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राजनीति

मोदी कैबिनेट में 42 फीसद मंत्री दागीः 31% के खिलाफ संगीन अपराध दर्ज, चार पर हत्या के प्रयास का केस

Janjwar Desk
10 July 2021 3:49 AM GMT
मोदी कैबिनेट में 42 फीसद मंत्री दागीः 31% के खिलाफ संगीन अपराध दर्ज, चार पर हत्या के प्रयास का केस
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(मोदी कैबिनेट में 42 फीसदी मंत्री दागी)

मोदी कैबिनेट में 78 में से 42 प्रतिशत मंत्रियों के खिलाफ कोई ना कोई आपराधिक मामले दर्ज, 90 फीसदी मंत्री करोड़पति, और केंद्रीय कैबिनेट में 12 मंत्रियों (15 फीसदी) की शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ से 12वीं के बीच है

जनज्वार ब्यूरो। मोदी सरकार 2.0 का बुधवार को विस्तार हो गया। जिसमें 43 नये मंत्रियों ने शपथ ली। मोदी कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 78 हो गयी है। इस 78 मंत्रियों वाले मंत्रिमंडल के 42 फीसद मंत्री दागी है। चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले समूह एडीआर की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आयी है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने चुनावी हलफनामों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा कि इन सभी मंत्रियों के किए गए विश्लेषण में 42 प्रतिशत यानी 33 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने का उल्लेख किया है। बता दें कि 15 नए कैबिनेट मंत्रियों और 28 राज्य मंत्रियों ने बुधवार को शपथ ली थी।

42 प्रतिशत मंत्री दागी

सभी मंत्रियों के शपथपत्रों के विश्लेषण के बाद एडीआऱ द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी मंत्रिमंडल के 78 में से 33 मंत्रियों यानी कुल 42 प्रतिशत ने अपने ऊपर आपराधिक मामले होने की बात स्वीकारी है। इनमें से 24 मंत्री यानी 31 फीसदी ऐसे हैं जिनके ऊपर गंभीर किस्म के मामले दर्ज हैं। इन मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट जैसे संगीन अपराध शामिल हैं। पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार से सांसद व अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बरला पर 24 गंभीर अपराध की धाराओं वाले 9 मामले और 38 अन्य मामले दर्ज हैं। वहीं कूच बिहार के सांसद व गृह राज्यमंत्री निशित प्रमाणिक पर 21 गंभीर किस्म की धाराओं वाले 11 मामले हैं। वह 35 वर्ष के मंत्री परिषद के सबसे युवा चेहरे भी हैं।

वित्त राज्यमंत्री बनाए गए उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी पर हत्या के प्रयास के कुल 5 मामले दर्ज हैं। चार मंत्रियों ने हत्या के प्रयास से जुड़े मामलों को स्वीकार किया है। ये मंत्री हैं जॉन बारला, प्रमाणिक, पंकज चौधरी और वी मुरलीधरन। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट के पांच मंत्रियों पर सांप्रदायिकता फैलाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप है। इनमें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने नाम शामिल हैं। वहीं नितिन गडकरी समेत सात मंत्रियों पर चुनाव के दौरान अवैध ढंग से आर्थिक फायदा लेने का आरोप है।

मोदी कैबिनेट के 90 फीसद मंत्री करोड़पति

एडीआर की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि मोदी कैबिनेट के 90 प्रतिशत मंत्री करोड़पति है। जिन 78 मंत्रियों का विश्लेषण किया गया उनमें से 70 करोड़पति हैं। प्रति मंत्री औसत संपत्ति 16.24 करोड़ रुपये है। जबकि चार मंत्रियों ने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का उल्लेख किया है। ये मंत्री हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीयूष गोयल, नारायण तातु राणे और राजीव चंद्रशेखर। सबसे ज्यादा 379 करोड़ रुपये की संपत्ति राजघराने से संबंध रखने वाले नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की है। कपड़ा मंत्री का पद संभाल रहे पीयूष गोयल की कुल संपत्ति 95 करोड़ से अधिक है। एमएसएमई मंत्री नारायण राणे के नाम पर 87 करोड़ से ज्यादा, जबकि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर के पास 64 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।

प्रतिमा भौमिक के पास 6 लाख की संपत्ति

केंद्रीय मंत्रिमंडल में आठ मंत्रियों की संपत्ति एक करोड़ से भी कम है। वहीं सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक की संपत्ति सबसे कम है। उनके नाम महज 6 लाख रुपये की कुल संपत्ति है। उन्हें सबसे 'गरीब' मंत्री कहा जा सकता है। जॉन बरला के नाम 14 लाख, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के नाम 24 लाख की कुल संपत्ति है।

82 फीसदी मंत्री स्नातक से ज्यादा शिक्षित

मोदी कैबिनेट के बदले स्वरूप में 15 फीसद यानी 12 मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता कक्षा 8 से 12वीं के बीच है। जबकि 64 मंत्री यानी तकरीबन 82 फीसदी ग्रजुएट और उससे अधिक योग्यता रखते हैं। इनमें दो मंत्री डिप्लोमा धारक, तो 17 स्नातक हैं। अन्य 17 के पास प्रोफेशनल स्नातक डिग्री है तो 21 मंत्री परास्नातक और 9 डॉक्टर हैं।

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