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राजनीति

'चाहे कुछ भी हो, मेरा फ़र्ज़ वही रहेगा...आइडिया ऑफ इंडिया की रक्षा करना' सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी

Janjwar Desk
4 Aug 2023 4:41 PM IST
चाहे कुछ भी हो, मेरा फ़र्ज़ वही रहेगा...आइडिया ऑफ इंडिया की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी
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Rahul Gandhi Defamation Case :अपने ट्वीट से राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वह संसद में वापस आकर न सिर्फ जनता के सवालों को उठाकर भ्रष्टाचारियों और उनके साथ सरकार के रिश्तों को उजागर करेंगे, ​बल्कि 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के सामने कड़ी चुनौती भी पेश करेंगे...

Rahul Gandhi Defamation Case : मोदी सरनेम मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, 'चाहे कुछ भी हो, मेरा फ़र्ज़ वही रहेगा...आइडिया ऑफ इंडिया की रक्षा करना।'

अपने ट्वीट से राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि वह संसद में वापस आकर न सिर्फ जनता के सवालों को उठाकर भ्रष्टाचारियों और उनके साथ सरकार के रिश्तों को उजागर करेंगे, ​बल्कि 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के सामने कड़ी चुनौती भी पेश करेंगे। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को मानहानि केस में राहत मिलने के बाद तरह तरह के कयासों का दौर शुरू हो चुका है। लोग यहां तक कहने लगे हैं कि 2024 में कांग्रेस सत्ता में आयेगी और राहुल गांधी मोदी को बुरी तरह हरायेंगे।

गौरतलब है कि मोदी सरनेम मानहानि केस में सूरत की कोर्ट के सज़ा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गयी थी। सूरत कोर्ट से उनकी सांसदी रद्द होने के बाद राहुल गांधी ने फ़ैसले के ख़िलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया था और वहां से भी राहत नहीं मिलने के बाद राहुल गांधी के दरवाजे तक पहुंचे थे।

राहुल की सांसदी बरकरार रखने की उम्मीद और सजा पर रोक लगाये जाने के बाद विश्लेषक भी कहने लगे हैं कि सूरत कोर्ट को मोदी सरनेम मामले में राहुल की सदस्यता रद्द करना महंगा पड़ गया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ राहुल गांधी के लिए सही न्याय किया है, बल्कि 2024 का चुनाव लड़कर राहुल मोदी को कड़ी टक्कर देंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी की सड़क से लेकर संसद तक में इस बीच लोकप्रियता हद से ज्यादा बढ़ी है। देश अब मोदी के मुकाबले राहुल को ही विपक्ष का सबसे बड़ा नेता के तौर पर देख रहा है।

आज मोदी सरनेम मानहानि केस में सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि राहुल गांधी का लहजा अच्छा नहीं था और पब्लिक लाइफ में किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से कुछ बोलने से पहले सावधानी की उम्मीद की जाती है, मगर उन्हें अधिकतम सजा ट्रायल कोर्ट द्वारा क्यों सुनायी गयी, यह अचंभित करने वाला है। खंडपीठ ने कहा कि वह जानना चाहता है कि राहुल को अधिकतम सजा क्यों दी गई। कोर्ट ने कहा कि अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते।

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