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राजनीति

MP Police : पुलिस की डिक्शनरी से गायब हो जाएंगे उर्दू-फारसी शब्द, शिवराज बोले- सरल हिंदी शब्दों का करें इस्तेमाल

Anonymous
4 Dec 2021 9:06 AM GMT
MP Police : पुलिस की डिक्शनरी से गायब हो जाएंगे उर्दू-फारसी शब्द, शिवराज बोले- सरल हिंदी शब्दों का करें इस्तेमाल
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(पुलिस डिक्शनरी से उर्दू-फारसी शब्द हटाएगी शिवराज सरकार)

MP Police : मुख्यमंत्री चौहान की सलाह के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्यप्रदेश पुलिस की डिक्शनरी से उर्दू और फारसी शब्द हटाने का भी आदेश दे दिया...

MP Police : मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Singh Chouhan) ने राज्य की पुलिस की डिक्शनरी से उर्दू शब्द हटाने का फैसला लिया है। राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि ऐसे शब्द जो व्यवहार में नहीं हैं वे बदले जाएंगे। पुलिस के द्वारा उर्दू फारसी शब्द के बजाय सरल हिंदी का इस्तेमाल किया जाएगा।

दरअसल सोमवार 29 नवंबर को मुख्यमंत्री शिवपाल सिंह कलेक्टर और एसपी कांफ्रेंस में ते। इसी दौरान एक पुलिस अधीक्षक ने गुमशुदा शब्द के लिए दस्तयाब शब्द का इस्तेमाल किया। जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे मुगल काल का शब्द बताते हुए सरल शब्दों का प्रयोग करने की सलाह दी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पुलिस की सिकायत दर्ज करने, जांच रिपोर्ट तैयार करने और अन्य कार्यवाही के समय सरल हिंदी शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान की सलाह के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्यप्रदेश पुलिस की डिक्शनरी से उर्दू और फारसी शब्द हटाने का भी आदेश दे दिया। मिश्रा ने कहा कि ऐसे शब्द जो प्रचलन में नहीं हैं और रिफ्यूजी टाइप के हैं, उन्हें अन्य राज्यों की तरह यहां भी बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार के इस आदेश के बाद करीब 350 उर्दू और फारसी शब्द पुलिस की डिक्शनरी से हट जाएंगे। इन शब्दों में अदम पता- जिसका पता न लगाया जा सका, तरमीम - संशोधन, इश्तगस्सा- याचिका, पतारसी- अपराध अनुसंधान से पहले की प्रक्रिया, माल मसरुटा- डकैती में लूटा माल, आला कत्ल-कत्ल में प्रयुक्त हथियार जैसे कई शब्द शामिल हैं। बता दें कि ब्रिटिश काल से ही पुलिस के द्वारा इस तरह के उर्दू और फारसी शब्द का प्रयोग किया जाता है।

इससे पहले दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी कई ऐसे शब्दों को बदला गया है। 1861 में जब पुलिस एक्ट बना था तो अंग्रेजों ने आधिकारिक भाषा में हिंदी, उर्दू, फारसी के मिश्रण वाले शब्दों को इसमें शामिल किया था।

उर्दू शब्द हटाने के फैसले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि भाजपा को इन शब्दों का मतलब समझने में 18 साल लग गए। उनको हत्या, बलात्कार जैसे शब्दों का मतलब समझना था जिससे हालात सुधरते। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। यह सिर्फ राजनीति है।

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