मध्यप्रदेश में BJP की सरकार आते ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बंद हुआ फर्जीवाड़ा केस
मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की सत्ता थी तो 12 मार्च को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 2009 में ग्वालियर में एक जमीन बेचने के मामले में सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का फैसला किया था...
जनज्वार। मध्यप्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज उस मामले को बंद कर दिया है जिसमें उनके खिलाफ दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर जमीन बेचने का आरोप लगया गया था।
सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस छोड़ दी थी और उसके बाद भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस से उनके इस्तीफे के बाद पार्टी की मध्यप्रदेश ईकाई में विद्रोह शुरु हो गया था, इसके बाद जो 22 विधायक उनके खेमे से थे उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया। इसके चलते पिछले सप्ताह कमलनाथ की सरकार गिर गई।
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जब राज्य में कांग्रेस की सत्ता थी तो 12 मार्च को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 2009 में ग्वालियर में एक जमीन बेचने के मामले में सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का फैसला किया था।
आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों के मुताबिक, इसने (आर्थिक अपराध शाखा के ग्वालियर कार्यालय) शुक्रवार को सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ मामला बंद कर दिया। संयोग से, कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में शुक्रवार को पद छोड़ दिया क्योंकि उनकी सरकार अल्पमत में थी।
'द टेलीग्राफ' के मुताबिक ईओडब्ल्यू के अधिकारी ने कहा कि 12 मार्च को श्रीवास्तव ने सिंधिया और उनके परिवार के खिलाफ एक ताजा शिकायत दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने रजिस्ट्री दस्तावेज में फर्जीवाड़ा करके उन्हें महलगांव में जमीन का एक टुकड़ा बेच दिया, जो 6,000 वर्गफुट से छोटा था।
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अधिकारी ने कहा, उन्होंने शुरुआत में 26 मार्च 2014 को सिंधिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जो उस समय कांग्रेस के नेता थे और उनका परिवार कांग्रेस में था। लेकिन इसकी जांच की गई और मई 2018 (जब राज्य में भाजपा सत्ता में थी) को बंद कर दिया गया।