कभी ममता के 'राइट हैंड' रहे मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक, पार्टी के कद्दार नेता एवं पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय आखिरकार भाजपा में आज विधिवत शामिल हो ही गए हैं।
कोलकाता। पिछले महीने 11 अक्तूबर को पार्टी के सभी पदों और पार्टी के सांसद पद से भी इस्तीफा देते हुए दिल्ली में राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। निलंबन के बाद से भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से उनकी मुलाकात के बाद अटकलें तेज हो गईं कि वे भाजपा के साथ जा सकते हैं और यह अटकलें सच साबित हुईं।
गौरतलब है कि राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी के साथ अपनी नाराजगी को जगजाहिर भी कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं कॉमरेड हूं न कि ममता बनर्जी का नौकर।
आज भाजपा में शामिल होते हुए मुकुल राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करना उनके लिए बड़े गर्व की बात होगी। भाजपा में शामिल होते हुए उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी का विकल्प चाहती है, और अगले चुनाव में भाजपा को वोट कर वह यह साबित भी करेगी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए मुकुल रॉय ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं है, बल्कि वह एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय में मुकुल रॉय का भाजपा में शामिल होना भाजपा के लिए अगले चुनावों में फायदे का सौदा साबित होगा, क्योंकि वे जमीनी रूप से जुड़े नेता हैं।
कुशल कार्यकर्ता, पार्टी और चुनावी मैनेजमेंट के महारथी रहे मुकुल रॉय अब तक ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के चुनावी प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी रहे हैं। इसीलिए विश्लेषक कह रहे हैं कि चूंकि मुकुल राय जानते हैं कि चुनाव जीतने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाने होंगे और कहां क्या करना होगा, इसका लाभ भाजपा को जरूर होगा। गौरतललब है कि तृणमूल पार्टी को दो बार सत्ता तक पहुंचाने में इनके चुनाव प्रबंधन की अहम भूमिका मानी जाती रही है।
अब तक कहा जा रहा था कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के पास चुनाव जिताने वाला कोई चेहरा नहीं है, अब उसे मुकुल रॉय के बतौर वह चेहरा मिल चुका है तो तृणमूल के गढ़ माने जाने वाले बंगाल में भाजपा कुछ हद तक सेंध जरूर लगाएगी।
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