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राजनीति

Joshimath Sinking : कर्णप्रयाण तक पहुंच चुकी हैं खौफनाक दरारें, हरीश रावत ने की नया जोशीमठ बसाने की मांग

Janjwar Desk
10 Jan 2023 7:13 PM IST
Joshimath Sinking : कर्णप्रयाण तक पहुंच चुकी हैं खौफनाक दरारें, हरीश रावत ने की नया जोशीमठ बसाने की मांग
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मकान और जमीनों में भारी दरारों के बाद अब जोशीमठ में हाइटेंशन तारों के खंभे हुए तिरछे, एक कदम और बढ़ा खतरा

Joshimath Sinking : षिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन की सुरंग की रिटेनिंग वॉल पर भी दरार की सूचना है। कर्णप्रयाग नगर निगम क्षेत्र में कुछ जगहों पर दरारें उभरने की बात सामने आई है। इससे स्‍थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है....

Joshimath Sinking : अनियंत्रित विकास के चलते उत्तराखंड के खिसकते पहाड़ों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। चारधाम की ऑल वेदर रोड, विद्युत परियोजनाएं और पहाड़ पर रेल चढ़ाने की कोशिशों में हो रहे भूमिगत विस्फोट के चलते नाजुक हो चुके पहाड़ों ने राज्य के कई शहरों की भूमि में दरारें डाल दी हैं। जोशीमठ में नोटिस में आई इन दरारों के बाद अब जबकि कई और जगहों की दरारों की चर्चा होने लगी है तो इसका दायरा भी लगातार बढ़ रहा है। ताजा मामला कर्णप्रयाग का है, जहां यह दरारें दहशत की वजह बनने लगी हैं।

चमोली जिले में भूधंसाव के रूप में आई आपदा का संकट बढ़ने के साथ ही कर्णप्रयाग के भी घरों में दरारें पड़ने की चिंताजनक खबर सामने आ रही है। इसके साथ ही ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन की सुरंग की रिटेनिंग वॉल पर भी दरार की सूचना है। कर्णप्रयाग नगर निगम क्षेत्र में कुछ जगहों पर दरारें उभरने की बात सामने आई है। इससे स्‍थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। कर्णप्रयाग नगर निगम क्षेत्र के बहुगुणा नगर के कुछ घरों में मोटी-मोटी दरारें देखने को मिली हैं। इससे स्‍थानीय लोगों में दहशत है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेल परियोजना के कार्यों के चलते कर्णप्रयाग स्थित भवनों में दरारें आ रही हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार गांवों से कर्णप्रयाग और गोपेश्वर जैसे कस्बों की ओर लोगों का पलायन बढ़ने से यहां आबादी का दबाव तेजी से बढ़ा। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से हर बरसात में गांव के कुछ घर धंसते ही हैं। लेकिन 2021 में चारधाम सड़क परियोजना के लिए अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ काटे गए। इसके बाद घरों में दरारें इतनी बढ़नी शुरू हो गई कि कुछ परिवारों को अपने घर भी छोड़ने पड़े। कर्णप्रयाग में घरों में पड़ी दरारों की जांच स्थानीय जिलास्तरीय समिति ने भी की। समिति ने माना कि हाइवे को चौड़ा करने, बारिश में पहाड़ियों को काटकर खुल छोड़ने के चलते यहां भूस्खलन हुआ और कई घरों में दरारें आईं। ये दरारें आसपास के क्षेत्रों में भी फैल सकती हैं।

नया जोशीमठ बसाया जाए

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि जोशीमठ आपदा कोई सामान्य आपदा नहीं है। यह एक बड़ी आपदा है। हालात ऐसे हैं कि कभी भी पूरा जोशीमठ तबाह हो सकता है ऐसी स्थिति में प्रभावित क्षेत्र से तत्काल सभी लोगों को हटाए जाने की जरूरत है और इसके लिए हमें एक नया जोशीमठ बसाना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोगों की जान माल की सुरक्षा पहले जरूरी है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए, उनके रहने खाने की व्यवस्था की जाए उनके पुनर्वास और जोशीमठ को बचाने का काम तो बाद की बात है। उन्होंने कहा कि यह हालात सामान्य नहीं है यह एक राष्ट्रीय आपदा जैसी है। राज्य में केदार पूरी और बद्रीनाथ के साथ-साथ पूरे प्रदेश में हो रहे तमाम निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए।

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