Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

माले ने किया 7 मई को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन का ऐलान, कहा यूपी बन रहा योगीराज में नफरती हिंसा का केंद्र

Janjwar Desk
6 May 2025 9:49 AM IST
माले ने किया 7 मई को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन का ऐलान, कहा यूपी बन रहा योगीराज में नफरती हिंसा का केंद्र
x

जिस थवई टोला कांड से बने योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के फायरब्रांड नेता, उस मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला (photot : facebook)

असहमति की आवाज पर पहरा लगा दिया गया है और दमन किया जा रहा है। लोकगायिका नेहा सिंह राठौर व प्रोफेसर माद्री काकोटी का प्रकरण उदाहरण है। महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और समाज के कमजोर वर्गों को हिंसा का निशाना बनाया जा रहा है...

लखनऊ । यूपी की ज्वलंत जन समस्याओं को लेकर सात मई को लखनऊ समेत मंडलायुक्त कार्यालयों पर भाकपा (माले) द्वारा प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। अभिव्यक्ति की आजादी, लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले, दलितों, महिलाओं व अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, बुल्डोजर न्याय, माइक्रो फाइनेंस के कर्जे, फर्जी बिजली बिल, बिजली के निजीकरण आदि सवालों पर यह कार्यक्रम होगा।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आजमगढ़, बनारस, मिर्जापुर (विंध्याचल), प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर, गोंडा (देवीपाटन), फैजाबाद (अयोध्या), बस्ती, बरेली, झांसी, चित्रकूट, मुरादाबाद व कानपुर मंडल मुख्यालयों पर प्रदर्शन होंगे। मथुरा आदि कुछ अन्य जगहों पर जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम किया जाएगा।

माले नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश नफरती हिंसा का केंद्र बनता जा रहा है। बनारस से लेकर अलीगढ़ तक हाल में हुई घटनाएं गवाह हैं। असहमति की आवाज पर पहरा लगा दिया गया है और दमन किया जा रहा है। लोकगायिका नेहा सिंह राठौर व प्रोफेसर माद्री काकोटी का प्रकरण उदाहरण है। महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और समाज के कमजोर वर्गों को हिंसा का निशाना बनाया जा रहा है।

सरकार का बुलडोजर न्याय गरीबों को उजाड़ व विस्थापित कर रहा है। माइक्रोफाइनेंस के कर्ज जाल में फंसकर लोग आत्महत्या कर रहे हैं। फर्जी बिजली बिल से लोग परेशान हैं। मनरेगा में कटौती ग्रामीण गरीबों के लिए चिंता का विषय है। स्कीम वर्करों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देना लंबित है। सर्वोपरि, हर स्तर पर संवैधानिक अधिकारों व लोकतंत्र को सीमित किया जा रहा है। यह सब लोकतांत्रिक शक्तियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

Next Story

विविध