Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

कोरोना की शर्तिया दवा बेचने पर रामदेव-बालकृष्ण के खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज

Janjwar Desk
24 Jun 2020 9:08 AM GMT
कोरोना की शर्तिया दवा बेचने पर रामदेव-बालकृष्ण के खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज
x

File photo

बिहार के मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में रामदेव के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज, जान-बूझकर घातक कदम उठाने का लगाया गया है आरोप...

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में दाखिल किए गए इस मुकदमे में उनके द्वारा लांच की गई कोरोना की दवा से भविष्य में लाखों लोगों की जान पर खतरा होने का आरोप लगाया गया है।

स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि द्वारा कल 23 जून को बड़े जोर-शोर से कोरोना की दवा लॉन्च की गई थी। 'कोरोनिल' नामक इस दवा को लॉन्च करते हुए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि इस दवा का क्लिनिकल परीक्षण किया गया है। उन्होंने दावा किया था कि 'कोरोनिल' से कोरोना के 69 फीसदी मरीज 3 दिनों में और 100 फीसदी मरीज 7 दिनों में स्वस्थ हो जाएंगे।

इस दवा के लॉन्च होते ही सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष बन गया था। एक तबका इसे बड़ी उपलब्धि बता रहा था तो दूसरा तबका दावे को गलत बता रहा था।

मुजफ्फरपुर सीजेएम के न्यायालय में 24 जून बुधवार को दायर हुए इस मुकदमे में कहा गया है कि कोरोना की दवा कोरोनिल लॉन्च की गई है। आयुष मंत्रालय ने इस आधार पर दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है।


मुजफ्फरपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी द्वारा दायर मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि साजिशन षडयंत्र के तहत आयुष मंत्रालय सहित पूरे देश को धोखा दिया गया है। जान-बूझकर घातक नुकसानदेह कदम उठाया गया है, जिससे भविष्य में लाखों लोगों की जान पर खतरा हो सकता है। इसमें आईपीसी की धारा 420, 120 बी, 270, 504/34 के तहत मामला दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। बताया जा रहा है कि अगली सुनवाई की तिथि 30 जून मुकर्रर की गई है।

केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा इस दवा के लॉन्चिंग की मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए इसके प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दिया गया था। आयुष मंत्रालय ने कहा था कि इस दवा के क्लिनिकल स्टडी के दावों और परिणामों के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज ऐक्ट 1954 के प्रावधानों के विरुद्ध है। साथ ही कोविड19 को लेकर केंद्र सरकार के निर्देश पर जारी किए गए मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के भी विरुद्ध है। हालांकि आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया है कि कम्युनिकेशन गैप के कारण यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है। सारे मानकों का पालन किया गया है और सूचनाएं दीं गईं हैं।

Next Story

विविध