारी शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त हैं और जमशेदपुर में रहते हैं। उनका लड़का अमरेंद्र भूषण धीरज एथेंस ग्रीस में एनआरआई है। अमरेंद्र भूषण ने ईमेल से लिखकर बताया था कि वो एथेंस की एक बहुत बड़ी कंपनी पीडबल्यूसी में एकाउंटेंट डिपार्टमेंट में डायरेक्टर है। जल्दी जल्दी में उन्होंने रिश्ता तय किया और अमरेंद्र भूषण इंडिया आ गया। निर्मला पांडेय ने साल दिसंबर 2015 में चंद्रप्रकाश द्विवेदी के बेटे अमरेंद्र भूषण धीरज से अपनी बेटी अंशु पांडेय की शादी कर दी। शादी जमशेदपुर में ही हुई थी, जिसमें लड़की पक्ष ने शादी में करीब 35 लाख रुपए खर्च किए।

शादी के 10 दिन बाद ही अमरेंद्र भूषण वापिस एथेंस चला गया, ये बोलकर कि वहां पहुंचकर आपकी बेटी के लिए वीजा अप्लाई करुँगा। वहां पहुंचकर लड़की पक्ष वालों से अमरेंद्र ने कहा कि मैंने आपकी बेटी का वीजा अप्लाई कर दिया है। तब से अंशु पांडेय और उनके घरवाले बार बार पूछते थे कि क्या स्टेटस है, तो वो बताता ही नहीं था, न ही ट्रैकिंग नंबर देता था।

समय बीतता जा रहा था तो अंशु की की मां निर्मला पांडेय को शक़ हुआ तो उन्होंने विदेश में रह रहे अपने भाई से इसके बारे में बात की। निर्मला पांडेय के भाई ने अमरेंद्र से पूछा कि वीजा के लिए अप्लाई किया होगा तो आपसे कुछ डॉक्युमेंट्स तो लिये होंगे, तो उसने उन्हें बताया कि नहीं हमसे कोई डॉक्युमेंट्स नहीं लिये। भाई से बात करने के बाद निर्मला पांडेय की समझ में आया कि अमरेंद्र भूषण ने अपनी पत्नी अंशु पांडेय के वीजा के लिए अप्लाई ही नहीं किया है।

अंशु की मां निर्मला पांडेय कहती हैं, हमने अपनी ओर से अंशु का वीजा अप्लाई करने के लिए अमरेंद्र से उसका एड्रेस, एकाउंट डिटेल्स और दूसरे ज़रूरी डॉक्युमेंट मांगे तो वो नहीं दे रहा था। बहुत दबाव बनाने पर वो 6 महीने के बाद एथेंस से इंडिया आया और मेरी बेटी को अपने जमशेदपुर मानगो शंकोसाई रोड नंबर 1 स्थित अपने पैतृक घर ले गया।

वहां पर अमरेंद्र और उसके घर वालों ने मिलकर मेरी बेटी को बहुत मारा-पीटा, प्रताड़ित किया। इतना कि हम सातवें दिन उसके घर जाकर अपनी बेटी को वापिस अपने घर ले आए और जून 2016 में उनके खिलाफ़ केस दर्ज करवाया। यहां पुलिस ने कहा एफआईआर दर्ज करके वहां भेज दी है, लेकिन वहां भी हम पीछे रहे कुछ पता नहीं चला। लगभग दो साल के बाद एसएसपी के जरिए केस वहां से यहां ट्रांसफर हुआ। एक साल से केस एक्टिव है। इस बीच अमरेंद्र कभी इंडिया नहीं आया। हमने सम्मन भिजवाया है। इम्बैसी के जरिए भी उस तक सम्मन नहीं पहुंच पा रहा। स्पीड पोस्ट भी किया, पर उस तक सम्मन नहीं पहुंच पा रहा, इसीलिए लड़के के परिजनों की जमानत सेशन कोर्ट और फिर हाईकोर्ट से रिजेक्ट हो गई। कोर्ट ने कहा कि अपने लड़के को बुलाओ फिर बेल मिलेगी।

बकौल निर्मला, मंगलवार 23 अप्रैल 2019 को गुड़गांव कोर्ट ने अमरेंद्र के पिता चंद्रकांत किशोर द्विवेदी को गुड़गांव पुलिस को 6 दिन के रिमांड पर सौंप दिया है, जबकि उनकी पत्नी पुष्पा देवी को कोर्ट ने जमानत दे दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने अमरेंद्र भूषण के खिलाफ़ वारंट भी जारी कर दिया है।

निर्मला पांडेय कहती हैं हमें ज्यादा कुछ मालूम नहीं था, इसलिए हम एनआरआई के चक्कर में फँस गए। भुगतने के बाद अब पता चल रहा है कि एनआरआई से शादी नहीं करनी चाहिए। उसने न तो अपने बारे में हमें कोई डिटेल्स बतायी, न ही कोई डॉक्यूमेंट दिया।

निर्मला पांडेय कही हैं, अमरेंद्र मेरी बेटी से बात नहीं करता था, जबकि मेरी बेटी बात करना चाहती थी। शादी से पहले भी हमने कई बार पूछा तुम शादी के लिए इंट्रेस्टेड हो कि नहीं, मगर वो कुछ नहीं कहता था।

उसके मां बाप कहते थे, मेरा बेटा बहुत सीधा है। हम लोग ब्राह्मण हैं, गुरुदीक्षा लिए हैं प्याज-लहसुन तक नहीं खाते। नॉनवेज तो सोच भी नहीं सकते थे। लड़के के मां-बाप ने बोला था कि हमारा लड़का नॉनवेज नहीं खाता, ड्रिंक नहीं करता। पर शादी के बाद पता चला कि लड़का तो पोर्क तक खाता है, ड्रिंक्स करता है।

लड़के ने ईमेल से लिखकर बताया था कि वो कंपनी में डायरेक्टर है। इतना सब होने के बाद जब हमने छानबीन की तो उस कंपनी से हमें ईमेल आया कि इस नाम का कोई भी आदमी हमारे यहां काम नहीं करता। उसने झूठ बोलकर हमें धोखा दिया। लड़के का एजेंडा ये था कि शादी करके लड़की को जमशेदपुर मां-बाप के पास छोड़ देगा, उनके घर का कामकाज करने के लिए और कभी साल-छह महीने में गेस्ट की तरह आ जाया करेगा।

अपने मां-बाप के साथ शादी में एनआरआई दूल्हा अमरेंद्र

लेकिन जब हमने उस पर दबाव बनाया कि वो लड़की को साथ ले जाए तो उसका झूठ परत दर परत खुलता चला गया। उस वक़्त मेरी बेटी ने भी कई बार आगाह किया था कि शादी में इतना खर्च कर रही हो तो एक बार वहां जाकर देख आओ, पर हमने अपने लड़के की बातों पर आँख मूंदकर भरोसा कर लिया। हमसे ये बड़ी गलती हुई।

हमने कुछ लोगों के कहने पर ग्रीस अम्बेसी में एक अप्लीकेशन ईमेल की थी तो वहां से जवाब आया कि उन लोगों ने छानबीन के लिए अमरेंद्र भूषण को बुलाया था, तो उसने ग्रीस एम्बेसी में एक अप्लीकेशन के साथ एक कॉपी जमा की कि मुझे तो डिवोर्स मिल गया है। हमने जब वो डिवोर्स कॉपी मंगवाई तो देखा कि उसने उसमें गलत एड्रेस डालकर हमें एक्स पार्टी घोषित किया हुआ है।

तिलक समारोह की तस्वीर

पीड़िता अंशु की मां निर्मला पांडेय भारतीय न्यायपालिका पर सवाल खड़े करते हुए कहती हैं, जबकि हमारा उसी गुड़गांव कोर्ट में मेंटिनेंस का केस चल रहा है और उसी जज के कोर्ट में हमें एक्स पार्टी कैसे डिक्लेयर कर दिया गया। इससे बड़ी धोखाधड़ी और क्या होगी। देश की न्याय व्यवस्था बेटियों के हितों की रक्षा करने के लिए है, और बेटी यहां तीन साल से धक्के खा रही है और वो आदमी वहां एथेंस में बैठकर गुड़गांव के कोर्ट में हमें एक्स पार्टी घोषित कर तलाक़ हासिल करके फरार हो जाता है। पैसे के दम पर देश की न्यायपालिका में सबकुछ इतनी सफाई से मैनेज कर लिया गया।

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