Attack On Muslim In India : पता होता कि हिंदुस्तान में मुस्लिमों को दबाया जाएगा तो कुछ और होता हमारा फैसला - उमर अब्दुल्ला
Attack On Muslim In India : पता होता कि हिंदुस्तान में मुस्लिमों को दबाया जाएगा तो कुछ और होता हमारा फैसला - उमर अब्दुल्ला
Attack On Muslim In India : जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने देश में चल रहे लाउड स्पीकर (Loudspeaker Row) से लेकर हलाल मीट (Halal Meat) तक के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
देश में बढ़ते विवाद पर बोले उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने कहा, 'सियासत के लिए गलत माहौल बनाया जा रहा है। ये सिर्फ हिजाब की बात नहीं है, हमें कहा जा रहा है कि मस्जिदों में लाउड स्पीकर इस्तेमाल नहीं होने चाहिए। अगर बाकी जगहों पर लाउड स्पीकर इस्तेमाल होते हैं तो मस्जिदों में क्यों नहीं।'
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, 'आप हमें कहते हैं कि हमें हलाल मीट नहीं बिकना चाहिए। हमारे मजहब में लिखा है कि हलाल मीट ही खाना है। आप इसपर रोक क्यों लगा रहे हैं। हम आपको हलाल मीट खाने पर मजबूर नहीं कर रहे कि आप हलाल मीट खाएं।'
Jammu&Kashmir agreed to accession with India when we were told that all religions will be seen with equal eyes here. At that time, if it had been told that one religion would be given more importance than others here,then,may be our decision would've been different: Omar Abdullah pic.twitter.com/uIisYlNh0U
— ANI (@ANI) April 27, 2022
सिर्फ मुस्लिम मजहब खटकता है
हम आपसे नहीं कहते कि मंदिरों में माइक नहीं लगने चाहिए। क्या मंदिरों, गुरुद्वारे में माइक नहीं लगते, लेकिन आपको सिर्फ हमारा माइक खटकता है, हमारा मजहब खटकता है। आपको हमारे कपड़े पसंद नहीं हैं। आपको हमारा नमाज पढ़ने का तरीका पसंद नहीं है।
हिंदुस्तान में मुस्लिमों को दबाया जा रहा
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि एक नफरत लोगों में डाली जा रही है। ये वो हिंदुस्तान नहीं है जिसके साथ जम्मू-कश्मीर ने समझौता किया था। हमने उस हिंदुस्तान के साथ समझौता किया था जिसमें हर मजहब को बराबरी की नजर से देखा जाता था। हमें ये नहीं कहा गया था कि एक मजहब को ज्यादा एहमियत दी जाएगी और दूसरे मजहब को दबाया जाएगा। हमें ये कहा गया होता तो शायद हमारा फैसला कुछ और होता।
हिंदुस्तान में भाईचारे को किया जा रहा तहस-नहस
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने सोच समझ कर फैसला किया था क्योंकि हमें यही कहा गया था कि हर महजब को बराबरी की नजर से देखा जाएगा। हम भाईचारे की बात करते हैं लेकिन हमारा मुकाबला उन लोगों के साथ है जो भाई चारे को तहस-नहस करने की बात करते हैं। हम इसकी इजाजत नहीं देंगे।
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