2017 में रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करना था मोदी का जबर्दस्त मास्टरस्ट्रोक
राष्ट्रपति बने कोविंद ने कहा था उनने कभी सोंचा नहीं था कि वह इस पद पर बैठेंगे
जनज्वार, लखनऊ/कानपुर। आजादी के 70वें वर्ष में दूसरी बार देश के सर्वोच्च पद के लिए एक दलित उम्मीदवार को चुना गया था। लिहाजा दलित प्रत्याशी के चयन को व्यापक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मास्टस्ट्रोक के रूप में देखा गया। इस चयन से हुआ ये कि विपक्ष का पूरा गठबंधन असमंजस में पड़ गया था।
साल 2017 में राष्ट्रपति पद के लिए दलित उम्मीदवार चुनकर पहले चाल चल देने का लाभ एनडीए के लिए इतना जबर्दस्त था कि 17 विपक्षी दलों के महागठबंधन को कांग्रेस की मीरा कुमार को ही उम्मीदवार बनाना पड़ा था। क्योंकि मीरा कुमार भी दलित थीं।
हालांकि विरोधाभास देखिये की दलित पृष्ठभूमी के उम्मीदवार को चुनते समय तमाम राजनैतिक पार्टियों का नेतृत्व उस भारी-भरकम कीमत के बारे में पूरी तरह खामोश रही जो देश के करदाताओं को राष्ट्रपति के पद को बनाए रखने के लिए वहन करनी पड़ती है।
इस पद पर आसीन व्यक्ति की सुख-सुविधाएं
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जीतने के बाद 5 सालों तक परिवार सहित रॉयसीना हिल्स इलाके में 330 एकड़ से ज्यादा एरिया में फैले 340 कमरों वाले राष्ट्रपति भवन के एक विंग की दो मंजिलों में निवास करता है। फ्रांस के पैलेस ऑफ वर्सेलेस से भी बड़े राष्ट्रपति भवन के रखरखाव पर अनुमानता 16000 करोड़ रूपये का खर्च आता है। पहले वॉइसराय का निवास रही इस इमारत में चार विंग हैं। दो उत्तर और दो दक्षिण में। जिसमें 37 फव्वारे, 227 स्तंभ, 18 होल का गोल्फ कोर्स, टेनिस और स्क्वॉश के कोर्ट, स्वीमिंग पूल, घोड़ों और उंटों के लिए अस्तबल, एक संपूर्ण अस्पताल और यहां तक की एक पेट्रोल पंप भी है।
अमेरिका के वाशिंगटन में दुनिया के सर्वाधिक शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्ष के लिए बने व्हाइट हाउस की तुलना में राष्ट्रपति भवन कई गुना बड़ा और आलीशान है। जहां व्हाइट हाउस 18 एकड़ में 132 कमरों के साथ 55000 वर्गफुट में निर्मित है, जिसमें 7500 वर्गफुट का एक रोज गार्डन शामिल है। जबकि भारत का राष्ट्रपति भवन 330 एकड़ में 340 कमरों सहित 200000 (दो लाख) वर्गफुट में बना हुआ है। राष्ट्रपति भवन के अलावा दो और निवास जिनमें एक शिमला के मशोबरा में तथा दूसरा हैदराबाद के बोलारम में स्थित है।
2017 के राष्ट्रपति चुनाव में ये रहा था जीत का गणित
एनडीए के जीते प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को 66 प्रतिशत वोट मिले थे। उन्हें 522 सांसदों ने वोट किया था। वहीं यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार को 34 प्रतिशत वोट ही मिले थे। मीरा कुमार को 229 सांसदों ने ही वोट किया था। तब कोविंद का बयान था कि कभी सोंचा नहीं था राष्ट्रपति बनूंगा। साल 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में ना सिर्फ हर एक राज्य बल्कि प्रत्येक पार्टी में भी गहरी उथल-पुछल देखने को मिली थी।