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राजनीति

'भस्मासुर जैसा है मायावती का हाथ, सिर पर रखकर सब खींच लेती हैं' - BJP की पूर्व विधायिका के बहनजी पर बिगड़े बोल

Janjwar Desk
22 Oct 2022 11:06 AM GMT
भस्मासुर जैसा है मायावती का हाथ, सिर पर हाथ रखकर सब खींच लेती हैं - BJP की पूर्व विधायिका के बहनजी पर बिगड़े बोल
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'भस्मासुर जैसा है मायावती का हाथ, सिर पर हाथ रखकर सब खींच लेती हैं' - BJP की पूर्व विधायिका के बहनजी पर बिगड़े बोल

Saharanpur News: बसपा सुप्रीमों और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) को लेकर भाजपा की पूर्व विधायिका ने विवादित बयान दिया है। इस बयान को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर भाजपा की पूर्व विधायक शशि बाला पुंडीर ने पोस्ट लिखकर यह बात कही है...

Saharanpur News: बसपा सुप्रीमों और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) को लेकर भाजपा की पूर्व विधायिका ने विवादित बयान दिया है। इस बयान को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में सियासत तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर भाजपा की पूर्व विधायक शशि बाला पुंडीर ने पोस्ट लिखकर यह बात कही है। जिसमें मायावती को भस्मासुर तक बता डाला है।

दरअसल बहनजी ने इमरान मसूद (Imran Masood) के सिर पर हाथ रखकर फोटो खिंचवाई जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसी फोटो को पोस्ट बनाकर शशि बाला पुंडीर ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया है। हालांकि इमरान मसूद की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्होने बोलने से इनकार कर दिया।


भाजपा नेता शशि बाला पुंडीर (Shashi bala Pundir) ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि, मायावती जी बिना लक्ष्मी, बिना धन, रकम के लिए सिर पर हाथ रख दें यह बहुत बड़ी बात है। उन्होने लिखा की मायावती जी सिर पर हाथ रखकर भस्मासुर की तरह धन खींच लेती हैं। और सामने वाले को कंगाल कर देती हैं।

पूर्व BJP विधायिका ने कहा कि, इमरान के बारे में लोग समझ चुके हैं। कपड़ों की तरह वे पार्टियां बदलते हैं। जब सत्ता आती है, तब इमरान मसूद शेर हो जाता है। नहीं तो छटाक रह जाता है। पार्टी बदलना गलत नहीं है। पार्टी में मनभेद और मतभेद हो सकते हैं। मैंने भी कई बार पार्टी छोड़ी है। कल्याण सिंह के समय। फिलहाच में भी चुनाव के समय मैंने पार्टी छोड़ दी थी। लेकिन चुनाव के समय फिर से मुझे बुलाया गया।

शशि बाला ने आगे कहा कि, इमरान मसूद (Imran Masood) से अच्छी वे मुस्लिम महिलाएं हैं, जो जिनके पति मरने के बाद उन्हें पति के जाने का अफसोस होता है।वह 40 दिन इद्दत में तो मुँह छिपाकर बैठ जाती हैं। लेकिन वहीं इमरान मसूद इद्दत का समय भी पूरा नहीं कर पाते हैं। और इमरान मसूद पार्टी बदल लेते हैं।'

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