Begin typing your search above and press return to search.
जनज्वार विशेष

प्रयागराज में लोक निर्माण विभाग ने जिस रोड को बनाया 50 लाख में, 8 महीने के अंदर उसी रोड को दोबारा पीडीए बनाएगा 7.70 करोड़ में

Prema Negi
1 Dec 2019 4:15 PM GMT
प्रयागराज में लोक निर्माण विभाग ने जिस रोड को बनाया 50 लाख में, 8 महीने के अंदर उसी रोड को दोबारा पीडीए बनाएगा 7.70 करोड़ में
x

लोक निर्माण विभाग ने जिस सड़क का निर्माण 8 महीने पहले किया था कुंभ के दौरान तकरीबन 50 लाख में, अब उसी सड़क को दोबारा प्रयागराज विकास प्राधिकरण बनायेगा 14 गुना ज्यादा कीमत पर...

पीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों का आकलन विकास के लिए नहीं, बल्कि आम जनता की निजी फ्री होल्ड भूमि पर अवैध कब्जा करने और वित्तीय लूट के लिए बनाया गया है, क्योंकि सड़क निर्माण में जितनी सरकारी भूमि उपलब्ध है, उस पर लोक निर्माण विभाग कर चुका है सड़क निर्माण...

जेपी सिंह की खास रिपोर्ट

क्या एक सड़क एक साल के भीतर उत्तर प्रदेश शासन के दो अलग-अलग विभाग बनवा सकते हैं, आपका उत्तर होगा नहीं, लेकिन प्रयागराज में ऐसा धड़ल्ले से हो रहा है। नगर के यातायात चौराहे से पश्चिम की ओर म्योर रोड राजापुर मलिन बस्ती से बाबा चौराहे तक नवंबर 2018 में 2019 के कुंभ मेले के कार्य के तहत लोक निर्माण विभाग द्वारा नवीनीकरण व निर्माण का कार्य 50.59 लाख रुपए में किया जा चुका है, जिसकी प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक 7 सितंबर 2019 को ई निविदा एक समाचार पत्र में दी गयी।

समें क्रमांक संख्या 7 पर म्योर रोड के उक्त रोड की भी ई निविदा थी, जिसकी लागत 7.70 करोड़ रुपये दर्शायी गयी थी, जिसकी शिकायत पीएमओ तक होने के कारण यह निरस्त कर दी गयी। दोबारा निविदा मांगी गयी, पर उसे भी निरस्त कर दिया गया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायी गयी उक्त सड़क के निर्माण के 8 महीने बाद ही लोक निर्माण विभाग द्वारा खर्च की गयी रकम से लगभग 14 गुना अधिक आकलन नियमों के विरूद्ध बनाया गया है। यानी 14 गुना ज्यादा कीमत पर खुद पीडीए वहां सड़क निर्माण करेगा।

संबंधित खबर : अतिक्रमण और अवैध निर्माण को संरक्षण देते अधिकारियों को दंडित करने का कानून, मगर 97 से अब तक एक पर भी नहीं हुई कार्रवाई

ससे यह स्पष्ट होता है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों एवं अभियंताओं का आकलन विकास के लिए नहीं, परंतु नागरिकों की निजी फ्री होल्ड भूमि को अवैध कब्जा करने एवं वित्तीय लूट के लिए बनाया गया है, क्योंकि सड़क निर्माण में जितनी सरकारी भूमि उपलब्ध है, उस पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क का निर्माण किया जा चुका है।

सके अलावा प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारी लगातार झूठ बोलते हैं। एक ही मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोई और जानकारी देते हैं, जबकि आरटीआई में उसके उलट फर्जी दावा करते हैं। एक आरटीआई के जवाब में प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी सत शुक्ला एवं सचिव प्रयागराज विकास प्राधिकरण दयानन्द ने अपने उत्तर में कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा यातायात को सुगम बनाने के लिए सड़क का चौड़ीकरण हेतु आदेश का पालन किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें : गंगा एक्सप्रेस-वे को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी थी मंजूरी, मगर प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से प्रयागराज में कछार किनारे लाखों अवैध निर्माण!

त शुक्ला द्वारा दिया गया उत्तर पूरी तरह गलत एवं असत्य हैं। ऐसा कोई भी आदेश उच्च न्यायालय द्वारा नहीं दिया गया है। इसके विपरीत रिट याचिका संख्या 19009/2016 मनोज कुमार (इलाहाबाद) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य तथा रिट याचिका संख्या 18764/2016 पूरन चंद्र (आगरा) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में उच्च न्यायालय के समक्ष यह मामला लाया गया कि प्रशासन मामले में याचिकाओं के भूमि को बिना किसी समुचित योजना, प्रस्ताव व अधिग्रहण या क्रय किए एवं बिना किसी भूमि अभिलेख व बिना किसी स्थल की भौतिकी एवं स्थलीय निरीक्षण किए अधिकारियों द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है।

जोनल अधिकारी सत शुक्ला द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शासनादेश संख्या 327/एक-13-2016/ राजस्व अनुभाग-13 लखनऊ दिनांक 12 मई 2016, जो कि नियम विरुद्ध किसी भी नागरिकों की भूमि पर अवैध कब्जा न किया जाए को, छिपाया गया है।

यह भी पढ़ें –जनज्वार एक्सक्लूसिव : इलाहाबाद में अरबों-खरबों का स्टेट लैंड घोटाला

जोनल अधिकारी सत शुक्ला ने लिखा है कि नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत ही सड़कों का चौड़ीकरण कराया गया है, परंतु नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि नागरिकों की निजी भूमि, फ्री होल्ड भूमि एवं निजी भवन व निजी दुकान को बलपूर्वक व प्रशासनिक दबंगई से बंदूक की नोक पर बलपूर्वक अवैध कब्जा कर लिया जाए। इस तरह का कार्य तो असामाजिक तत्व और भू माफिया करते हैं।

लाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन से उक्त संबंध में 17 मई 2016 को शपथ पत्र भी लिया गया है। उक्त तथ्य को जोनल अधिकारी सत शुक्ला द्वारा धोखे से छिपा गया, जबकि म्योर रोड राजापुर पुराना निर्मित क्षेत्र घोषित है। उक्त 900 मीटर के क्षेत्र में लगभग 1000 परिवार के पुराने मकान भवन लगभग 80 से 90 वर्षों पूर्व से बने हुए हैं। इस क्षेत्र में किसी के द्वारा कोई भी अतिक्रमण नहीं किया गया है। म्योर रोड एवं राजापुर क्षेत्र स्मार्ट सिटी के योजना के अंतर्गत भी नहीं आता है। जोनल अधिकारी सत शुक्ला व जिलाधिकारी प्रयागराज द्वारा दिए गए उत्तर में खुलकर झूठ बोला गया है।

यह भी पढ़ें : प्रयागराज विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार के कारण बाढ़ की चपेट में 30 हजार परिवार

जोनल अधिकारी सत शुक्ला ने अपने उत्तर में कहा है कि उक्त क्षेत्र का जोनल डेवलपमेंट प्लान बना हुआ है और 18 दिसम्बर 2011 से प्रभावी है, जबकि उक्त क्षेत्र राजापुर उत्तरी में जोनल प्लान उपजोन जोन बी (5) में आता है। जोन बी(5) का कोई भी जोन प्लान नहीं बना है, जिसका शपथ पत्र प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा दिनांक 24 जून 2019 को उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका संख्या 37797/2018 (शिव वाटिका बरात घर एवं अन्य बनाम स्टेट ऑफ यूपी आदि) में दिया गया है। अतः इससे यह सिद्ध होता है कि अक्षम जोनल अधिकारी सत शुक्ला एवं प्रयागराज विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारी भी सम्मिलित है।

सी प्रकार म्योर रोड राजापुर क्षेत्र में दक्षिण की तरफ उपजोन बी (4) जो प्रयागराज विकास प्राधिकरण के मनगढ़ंत हिसाब से भू-माफ़ियाओं व बड़े बिल्डरों को लाभ पहुँचाने के लिए बनाया गया है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण और नियोजन विभाग के पास जब उक्त राजापुर म्योर रोड का राजस्व भूमि का भूमि अभिलेख उपलब्ध नहीं है तो प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा 24 मी.रोड प्रस्तावित दिखाकर रोड की चौड़ाई तय करना नगर नियोजन और नगर विकास अधिनियम की धारा 17, संविधान के अनुच्छेद 300A एवं भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के विरुद्ध है।

स क्षेत्र में कोई भी खाली जमीन या खेत नहीं है, यहां पुरानी घनी निर्मित आबादी है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा रिट याचना सं0 4633/2019 राजेंद्र प्रसाद अरोड़ा व 2 अन्य बनाम स्टेट ऑफ़ उत्तर प्रदेश व 2 अन्य दिनांक 16 नवम्बर 2019 को प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा बनाये गये जोनल प्लान उपजोन बी (4)अवैध घोषित करके निरस्त कर दिया गया और निर्देश दिया गया है कि उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 में दिए गए नियमों के अनुसार फिर से बनाया जाए।

जोनल अधिकारी सत शुक्ला का कहना है कि यातायात चौराहे से पूर्व की ओर आनंद हॉस्पिटल तक म्योर रोड की चौड़ीकरण किया जा चुका है, जबकि यह चौड़ीकरण मनमोहन पार्क म्योर रोड कटरा चौराहा तक नियम विरुद्ध किया गया है। यह चौड़ीकरण पुलिस एवं प्रशासन द्वारा बलपूर्वक नागरिकों की नजूल भूमि व फ्रीहोल्ड भूमि पर अवैध कब्जा करके किया गया।

विरोध होने पर आनंद अस्पताल से पूर्व की ओर म्योर रोड कमला नेहरू रोड मनमोहन पार्क चौराहे से पश्चिम की ओर म्योर रोड पर स्थित दोनों ओर पुराने भवनों को भू-राजस्व अभिलेख के अनुसार यथावत छोड़ दिया गया, जबकि यह क्षेत्र नजूल भूमि व फ्रीहोल्ड भूमि में बसा हुआ है, उक्त क्षेत्र का कोई भी जोनल प्लान नहीं है।

Next Story

विविध